बदल गए सऊदी के स्‍वर, शांति स्‍थापित करने के लिए फ़िलिस्तीनियों के साथ खड़े होने की बात

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दुबई । सऊदी अरब ने कहा है कि वह शांति स्‍थापित करने के लिए फ़िलिस्तीनियों के साथ खड़ा है। हालांकि इससे पहले हमास के इजरायल पर भीषण हमले के बाद जहां ईरान और कई मुस्लिम देशों में जश्‍न मनाया जा रहा है, वहीं खाड़ी के अहम मुस्लिम देश यूएई ने हमास को जमकर लताड़ा था । यूएई ने कहा था कि हमास का इजरायल पर हमला बहुत गंभीर और बहुत ज्‍यादा भड़काने वाला है। लेकिन अब इन दो देशों के स्‍वर युद्ध के आगे बढ़ने के साथ बदलना शुरू हो गए हैं।

दरअसल, यूएई के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी करके कहा था कि वह इन खबरों से स्‍तंभित है कि हमास के सदस्‍यों ने इजराय के लोगों को उनके घरों से निकालकर बंधक बना लिया है। हमास के हमले में अब तक 700 इजरायली और विदेशी नागरिक मारे गए हैं। यूएई ‘इजरायल और फलस्‍तीन दोनों ही देशों के आम नागरिकों को अंतरराष्‍ट्रीय मानवीय कानून के तहत पूर्ण संरक्षण मिला हुआ है और उन्हें संघर्ष में निशाना नहीं बनाया जाना चाहिए।’ यूएई का यह बयान ऐसे समय पर आया, जब ईरान और कतर ने इस हमले के लिए इजरायल को जिम्‍मेदार ठहराया।

सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने फिलिस्तीनी राष्ट्रपति से बातचीत की

इस समय पूरे खाड़ी देशों में तनाव अपने चरम पर पहुंच गया है। अब इस बीच सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने फिलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास से कहा कि वह इज़रायल पर हमास के हमले के बाद बढ़े संघर्ष को रोकने के लिए काम कर रहे हैं। ऐसे में क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने महमूद अब्बास से कहा कि खाड़ी साम्राज्य फिलिस्तीनी लोगों को उनके सभ्य जीवन के वैध अधिकारों को प्राप्त करने, उनकी आशाओं और आकांक्षाओं को प्राप्त करने और न्यायपूर्ण और स्थायी शांति प्राप्त करने के लिए उनके साथ खड़ा रहेगा।

सऊदी प्रेस एजेंसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के आए इस हालिया वक्‍तव्‍य को फिलिस्‍तीन के समर्थन में माना जा रहा है। जबकि यूएई और सऊदी अरब दोनों इजरायल के साथ अपने रिश्‍ते मजबूत कर रहे थे । हालांकि अमेरिका ने कहा है कि ताजा हमले के बावजूद सऊदी-इजरायल के बीच सामान्यीकरण के प्रयास जारी रहने चाहिए। अमेरिकी उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन फाइनर ने बताया, “हमें लगता है कि इस संभावना को जारी रखना दोनों देशों के हित में होगा।”

इजरायल पर रॉकेट की बौछार के पीछे सऊदी अरब कनेक्शन

अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने दावा किया है कि हमास का इजरायल पर रॉकेट की बौछार के पीछे सऊदी अरब कनेक्शन है। दोनों देशों के बीच सामान्‍य होते और व्‍यापारिक हित में परस्‍पर आगे बढ़ते रिश्‍ते हमास को रास नहीं आ रहे थे। एक इंटरव्यू में उन्‍होंने बताया भी कि इसमें आश्चर्य की बात नहीं है कि हमास का इस हमले का उद्देश्य सऊदी अरब और इज़रायल के बीच संबंधों में खटास लाने के लिए किया गया है।

बताया जा रहा है कि बढ़ती हिंसा उन अटकलों के बीच शुरू हुई कि सऊदी अरब, जिसने कभी भी इज़राइल को मान्यता नहीं दी है, एक समझौते के तहत संबंधों को सामान्य बनाने के लिए सहमत हो रहा है, जिसमें वह अमेरिका से सुरक्षा गारंटी प्राप्त करेगा और साथ ही एक नागरिक परमाणु कार्यक्रम विकसित करने में सहायता लेगा। जबकि यूएई खाड़ी देशों में पहला ऐसा देश था जिसने साल 2020 में इजरायल को मान्‍यता दी थी।

उसने दशकों से चल रही आ रही अपनी अरब नीति को बदल दिया था। यही नहीं सऊदी अरब भी इजरायल के साथ अपने रिश्‍ते सामान्‍य करने में लगा हुआ था और इसी बीच ईरान के समर्थन चल रहे हमास ने इजरायल पर पिछले 50 साल में सबसे बड़ा हमला करके पूरी शांति प्रक्रिया को बाधित करने की कोशिश की है। हमास ने माना है कि उसे इस भीषण और खूनी हमले को अंजाम देने में ईरान का समर्थन मिला है।

अमेरिका का यह बयान इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इजरायल के प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने पिछले महीने कहा था कि उनका देश सऊदी अरब के साथ शांति के शिखर पर है, उन्होंने भविष्यवाणी की थी कि यह मध्य पूर्व को नया आकार दे सकता है। सऊदी अरब, जो इस्लाम के दो सबसे पवित्र तीर्थस्थलों का घर है, ने लंबे समय से इजरायल को मान्यता देने की शर्त के रूप में फिलिस्तीनियों के राज्य के अधिकार पर जोर दिया है।

अब तक हो चुकी हैं दोनों ओर दो हजार से अधिक मौतें

आपको बतादें कि फलस्तीनी आतंकवादी समूह हमास के रॉकेट हमलों के बाद इज़रायल लगातार गाजा पट्टी पर हमले कर रहे है। हमास के ज़मीनी, हवाई और समुद्री हमलों से इज़राइल में लगभग एक हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। इसके बाद से इज़रायल ने गाजा पर हमलों की झड़ी लगा दी है, जिससे वहां मरने वालों की संख्या लगभग 800 पार हो गई है। उल्‍लेखनीय है कि साल 2020 के बाद से इजरायल-फ़लस्तीनी संघर्ष और मरने वालों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। फ़लस्तीनी इस बात से नाराज हैं कि इजरायली राष्ट्रवादियों द्वारा अल-अक्सा मस्जिद, जो मुसलमानों के लिए पवित्र है, में यहूदियों को प्रार्थना करने से रोका नहीं जाता है।

हिज्‍बुल्‍ला कर रहा इजरायल पर मोर्टार से हमला

इजरायल और हमास के बीच युद्ध में ईरान समर्थित हिज्‍बुल्‍ला ने भी इजरायल पर मोर्टार से हमला किया है। इसको देखते इजरायल की सेना को कई मोर्चों पर जूझना पड़ रहा है। इस सदमे के बीच इजरायल ने अपने 1 लाख सैनिकों को जुटा लिया है और वह अब गाजा में भीषण हमले की तैयारी कर रहा है। वहीं इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्‍याहू ने चेतावनी दी है कि लंबे और बहुत कठिन युद्ध के लिए देश को तैयार रहना होगा। इजरायल के सैनिक और फाइटर जेट लगातार हमास के ठिकानों पर बम बरसा रहे हैं जिसमें सैकड़ों फलस्‍तीनी हताहत हुए हैं।

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