कौन हैं Jehovah Witnesses, ब्लास्ट होने के बाद केरल से दिल्ली तक मचा दी हलचल
नई दिल्ली । केरल के एर्नाकुलम में यहोवा विटनेस (Jehovah’s Witnesses) कम्युनिटी के एक शख्स ने अपने ही समुदाय के कन्वेंशन सेंटर में सीरियल ब्लास्ट कर दिए. तीन लोगों की मौत हो गई. वारदात को अंजाम देने का दावा उसने खुद किया, जब उससे वजह पूछी गई तो उसने बताया कि वह समुदाय की विचारधारा से सहमत नहीं था।
इस वारदात ने केरल से लेकर दिल्ली तक हलचल मचा दी
घटना के बाद अब यहोवा विटनेस कम्युनिटी को लेकर चर्चा शुरू हो गई है कि आखिर यह कौन सा समुदाय है और भारत में इसकी कितनी आबादी है. इसके अलावा दुनियाभर में इनकी गतिविधियों के बारे में भी बात की जा रही है. तो आइए आपको बताते हैं कि आखिर यहोवा विटनेस कम्युनिटी क्या है।
यहोवा विटनेस समुदाय का ताल्लुक ईसाई समुदाय से है. यह ईसाई धर्म का ही एक संप्रदाय है. वैसे तो 2011 की जनगणना के मुताबिक भारत की कुल आबादी में ईसाइयों की तादाद 2.4 फीसदी (करीब 2.8 करोड़) है. लेकिन इसमें यहोवा विटनेस सिर्फ 60 हजार हैं. यानी पूरे भारत में यहोवा विटनेस की आबादी सिर्फ 1 लाख से भी कम है. पूरी दुनिया में जितने भी यहोवा विटनेस हैं, यह उनकी आबादी का सिर्फ 0.002 फीसदी है. इनके बारे में कई ऐसी बातें प्रचलन में हैं, जिन्हें जानकर आप चौक जाएंगे. लेकिन हर चीज के पीछे कुछ कारण भी छुपे हैं।
रक्तपात नहीं चाहते यहोवा विटनेस
कनाडा के CTV न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक ईसाई धर्म के यहोवा विटनेस संप्रदाय के लोग मिलिट्री सर्विस जॉइन नहीं करते. इस समुदाय के लोग राष्ट्रगान को नहीं मानते और वोट भी नहीं डालते. इसके पीछे भी उनके कई तर्क हैं. जैसे मिलिट्री सर्विस में ना जाने का कारण यह है कि यहोवा विटनेस समुदाय के लोग हिंसा को बुरा मानते हैं. उनका मानना है कि मिलिट्री में जाने पर उन्हें अपने पड़ोसी या दूसरे किसी देश के खिलाफ हथियार उठाने पड़ेंगे, जिससे रक्तपात होगा और समुदाय हिंसा के सख्त खिलाफ है. समुदाय को मानने वालों का यह भी मानना है कि उनकी निष्ठा सिर्फ और सिर्फ ईश्वर के प्रति है, जो वास्तविक सरकार चलाता है।
ईसाई धर्म के कई त्योहार नहीं मनाते!
CTV न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक यहोवा विटनेस ऐसे कई त्योहार भी नहीं मनाते जो, ईसाई धर्म के दूसरे समुदाय काफी जोरशोर से मनाते हैं. जैसे वह मदर्स डे, वेलेंटाइन डे और यहां तक की हैलोवीन भी सेलिब्रेट नहीं करते हैं. इतना ही नहीं यहोवा विटनेस क्रिसमस और ईस्टर जैसी ईसाई धर्म से जुड़ी रीतियों पर भी विश्वास नहीं करते हैं. उनका मानना है कि यह रीति-रिवाज मूर्तिपूजक हैं. रिपोर्ट के मुताबिक यहोवा विटनेस खून के आदान-प्रदान को भी सही नहीं मानते हैं. इसके पीछे वह बाइबिल के नियम का हवाला देते हैं. उनका कहना है कि खून से दूर रहना ईश्वर की इच्छा है. समुदाय का कहना है कि वह ईश्वर की हर आज्ञा को मानते हैं जीवनदाता के रूप में उनके प्रति सम्मान प्रकट करते हैं।
अपने समुदाय में ही रखते हैं घनिष्ठ संबंध
सीटीवी न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक यहोवा विटनेस समुदाय के जो लोग धर्म छोड़ देते हैं, उन्हें काफी तिरस्कार का सामना करना पड़ता है. उनके माता-पिता, भाई-बहन और यहां तक की दोस्तों को उनसे सभी संबंध तोड़ने की हिदायत दे दी जाती है. इस समुदाय के लोग ज्यादातर यहोवा विटनेस से ही घनिष्ठ संबंध रखते हैं. उनका परिवार भी उन्हें इसके लिए उत्साहित करता है. यहोवा विटनेस के फॉलोअर्स का मानना है कि शैतान दुनिया को नियंत्रित करता है. वह लोगों को गुमराह करने और भ्रष्ट बनाने के लिए धर्मों, सरकारों, कमर्शियल संगठन का इस्तेमाल करता है।
इंसान-भगवान की सरकार में होगी लड़ाई!
यहोवा विटनेस का मानना है कि दुनिया का अंत बेहद करीब है. किसी भी दिन यह दुनिया खत्म हो सकती है. समुदाय के लोग वैश्विक संघर्षों, आईएसआईएस और प्राकृतिक आपदाओं को ऐसे संकेत के तौर पर बताते हैं कि हम सर्वनाश के कगार पर हैं. उनका मानना है कि आर्मागेडन ईश्वर और मानव सरकार के बीच एक क्रूर और खूनी लड़ाई होगी और दुष्ट मानवता आखिर में नष्ट हो जाएगी. एक खास बात यह भी है कि यहोवा विटनेस नर्क में विश्वास नहीं करते।