बलूचिस्‍तान के माच शहर पर हमला, चार अधिकारी और दो नागरिक की मौत

0

बलूचिस्‍तान। पाकिस्तान के अशांत बलूचिस्तान प्रांत में भारी हथियारों से लैस आतंकवादियों ने तीन समन्वित हमले किए, जिनमें चार अधिकारी और दो नागरिक मारे गए। इस दौरान गोलीबारी शुरू हो गई, जिसमें नौ आतंकवादी ढेर हो गए।

अधिकारियों ने यह जानकारी देते हुए बताया कि तीन हमलों में से एक हमला उच्च सुरक्षा वाली जेल पर भी किया गया। उन्होंने बताया कि ये हमले सोमवार को प्रांतीय राजधानी क्वेटा से करीब 70 किलोमीटर दूर माच शहर में हुए। मंगलवार रात ‘इंटर सर्विसेज पब्लिक रिलेशन्स’ (आईएसपीआर) की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि 29 और 30 जनवरी की रात को, आत्मघाती हमलावरों सहित कई आतंकवादियों ने बलूचिस्तान में माच और कोलपुर परिसरों पर हमला किया।

विज्ञप्ति के अनुसार, हमलों का कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने प्रभावी ढंग से जवाब दिया। इस दौरान हुई गोलीबारी में नौ आतंकवादी मारे गए और तीन घायल हो गए जिन्हें सुरक्षा बलों ने पकड़ लिया। आतंकवादियों ने उच्च सुरक्षा वाली केंद्रीय माच जेल में घुसने की कोशिश की, जहां कुछ खतरनाक आतंकवादी और ऐसे कैदी हैं जिन्हें मौत की सजा सुनाई गई है।
आईएसपीआर ने सोमवार रात से चार सुरक्षाकर्मियों और दो नागरिकों के मारे जाने की पुष्टि की। विज्ञप्ति में कहा गया है कि आसपास के क्षेत्र में सुरक्षा बल तुरंत तैनात हो गए हैं और आतंकवादियों को पकड़ने के लिए अभियान चला रहे हैं। बयान में कहा गया, ”तीन आत्मघाती हमलावरों सहित नौ आतंकवादियों को मार दिया गया है, जबकि तीन घायल हुए हैं।”

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने पहले कहा था कि केंद्रीय माच जेल पर कम से कम 15 रॉकेट दागे गए। प्रतिबंधित अलगाववादी समूह ‘बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी’ (बीएलए), मजीद समूह ने हमलों की जिम्मेदारी ली है। हमलों के बाद, सुरक्षा बलों और पहाड़ों में पीछे हटने की कोशिश कर रहे हमलावरों के बीच कई घंटे भारी गोलीबारी हुई।

बलूचिस्तान के कार्यवाहक सूचना मंत्री जान अचकजई ने कहा कि माच में अंतिम निकासी अभियान अभी भी जारी है। अचकजई ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कहा, ”क्षेत्र में स्थिति काबू में है।” सुरक्षा बलों पर सोमवार रात का हमला इस साल आतंकवादियों द्वारा किया गया सबसे घातक हमला है।

पिछले साल नवंबर में बंदरगाह शहर ग्वादर में आतंकवादियों द्वारा घात लगाकर किए गए हमले में कम से कम 14 सैनिक मारे गए थे। यह हमला पाकिस्तानी हमलों का स्पष्ट प्रतिशोध था, जिसे देश ने जनवरी की शुरुआत में ईरान में विद्रोहियों के ठिकाने बताया था।

बीएलए ने 18 जनवरी को ईरान में उनके शिविरों पर पाकिस्तान के हमलों के बाद बलूचिस्तान और अन्य जगहों पर सुरक्षा बलों पर हमले शुरू करने की धमकी दी थी। ईरान में बीएलए के शिविरों पर हमलों में कम से कम नौ लोग मारे गए थे। ये हमले पाकिस्तान में ईरानी हमले के जवाब में किए गए थे।

पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत, साथ ही ईरान के पड़ोसी सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत में दो दशकों से अधिक समय से बलूच राष्ट्रवादियों का विद्रोह जारी है। सरकार उग्रवाद को ख़त्म करने का दावा करती है, लेकिन प्रांत में हिंसा जारी है। ईरान और पाकिस्तान 900 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करते हैं, जिसके पार तस्कर और आतंकवादी खुलेआम आते-जाते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *