सनातन के संवाहक योगी, चुनाव में जीत के वाहक

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– मृत्युंजय दीक्षित

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अब कुशल नेतृत्वकर्ता, समाज, सनातन धर्म और अखंड भारत संवाहक और चुनाव में जीत के वाहक (सारथी) बन गए हैं। सनातन धर्म और अखंड भारत को लेकर योगी के बयानों की चर्चा अब भारतीय मीडिया में ही नहीं अपितु विदेशों में भी हो रही है। सनातन धर्म पर उनकी स्पष्टवादिता से भारत की संपूर्ण सेक्युलर जमात में खलबली है। तमिलनाडु के द्रमुक नेता उदय निधि द्वारा सनातन धर्म का उन्मूलन करने वाले शर्मनाक बयान के बाद से योगी आदित्यनाथ ने मोर्चा खोल दिया है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में आज उत्तर प्रदेश के हिंदू आस्था के सभी केंद्रों, प्रतीकों का विकास व सम्मान हो रहा है। अयोध्या, मथुरा, काशी के साथ ही अन्य छोटे धार्मिक महत्व के स्थलों का सुंदरीकरण किया जा रहा है। इसके कारण सनातन समाज में प्रसन्नता की लहर है। ठीक इसके उलट कांग्रेस के नेतृत्व में संपूर्ण विपक्ष जातिगत जनगणना के नाम पर हिंदू समाज को बांटने की रणनीति पर काम कर रहा है।

सनातन धर्म के तेजस्वी प्रतिनिधि के रूप में मुख्यमंत्री योगी की लोकप्रियता तेजी के साथ बढ़ रही है । योगी आदित्यनाथ आर्य समाज के कार्यक्रम में कह चुके हैं कि दयानंद सरस्वती जी ने घरवापसी का जो अभियान आरम्भ किया था उसे फिर से प्रारंभ किया जाए। आर्य समाज ने वैदिक संस्कृति के प्रसार के लिए जो कार्य किए थे उन्हे भी पुनः प्रारम्भ किया जाए । उनकी इस बात से सपा, बसपा और कांग्रेस सहित सभी सेक्युलर दल बुरी तरह से चिढ़ गए हैं। गोरखपुर में योगी कह चुके हैं कि सनातन ही एकमात्र धर्म है। बाकी सब संप्रदाय और उपासना पद्धति हैं।

तमिलनाडु के द्रमुक नेता उदयनिधि को करारा जवाब देते हुए योगी ने कहा था कि सनातन धर्म मानवता का धर्म है। यदि सनातन धर्म पर आघात होगा तो विश्व की मानवता पर संकट आ आएगा। इसके बाद मुस्लिम तुष्टिकरण करने वाले दलों की छटपटाहट जरूर सामने आई पर उन्हें कोई उत्तर नहीं सूझा। अभी तक योगी केवल सनातन धर्म पर ही बात कर रहे थे लेकिन अब उन्होंने सिंधी समाज के एक बड़े कार्यक्रम में कहा कि जब हम 500 वर्ष के बाद श्री रामजन्मभूमि को वापस ले सकते हैं तो फिर सिंध को क्यो नहीं? उनके इस बयान ने आम भारतीयों को ही नहीं अपितु पाकिस्तान व उसके समर्थक देशों को भी हैरान कर दिया है। आज न सिर्फ भारत में ही अपितु पाकिस्तानी मीडिया व भारत विरोधी एजेंडा चलाने वाले मीडिया में योगी के बयानों पर बहस हो रही है तथा चिंता व्यक्त की जा रही है। सिंध को वापस लेने वाली बात पाकिस्तान के सोशल मीडिया पर भी खूब चर्चा में है।

मुख्यमंत्री ने कहा था कि सिर्फ एक व्यक्ति की जिद की वजह से देश का विभाजन हुआ। लाखों लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। भारत का एक बड़ा भू-भाग पाकिस्तान के रूप में भी चला गया। सिंधी समाज ने उस दर्द को सबसे अधिक झेला है। उन्हें अपनी मातृभूमि छोड़नी पड़ी है। उन्होंने कहा कि अयोध्या में प्रभु श्रीराम के भव्य मंदिर का निर्माण हो रहा है। जनवरी -2024 में रामलला अपने मंदिर में फिर से विराजेंगे। मुख्यमंत्री ने सिन्धी समाज की दुखती रग को समझा और कहा कि आज भी आतंकवाद के रूप में हमें विभाजन की त्रासदी के दंश को झेलना पड़ता है। सभ्य समाज आतंकवाद व अराजकता को बर्दाश्त नहीं कर सकता। धर्मग्रंथ भी हमें यही प्रेरणा देते हैं। पूज्य झूलेलाल जी हों या श्रीकृष्ण सभी ने मानव कल्याण की बात कही है। बंटवारे जैसी त्रासदी फिर कभी न आने पाए, इसके लिए हमें राष्ट्र प्रथम का संकल्प लेना चाहिए।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चाहे जिस कार्यक्रम में हो वहां पर सनातन संस्कृति व सभ्यता का ही डंका बजाते हैं। कुछ दिन पूर्व रोहतक में बाबा मस्तनाथ मठ में आयोजित कार्यक्रम में सनातन के जयकारे के साथ सभा में योगी आदित्यनाथ ने कहा, केवल सनातन ही विश्व में शांति और सुरक्षा की गारंटी है ।

स्वाभाविक है विरोधी दल इन खरे बयानों से सकते में हैं । कुछ न सूझने पर वे योगी के भगवा धारण करने पर ही अनाप-शनाप बयानबाजी कर अपनी विकृत मानसिकता को उजागर कर रहे हैं। कुछ दिनों पहले पश्चिम बंगाल से कुछ हिंदू नागरिक लखनऊ आए थे और उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भेंट की। इस दौरान कहा कि आप ही हिंदू समाज व उनकी बेटियों की रक्षा कर सकते हैं। अब तो चुनाव प्रचार के लिए भी अब कई राज्यों में उनकी डिमांड है। ऐसा माना जा रहा है कि जहां- जहां योगी की रैलियां होती हैं, वहां पर भाजपा की विजय के आसार बढ़ जाते हैं। यही कारण है कि आगामी विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने योगी आदित्यनाथ की बड़ी रैलियां आयोजित करवाने का निर्णय लिया है।

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