क्लिनिकल स्टेब्लिसमेंट एक्ट में संशोधन कर लागू नहीं किया गया तो डॉक्टर्स अपना क्लिनिक बंद करने को बाध्य होंगे: डॉ प्रदीप कुमार सिंह

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झारखंड आईएमए कार्यकारिणी की बैठक संपन्न

मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट जल्द लागू करने की भी मांग

RANCHI: झारखंड आईएमए की रविवार को रांची आईएमए भवन में आयोजित कार्यकारिणी की बैठक की अध्यक्षता डॉ एके सिंह ने की।

बैठक में मुख्य रुप से मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने और क्लिनिकल स्टेब्लिसमेंट एक्ट में किये गये संशोधन को जल्द से जल्द लागू किये जाने पर विस्तार से चर्चा की गयी।

और सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि उक्त दोनों एक्ट से संबंधित ज्ञापन एक बार फिर मुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री को सौंप कर जल्द से जल्द लागू करवाने का आग्रह किया जायेगा।

इसके बाद भी सरकार मामले की गंभीरता से नहीं लेती है तो बाध्य होकर आंदोलन का रास्ता चुना जायेगा।

बैठक के बाद प्रेसवार्ता में झारखंड आईएमए अध्यक्ष डॉ एके सिंह एवं महासचिव डॉ प्रदीप कुमार सिंह ने कहा कि राज्य सरकार ने कैबिनेट से मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट को पास कराकर अपनी मंशा साफ की है वह राज्य में मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट लागू करना चाहती है और स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता भी इसे लागू कराने के पक्ष में हैं।

और उनका सहयोग मिल रहा है। लेकिन विधानसभा में एक विधायक की आपत्ति के बाद एक्ट को प्रवर समिति को भेज दिया गया जहां मामला अभी तक लंबित है।

वही आये दिन डाक्टर्स प्रताड़ित हो रहे हैं, मारपीट की घटनाएं बढ़ रही है इसका असर राज्य में नये डाक्टर्स सरकारी अस्पतालों में योगदान नहीं दे रहे हैं सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं है।

वहीं क्लिनिकल स्टेब्लिसमेंट एक्ट में संशोधन के लिए राज्य सरकार द्वारा गठित उच्च स्तरीय कमेटी ने एक्ट के रुल्स में संशोधन कर अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है लेकिन सरकार इसपर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया है।

डॉ एके सिंह ने बताया कि क्लिनिकल स्टेब्लिसमेंट एक्ट में संशोधन कराने के लिए उसे विधानसभा से पास कराना पड़ता लेकिन एक्ट के रुल्स में संसोधन किया गया है ताकि उसे विधानसभा से पास कराने की जरुरत ही नहीं पड़ेगी।

उसके बावजूद संशोधित क्लिनिकल स्टेब्लिसमेंट एक्ट को सरकार अबी तक लागू नहीं कर रही है जिससे डॉक्टरों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है।

आईएमए झारखंड के महासचिव डॉ प्रदीप कुमार सिंह ने कहा कि राज्य में क्लिनिकल स्टेब्लिसमेंट एक्ट में बिना संशोधन के लागू किया गया तो राज्य के सभी प्राइवेट अस्पताल और क्लिनिक बंद हो जायेंगे।

जहां मरीज का इलाज पांच हजार रुपये में होता था वही इलाज पांच लाख रुपये में होगा।

सरकार जनहित को ध्यान में रखकर जल्द से जल्द संशोधित किये गये क्लिनिकल स्टेब्लिसमेंट एक्ट को लागू करने की दिशा में पहल करे नहीं तो आने वाले दिनों में राज्य में मरीजों का इलाज काफी मंहगा हो जायेगा।

प्रेसवार्ता में डॉ अजय कुमार सिंह, डॉ अनंत सिन्हा, डॉ बीपी कश्यप, डॉ  मृत्युंजय उपस्थित थे।

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