कारीगरों और श्रमिकों को प्रोत्साहन देने के लिए 17 सितंबर 2023 को पीएम विश्वकर्मा योजना की शुरुआत की जाएगी

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उपायुक्त रांची की अध्यक्षता में  पीएम विश्वकर्मा योजना की लॉन्चिंग की तैयारी को लेकर बैठक
तैयारी को लेकर उपायुक्त ने संबंधित पदाधिकारियों को दिये आवश्यक दिशा-निर्देश
RANCHI: पीएम विश्वकर्मा योजना 17 सितंबर 2023 को पूरे भारत में 70 स्थानों पर लॉन्च की जाएगी। राज्य के दो जिलों रांची और पूर्वी सिंहभूम में योजना की लॉन्चिंग की जायेगी। कार्यक्रम की तैयारी को लेकर आज 13 सितंबर 2023 को उपायुक्त, रांची राहुल कुमार सिन्हा की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गयी।
समाहरणालय स्थित उपायुक्त कार्यालय कक्ष में आयोजित बैठक में मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी मुख्यमंत्री लघु एवं कुटीर उद्योग विकास बोर्ड, जिला नजारत उप समाहर्त्ता, महाप्रबंधक जिला उद्योग केन्द्र, रांची, जिला सूचना एवं विज्ञान पदाधिकारी, एनआईसी रांची, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी एवं अन्य संबंधित पदाधिकारी उपस्थित थे।
बैठक के दौरान उपायुक्त  राहुल कुमार सिन्हा ने बताया कि कारीगरों और श्रमिकों को प्रोत्साहन देने के लिए 17 सितंबर 2023 को पीएम विश्वकर्मा योजना की शुरुआत की जाएगी।
योजना के तहत लाभार्थियों को रियायती ब्याज दर पर कोलेटरल फ्री कारोबार विकास लोन के अलावा, ई-वाउचर या ईआरयूपीआई के माध्यम से टूलकिट प्रोत्साहन के रूप में सभी को 15 हजार रुपये मिलेंगे।
मोरहाबादी स्थित आर्यभट्ट सभागार में आयोजित किये जानेवाले कार्यक्रम को लेकर उपायुक्त ने सभी संबंधित पदाधिकारियों को ससमय पूरी तैयारी करने के निर्देश दिये।
 उन्होंने बताया कि स्कीम की लॉन्चिंग के साथ ही जिले में पोर्टल की शुरुआत कर दी जायेगी। उपायुक्त ने जिले में योग्य कारीगरों को चिन्हित कर उनका पंजीकरण करा योजना का लाभ दिलाने के निर्देश दिये।
विश्वकर्मा योजना एक पहल है जिसका उद्देश्य पारंपरिक शिल्प कौशल में कुशल व्यक्तियों को सशक्त बनाना है। इसका प्राथमिक उद्देश्य विभिन्न क्षेत्रों में श्रमिकों को वित्तीय सहायता, प्रशिक्षण और कल्याण सहायता प्रदान करना है।
केंद्र सरकार की इस योजना से लोहार, कुम्हार, राज मिस्त्री, धोबी, फूलों का काम करने वाले, मछली का जाल बुनने वाले, ताला-चाबी बनाने वाले, मूर्तिकार आदि को लाभ दिया जाएगा। साथ ही कुछ अन्य क्षेत्र के श्रमिकों को भी इसका लाभ दिया जाएगा।
पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत पहले चरण में एक लाख रुपये तक का कर्ज दिया जाएगा। इसपर ब्याज की दर ज्यादा से ज्यादा 5 फीसदी होगी। उसके बाद दूसरे चरण में योग्य कामगारों को 2-2 लाख रुपये का रियायती कर्ज दिया जाएगा।
साथ ही इन कारीगरों और शिल्पकारों को पीएम विश्वकर्मा प्रमाण पत्र और पहचान पत्र भी दिए जाएंगे। वहीं आधुनिक उपकरण खरीदने के लिए 15 हजार रुपये की मदद भी दी जाएगी।
इस योजना के तहत लाभ पाने के लिए न्यूनतम आयु 18 साल रखी गई है। परिवार के एक ही सदस्य को इस योजना का लाभ मिलेगा। आवेदन करने वालों को स्व-घोषणा पत्र भी देना होगा।
मोरहाबादी स्थित आर्यभट्ट सभागार में आयोजित किये जानेवाले कार्यक्रम को लेकर उपायुक्त ने सभी संबंधित पदाधिकारियों को ससमय पूरी तैयारी करने के निर्देश दिये। उन्होंने बताया कि स्कीम की लॉन्चिंग के साथ ही जिले में पोर्टल की शुरुआत कर दी जायेगी। उपायुक्त ने जिले में योग्य कारीगरों को चिन्हित कर उनका पंजीकरण करा योजना का लाभ दिलाने के निर्देश दिये।
विश्वकर्मा योजना एक पहल है जिसका उद्देश्य पारंपरिक शिल्प कौशल में कुशल व्यक्तियों को सशक्त बनाना है। इसका प्राथमिक उद्देश्य विभिन्न क्षेत्रों में श्रमिकों को वित्तीय सहायता, प्रशिक्षण और कल्याण सहायता प्रदान करना है।
किन लोगों को मिलेगा इसका लाभ
केंद्र सरकार की इस योजना से लोहार, कुम्हार, राज मिस्त्री, धोबी, फूलों का काम करने वाले, मछली का जाल बुनने वाले, ताला-चाबी बनाने वाले, मूर्तिकार आदि को लाभ दिया जाएगा। साथ ही कुछ अन्य क्षेत्र के श्रमिकों को भी इसका लाभ दिया जाएगा।
पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत पहले चरण में एक लाख रुपये तक का कर्ज दिया जाएगा। इसपर ब्याज की दर ज्यादा से ज्यादा 5 फीसदी होगी। उसके बाद दूसरे चरण में योग्य कामगारों को 2-2 लाख रुपये का रियायती कर्ज दिया जाएगा।
साथ ही इन कारीगरों और शिल्पकारों को पीएम विश्वकर्मा प्रमाण पत्र और पहचान पत्र भी दिए जाएंगे। वहीं आधुनिक उपकरण खरीदने के लिए 15 हजार रुपये की मदद भी दी जाएगी।
इस योजना के तहत लाभ पाने के लिए न्यूनतम आयु 18 साल रखी गई है। परिवार के एक ही सदस्य को इस योजना का लाभ मिलेगा। आवेदन करने वालों को स्व-घोषणा पत्र भी देना होगा।

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