इंदौर को दुनिया के सबसे स्वच्छ शहरों में स्थान दिलाने के होंगे प्रयास: शिवराज

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– मुख्यमंत्री ने 613 करोड़ से अधिक के विकास कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन किया

भोपाल (Bhopal)। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने कहा कि इंदौर (Indore) में विकास कार्य तेजी से हुए हैं। इंदौर दुनिया के सबसे अच्छे शहरों (best cities of the world) में स्थान बनाए, इसके लिए निरंतर प्रयास होते रहेंगे। इंदौर वर्तमान में देश का सबसे स्वच्छ और स्मार्ट शहर (cleanest and smartest city of the country) है, विश्व में इंदौर को सबसे स्वच्छ शहर बनाने का प्रयास किया जाएगा। विकास के लिए पैसे की कोई कमी नहीं रहेगी। जहां कार्य करने की चाह होती है वहां राह निकल आती है। अपना इंदौर मेट्रो सिटी भी बन गया है।

मुख्यमंत्री चौहान शनिवार देर शाम इंदौर में विकास कार्यों का लोकार्पण और शिलान्यास कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर, सांसद शंकर लालावानी, महापौर तथा अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में 613 करोड़ रुपये से अधिक के विभिन्न विकास कार्यों का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं सरकार को परिवार की भांति चला रहा हूँ। बहनों-भाईयों, बेटा-बेटियों, किसानों, युवाओं और गरीबों सहित सभी का ध्यान रखा जा रहा है। मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना बनाकर बहनों का सम्मान बढ़ाया है। बहनों की आंखों में आंसू नहीं रहने देंगे, चेहरे पर मुस्कान लाएंगे।

उन्होंने कहा विद्यार्थियों के प्रोत्साहन के लिए शासकीय स्कूल के पांचवीं से छटवीं कक्षा में जाने वाले विद्यार्थी को साइकल के लिए 4 हजार 500 रुपये और कक्षा 8वीं से 9वीं में जाने वाले विद्यार्थियों को भी 4500 रुपये देने की व्यवस्था की गई है। विद्यार्थियों में प्रतियोगी भाव विकसित करने के उद्देश्य से कक्षा 12वीं में 75 प्रतिशत से अधिक अंक लाने वालों को लैपटॉप दिया जा रहा है। अगले वर्ष से 75 प्रतिशत से थोड़े कम अंक लाने वालों को भी लैपटॉप देने पर विचार किया जाएगा। इसी प्रकार अगले वर्ष से शाला में 12वीं कक्षा में टॉप तीन बालकों और बालिकाओं को स्कूटी प्रदान की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश को बीमारू राज्य से समृद्ध और विकसित राज्य बना दिया गया है। असंभव शब्द मेरे शब्दकोष में नहीं है। नर्मदा का जल खेतों में पहुंचाकर मध्यप्रदेश की तस्वीर और तकदीर बदली जा रही है।

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