नेपाल के कीचक वध क्षेत्र से उत्खनन में मिले 2200 वर्ष पुराने पांच भवनों के अवशेष

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काठमांडू। नेपाल के पुरातत्व विभाग द्वारा विराट नगर के कीचक वध क्षेत्र में कराए गए उत्खनन में 2200 वर्ष पुराने पांच भवनों के अवशेष मिले हैं। उत्खनन का नेतृत्व कर रहे प्रमुख पुरातत्वविद् उद्धव आचार्य ने रविवार को मीडिया को बताया कि भद्रपुर नगरपालिका क्षेत्र में महाभारतकालीन कीचक वध क्षेत्र में किए गए उत्खनन में पांच भवनों के अवशेष मिले हैं।

जांच में पता चला है कि यह भवन करीब 2200 वर्ष पुराना है। उद्धव आचार्य ने बताया कि यह दूसरी बार है जब इस क्षेत्र का उत्खनन किया जा रहा है। पहली बार वर्ष 1998 में उत्खनन किया गया था। आचार्य के मुताबिक इस बार के उत्खनन में पांच भवनों के अवशेष मिले हैं। इस अवशेष के महाभारत के समकालीन होने के भी दावे किए जा रहे हैं। इसकी विस्तृत जांच और उत्खनन के लिए भारत सहित अन्य देशों से पुरातत्वविदों को बुलाने की सिफारिश की गई है।

उद्धव आचार्य ने बताया कि इस बार के उत्खनन में जिस तरह के भवनों के अवशेष मिले हैं वह किसी राजमहल की तरह है। उत्तर-पूर्व दिशा में एक पांच मंजिला भवन के अवशेष मिले हैं। इस बहुमंजिला भवन के कुछ ही दूरी पर दक्षिण दिशा में एक और भवन के अवशेष मिले हैं। इसी मुख्य भवन के दक्षिण पश्चिम दिशा में जिस तरह की संरचना के अवशेष मिले हैं उससे यह प्रतीत होता है कि वह भवन निजी सुरक्षाकर्मियों के लिए बनाया गया होगा। इस भवन के उत्तर पश्चिम में राजभवन की सुरक्षा में रहे सैन्य भवन के अवशेष मिले हैं। इस भवन के पश्चिम दिशा में एक और बहुमंजिला भवन के अवशेष मिले हैं। इसके करीब 200 फुट की दूरी पर एक अलग भवन का अवशेष मिला है जिसको सैन्य अधिकारियों के लिए बनाए जाने का दावा किया गया है।

आचार्य ने बताया कि विदेशों से विशेषज्ञों के आने के बाद उत्खनन में करीब एक वर्ष का समय लग सकता है। उन्होंने कहा कि यह अवशेष भगवान गौतम बुद्ध से पहले के समय का लगता है। महाभारत काल में यह क्षेत्र विराट राज्य के अन्तर्गत आता था। इसी क्षेत्र में पांडवों ने 12 वर्ष के वनवास के बाद एक वर्ष के अज्ञातवास का समय व्यतीत किया था। इन अवशेषों को लेकर यह दावा किया गया है कि यह भवन विराट नरेश के प्रधान सेनापति कीचक का हो सकता है। महाभारत की कथा के मुताबिक द्रौपदी के साथ अभद्र व्यवहार करने के कारण भीम ने कीचक का वध कर दिया था।

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