दुनिया का एकलौता देश, जो अपने नागरिक को देता है आर्मी की ट्रेनिंग
येरुसलेम । दुनिया में सबसे मजबूत सेनाओं वाला देश इज़रायल है। इसका क्षेत्रफल इतना है कि इसे दो घंटे में ही घूमा जा सकता है। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि यहां का हर नागरिक सैनिक है, जो देश की रक्षा में लगा हुआ है। इसमें महिलाएं भी पीछे नहीं है, हर महिला के हाथ में बंदूक देखी जा सकती है। दुनिया के कुछ सबसे नए देशों में शुमार इज़रायल को बने हुए 74 साल का वक्त ही गुजरा है, लेकिन विश्व में इसकी अपनी पहचान है। खासतौर पर अपने डिफेंस सिस्टम के लिए ये देश जाना जाता है।
इस वक्त भले ही इज़रायल के डिफेंस सिस्टम में हुई ज़रा सी चूक का हर्जाना उसे युद्ध के तौर पर चुकाना पड़ रहा है लेकिन यहां की खुफिया एजेंसी मोसाद दुनिया भर में अपने कठिन ऑपरेशनों की वजह से जानी जाती रही है। इस देश का क्षेत्रफल इतना कम है कि 3 इज़रायल मिलाकर भी राजस्थान की बराबरी नहीं कर सकते। इज़रायल एक ऐसा देश है, जिसका क्षेत्रफल इतना कम है कि पूर्व से पश्चिम इसे पैदल ही 2 घंटे में आसानी से घूम जा सकते है। हालांकि ऊपर से नीचे घूमने में इसे 9 दिन लगते हैं।
हर नागरिक के लिए मिलिट्री ट्रेनिंग ज़रूरी
इज़रायल की जनसंख्या अभी एक करोड़ से भी कम है। साल 2021 की जनगणना के मुताबिक इजराइल में तकरीब 93 लाख लोग रहते है। यहां गौरतलब है कि इज़रायल में महिलाओं और पुरुषों को समान अधिकार प्राप्त हैं। यहां तक कि इज़रायल की सेना में भी महिलाओं और पुरुषों की भागीदारी बराबर की रखी गई है। दुश्मनों से घिरे हुए देश होने के नाते यहां के हर नागरिक के लिए मिलिट्री ट्रेनिंग ज़रूरी है और उसे 3 साल अपनी सेवाएं सेना में देनी ही होती हैं। इज़रायल में महिलाओं को अपने साथ बड़ी-बड़ी एसॉल्ट राइफल्स लेकर घूमते हुए देखा जा सकता है। ये उनकी और किसी भी वक्त नागरिकों की सुरक्षा के लिए होती हैं। उनकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर भी मिल जाएंगी।
इज़राइल देश भले ही छोटा हो लेकिन तकनीक के मामले में इसका कोई जवाब नहीं है। इसने साल 1979 में दुनिया का पहला एंटीवायरस बनाया था और घरेलू कंप्यूटर के इस्तेमाल में ये दुनिया का अव्वल देश है। पहली वॉइस मेल तकनीक भी इज़राइल में बनी थी और यहां 95 फीसदी घरों पानी सोलर एनर्जी से गर्म होता है। इस देश ने पहला ड्रोन तैयार किया था और यहां की नोटों पर ब्रेल मार्किंग होती है, ताकि अंधे लोग भी इसे पहचान सकें। दुनिया में सबसे ज्यादा प्लास्टिक की बोतलों को रिसाइकिल भी इज़राइल ही करता है।
पुख्ता सुरक्षा के बाद भी हमास इजरायल में कैसा घुसा
हमास के आतंकी सख्त सुरक्षा वाली इजरायल की सीमा में कैसे दाखिल हुए यह सवाल ज्यादातर लोगों के मन में है। इसके बारे में पश्चिम एशिया के जानकर और सेना के पूर्व डीजी मिलेट्री इंटेलिजेंस रहे लेफ्टिनेंट जनरल आर के साहनी भी मानते हैं कि यह बहुत हैरान कर देनेवाली बात है। आखिर पुख्ता सुरक्षा होने के बाद भी हमास के लड़ाके इजरायल में घुसे कैसे? उन्होंने कहा कि यह सोचने की बात है कि इजरायलियों ने गाजा के आगे जो फेंसिंग बनाई थी, यह बहुत कॉम्प्लिकेटेड थी, जिसके अंदर सेंसर लगे थे, रडार थे कैमरा थे और थोड़ी दूर पोस्ट भी थी जो की निगरानी रख रही थी ।
उन्होंने कहा कि आतंकवादी संगठन हमास का अटैक अमेरिका में 9/11 हमले जैसा ही है। उन्होंने कहा कि लेकिन यह सोचने की बात है टेक्निकली साउंड होने के बाद भी इस तरह का सरप्राइज हो तो इस तरह का सिस्टम रखने वाले सभी मुल्कों को सोचना पड़ेगा। इस संबंध में जानकारी में आया है कि फिलिस्तीनी इस्लामिक ग्रुप हमास ने पिछले कई दशकों में इजरायल पर सबसे विनाशकारी हमले के लिए लगभग 1000 लड़ाकों की एक सेना तैयार की उन्हें स्पेशल यूनिट्स में संगठित किया। इन ग्रुपों के द्वारा किए गए कुछ ऑपरेशन या प्रशिक्षण, हमास और उसके सशस्त्र विंग इज़ अल-दीन अल-क़सम ब्रिगेड द्वारा जारी किए गए वीडियो में देखे गए हैं। गवाहों से भी ऑपरेशन के कई फ़ुटेज मिले हैं।
हमास द्वारा जारी किए गए वीडियो में वायु सेना फाल्कन स्क्वाड्रन नाम के बैज के साथ यूनिट को हमले के लिए प्रशिक्षण देते हुए दिखाया गया है। कुछ आतंकवादियों ने एक-व्यक्ति वाला पैराग्लाइडर का इस्तेमाल किया और अन्य ने दो लोगों के लिए बने पैराग्लाइडर का इस्तेमाल किया। इसमें उन्हें हथियारों के साथ टारगेट पर उतरने का प्रशिक्षण लेते हुए दिखाया गया। फ़ुटेज में वो पल दिखाया गया, जब हवाई यूनिट ने इजरायल में एक रेगिस्तानी उत्सव पर हमला किया। कुछ फ़ुटेज में लड़ाकू विमानों को हवा में देखा जा सकता है।
हमास लड़ाकों ने सुरक्षा बाड़ तोड़कर धावा बोला
हमास की एलीट कमांडो ग्राउंड यूनिट 400 स्ट्रॉंग एलीट फोर्स था, जो विस्फोटकों का उपयोग कर गाजा बाड़ को तोड़ता था, ताकि वे इजरायली सीमा में घुसपैठ कर सकें। मोटरसाइकिलों पर कुछ लोगों के पार होने के बाद, दरार को चौड़ा करने के लिए बुलडोजर का इस्तेमाल किया गया, ताकि टीमें चार-पहिया ड्राइव वाहनों में इजरायली क्षेत्र में प्रवेश कर सकें। हमास कमांडो ने पहली इजरायली रक्षा पंक्तियों पर हमला किया, सैनिकों के सोने के क्वार्टरों पर धावा बोला और दक्षिणी गाजा के लिए इजरायल के सैन्य अभियान के ठिकानों और मुख्यालयों पर कब्जा कर लिया। हमास द्वारा जारी किए गए वीडियो में लड़ाकों को सुरक्षा बाड़ तोड़ते हुए दिखाया गया है, मंद रोशनी और कम सूरज से पता चलता है कि यह रॉकेट बैराज के समय के आसपास था ।
ड्रोन कर रहा निगरानी
सीमा पर निगरानी के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया गया । हमास ने एक वीडियो जारी किया है जिसमें उसने ज़ौरी नामक ड्रोन का जिक्र किया है और कहा है कि इनका इस्तेमाल घुसपैठ के लिए रास्ता बनाने के लिए किया गया था। इसने आतंकवादियों द्वारा गाजा से ड्रोन लॉन्च करने का एक वीडियो भी जारी किया । हमास की ख़ुफ़िया इकाई यूनिट का इस्तेमाल इजरायली सैनिकों की स्थिति और गतिविधियों की पहचान करने और उनके मुख्यालय की निगरानी करने के लिए किया जाता था. सूत्र ने इस इकाई के बारे में अधिक जानकारी नहीं दी ।