भारतीय संविधान हमारे न्याय प्रणाली की धार्मिक पुस्तक है: अनिल कुमार कश्यप

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अधिवक्ता परिषद् झारखण्ड उच्च न्यायालय इकाई द्वारा संविधान सह अधिवक्ता दिवस गोष्ठी का आयोजन 

RANCHI: अधिवक्ता परिषद्, झारखण्ड के तत्वाधान में झारखण्ड उच्च न्यायालय इकाई के द्वारा उच्च न्यायालय के प्रांगण में स्थित ब्लॉक 1 के हॉल नंबर 5 में संविधान सह अधिवक्ता दिवस गोष्ठी का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम के शुरुआत में झारखण्ड उच्च न्यायालय अधिवक्ता परिषद ईकाई के महामंत्री प्रभात कुमार सिन्हा के द्वारा विषय प्रवेश करवाया गया।

तत्पश्चात उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता सह अध्यक्ष उच्च न्यायालय इकाई अनिल कुमार कश्यप के द्वारा अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा गया कि भारतीय संविधान हमारे न्याय प्रणाली की धार्मिक पुस्तक हैइसलिए इसमें सुझाए गए नियमों एवम मार्गदर्शनों का अक्षर सह पालन करना और करवाना हमारा माननीय धर्म है।

उन्होंने अनुच्छेद 44 पर भी विशेष चर्चा की। वरिष्ठ अधिवक्ता राजनंदन सहाय के द्वारा अधिवक्ता परिषद के मूल उद्देश्य “न्याय मम धर्मः” के ऊपर विस्तृत चर्चा करते हुए सुलभ न्याय को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने में अधिवक्ताओ के भागीदारी पर विशेष चर्चा की।

वहीं दूसरी ओर प्रदेश मार्गदर्शक सह झारखण्ड विधिज्ञ परिषद् के अध्यक्ष राजेंद्र कृष्ण ने कहा कि संविधान के उद्देशिका में लिखित प्रत्येक शब्द का अपना एक अलग ही महत्त्व है तथा संविधान में होने वाले सभी बदलावों के बारे में जानकारी रखकर हम सभी अधिवक्ताओं को उसके अनुसार ही समाज के अंतिम व्यक्ति तक न्याय को पहुंचाने का कार्य करना चाहिए।

वहीं भारतीय विधिज्ञ परिषद के सदस्य प्रशान्त कुमार सिंह ने संविधान सह अधिवक्ता दिवस की विशेषता पर प्रकाश डाला।

तथा मनोज टंडन ने संविधान के धारा 370 एवम महिला आरक्षण पर हुए बदलावों पर अपने विचार रखते हुए इस बदलाव का स्वागत किया।

एवम कहा कि यह सरकार द्वारा उठाया गया एक सराहनीय कदम है।

कार्यक्रम में उपस्थित परिषद की प्रांतीय मंत्री श्रीमती नीता कृष्णा के द्वारा “न्याय मम धर्म:” के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला गया वहीं दूसरी ओर दिग्विजय एवम

सुनिल कुमार के द्वारा कार्यक्रम की मूल उद्देश्य एवम भारतीय संविधान और अधिवक्ताओं का समाज में विशिष्ट दर्जा पर विशेष चर्चा की।

कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन राष्ट्रीय परिषद् सदस्य प्रशांत विद्यार्थी के द्वारा किया गया।

मौके पर श्रीमती लीना मुखर्जी, श्रीमती नीतू सिन्हा, कुमारी रंजना सिंह,  राधा कृष्ण गुप्ता,  प्रवीण पाण्डेय,  रवि प्रकाश,  राकेश सिन्हा, भरत कुमार, दिवाकर झा , संतोष सोनी के अलावा अन्य कई गण्यमान अधिवक्ता सह अधिवक्ता परिषद के सदस्य मौके पर उपस्थित थे।

यह जानकारी झारखण्ड अधिवक्ता परिषद् के प्रांत मीडिया सह प्रमुख रीतेश कुमार बॉबी अधिवक्ता झारखण्ड उच्च न्यायालय के द्वारा दी गई।

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