कभी न करें ये गलतियां,फेफड़ों को रखना चाहते हैं हेल्दी

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सर्दी हो या फिर गर्मियों का मौसम फेफड़ों की बीमारी के मरीजों को रिस्क रहता ही है. सर्दी के मौसम में भी प्रदूषण का स्तर कुछ इलाकों में बढ़ा रहता है. बीते कुछ सालों से तो फेफड़ों की बीमारी के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और लंग्स कैंसर जैसी खतरनाक बीमारियों का दायरा बढ़ रहा है.

डॉक्टरों का कहना है कि धूम्रपान, लगातार बढ़ता प्रदूषण और खराब लाइफस्टाइल लंग्स की बीमारियों के बढ़ने का बड़ा कारण है. मेडिकल जर्नल की रिसर्च ऐसी भी सामने आई हैं जिसमें बताया गया है कि पॉल्यूशन की वजह से अब 30 से 40 उम्र वालों को भी फेफड़ों का कैंसर हो रहा है. ऐसे में लंग्स की कई बीमारियों से बचाव जरूरी है.

फेफड़ों की बीमारियों से बचाव कैसे किया जा सकता है. आइए इस बारे में डॉक्टर से डिटेल में जानते हैं. दिल्ली में वरिष्ठ फिजिशियन डॉ अजय कुमार बताते हैं कि लंग्स की सेहत तो अच्छा रखने के लिए सबसे जरूरी है कि पहले आप किसी भी तरह का धूम्रपान न करें. भले ही प्रदूषण से भी काफी खतरा है, लेकिन फिर भी धूम्रपान करने वालों में लंग्स की बीमारियों का रिस्क अन्य लोगों की तुलना में ज्यादा रहता है. फेफड़ों के कैंसर के अधिकतर मामले आज भी धूम्रपान करने वालों में देखे जाते हैं. इससे लंग्स कैंसर के अलावा क्रोनिक अस्थमा जैसे केस भी आते हैं.

मास्क लगाएं

डॉ. अजय कुमार बताते हैं कि भले रही अब कोविड का खतरा कम हो गया है, लेकिन लोगों को धूल-मिट्टी वाले इलाकों और जहां ज्यादा प्रदूषण है वहां मास्क लगाना चाहिए. जिनको धूल-मिट्टी से एलर्जी है उनको इस बात का विशेष ध्यान रखने की जरूरत है. मास्क लगाने से यह फायदा होता है कि प्रदूषण में मौजूद छोटे-छोटे कण सांस के जरिए फेफड़ों में नहीं जाते हैं. इससे कई तरह की खतरनाक बीमारियों से बचाव हो जाता है.

सही डाइट और एक्सरसाइज

लंग्स को मजबूत रखने के लिए अच्छी डाइट और एक्सरसाइज भी बहुत जरूरी है. अगर आप रोज सुबह ब्रीदिंग एक्सरसाइज करते हैं तो इससे लंग्स की क्षमता अच्छी होती है और फेफड़ों से संबंधित बीमारियों का रिस्क कम होता है. एक्सरसाइज के अलावा खानपान और हाइड्रेशन भी अच्छा होना चाहिए. शरीर में पानी की कमी न होने दें और रोज कम से कम सात से आठ गिलास पानी पीएं.

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