सहायक उपकरणों से सुगम होगा दिव्यांगजनों का जीवन : संजय सेठ

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रांची में 639 दिव्यांगजनों को मिले 75 लाख के उपकरण

भारत सरकार की एडिप योजना के तहत ‘सामाजिक अधिकारिता मंत्रालय ने किया वितरण

RANCHI:  दिव्यांगजन के सशक्तिकरण के उद्देश्य से भारत सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय नामकुम के सीआरसी में शिविर के माध्यम से दिव्यांगजनो के बीच सहायक उपकरणों का वितरण किया गया।

इसमें 639 दिव्यांगजनों के बीच 75 लाख से अधिक के उपकरण वितरित किए गए।

एडिप योजना के तहत आयोजित इस कार्यक्रम में वर्चुअल माध्यम से केंद्रीय मंत्री श्री वीरेन्द्र कुमार भी जुड़े वहीं प्रमुख रूप से सांसद श्री संजय सेठ मौजूद रहे।


इस अवसर पर सांसद श्री सेठ ने कहा कि इन सहायक उपकरणों के माध्यम से दिव्यांगजनो का जीवन सुगम हो सकेगा।

वे भी अपने सपनों को नई उड़ान दे सकेंगे। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन में देश के हर नागरिक की जरूरत का ख्याल रखा जा रहा है।

इन शिविरों के आयोजन का उद्देश्य देश भर में एक समावेशी समाज के लिए एक दृष्टिकोण का निर्माण करना है जिसमें दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण और गरिमामयी जीवनयापन सुनिश्चित हो साथ ही दिव्यांगजनों के उत्थान और विकास के लिए समान अवसर प्रदान किया जा सके जिससे वे समाज की मुख्य धारा से जुड़कर उत्पादक, सुरक्षित और गरिमापूर्ण जीवन यापन कर सके।

वितरण शिविरों के कार्यक्रम का आयोजन भारत सरकार के दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग द्वारा किया जा रहा है जिसमे विभाग के अधीन कार्यरत उपक्रम भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम द्वारा किया गया है।

श्री सेठ ने कहा कि विगत 5 वर्षों से मेरे प्रयास से हर वर्ष रांची लोकसभा क्षेत्र में ऐसे शिविर का आयोजन अलग अलग प्रखंड मुख्यालयों में किया जा रहा है।

इसका सुखद परिणाम यह है कि अब तक 15 हजार से अधिक दिव्यांगजनों को सहायक उपकरण उपलब्ध कराए जा चुके हैं।

इनमें कई अत्याधुनिक सहायक उपकरण हैं, जिनसे इनका जीवन पहले से आसान और बेहतर हुआ है।

आज के शिविर मे जिला रांची मे चिन्हित दिव्यांगजनों लाभार्थियों को वितरित किये जाने वाले कुल सहायक उपकरणों मे ट्राईसाइकिल-148 , बैटरी चलित ट्राईसाइकिल-111, फोल्डिगं व्हील चेयर65, बैशाखी-150 , वॉकिंग स्टिक (छड़ी)-38, रोलेटर-4, बी.टी.ई (कान की मशीन)-88, सी.पी. चेयर-3 , सुगम्य केन-5, ब्रेल केन, ए .डी.एल किट ( सेलफोन सहित-3 ) शामिल हैं।

इन सहायक उपकरणों के माध्यम से लाभार्थियों को स्वावलम्बी व सशक्त करने के उद्देश्य को पूरा किया जा सकेगा और उन्हें समाज की मुख्य धारा के साथ जोड़ा जा सकेगा।

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