आफताब शिवदासानी हुए ऑनलाइन फ्रॉड के शिकार:जानिए फ्रॉड से बचने के उपाय

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नई दिल्ली । हर सिक्के के दो पहलू होते हैं। टेक्नोलॉजी जहां एक ओर जीवन को आसान बना रही है, वहीं इसके खतरे भी काफी ज्यादा हैं। ऑनलाइन सुविधाओं के मुकाबले ‘ऑनलाइन फ्रॉड’ की कहानियां ज्यादा सामने आ रही हैं। बीते रविवार को 50 से ज्यादा फिल्में करने वाले बॉलीवुड एक्टर आफताब शिवदासानी भी ऑनलाइन फ्रॉड का शिकार हो गए। स्कैमर ने KYC करने के बहाने उन्हें 1.5 लाख रुपए का चूना लगा दिया।

लोगों में ऑनलाइन फ्रॉड से बचने की जागरूकता जिस अनुपात में बढ़ती है, उसी अनुपात में स्कैमर फ्रॉड करने के नए-नए तरीके ईजाद करते रहते हैं। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट कहती है, भारत में वित्त वर्ष 2022-23 के आखिरी 7 महीनों में 1750 करोड़ रुपए के ऑनलाइन फ्रॉड के केस दर्ज हुए।

इससे हमें ये समझ आता है कि ऑनलाइन फ्रॉड से बचने के लिए सिर्फ एजुकेटेड होना काफी नहीं है। इसके लिए सजगता और समझदारी की भी जरूरत है। साथ ही उन कारणों को समझने और सावधान रहने की भी, जिसकी वजह से हम ऐसे फ्रॉड का शिकार हो सकते हैं।
बैंक से आने वाले मेल और मैसेज को ध्यान से पढ़ें

हमारे फोन पर अक्सर बैंक की तरफ से मेल और मैसेज आते हैं, जिसमें वो हमें अपने एटीएम या क्रेडिट कार्ड का सीवीवी नंबर किसी के साथ शेयर न करने की ताकीद करते हैं। CVV नंबर तीन अंको की वह संख्या होती है, जो एटीएम और क्रेडिट कार्ड के पीछे लिखी होती है। खुद बैंक भी आपसे ओटीपी, CVV नंबर नहीं मांग सकता।

बैंक के कस्टमर केयर वालों को भी CVV न बताएं

यह बात गांठ बांधकर रख लें कि चाहे किसी का भी फोन आ जाए तो भी CVV नंबर किसी के साथ शेयर नहीं करना है। अगर कभी बैंक के आधिकारिक कस्टमर केयर नंबर से फोन आए और वह आपसे यह जानकारी मांगे तो सावधान हो जाएं। यह एक स्कैम और फ्रॉड कॉल है। ऐसे भी कई मामले सामने आए हैं, जिसमें बैंक से जुड़े लोगों ने फ्रॉड करने की कोशिश की है। हालांकि बैंक खुद इन बातों को लेकर काफी सजग हैं, लेकिन आप अपनी तरफ से सावधानी बरतें। जरा सी लापरवाही आपको लाखों की चपत लगवा सकती है।

पेमेंट रिलेटेड OTP किसी को न दें

आजकल किसी बैंक या कंपनी के एग्जीक्यूटिव को हमारी ऑथेंटिसिटी जांचनी होती है तो वो हमारे रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर आये OTP से ही जांचते हैं। इसलिए हमें कई बार उन्हें OTP देना पड़ता है।

लेकिन इसकी आड़ में फ्रॉड करने वाले आपके नंबर पर पेमेंट रिलेटेड OTP जनरेट करके आपसे OTP मांग सकते हैं। इससे आपको हजारों-लाखों का चूना लग सकता है। इसलिए कभी भी कोई एग्जीक्यूटिव आपसे OTP मांगे तो OTP वाले मैसेज को अच्छी तरह से पढ़ें। जब तक मैसेज में एग्जीक्यूटिव से OTP शेयर करने के लिए नहीं कहा गया हो, तब तक उसे शेयर न करें।
KYC के नाम से सावधान

KYC के नाम पर फ्रॉड करने का तरीका बहुत आम हो गया है। आफताब शिवदासानी के साथ भी इसी तरीके से फ्रॉड हुआ। दरअसल उनके मोबाइल पर एक मैसेज आया, जिसमें लिखा था कि बैंक का KYC ड्यू है। KYC नहीं कराया गया तो बैंक अकाउंट बंद हो जायेगा। उस मैसेज में एक लिंक था। आफताब ने उस पर क्लिक किया। वहां जो भी इंस्ट्रक्शन लिखे थे, आफताब उसे फॉलो करते चले गए और ऐसे में उनके अकाउंट से 1.5 लाख रुपए कट गए।

दरअसल लिंक क्लिक करने के बाद वहां आपको अपने कार्ड की डिटेल डालने को कहा जाता है। जिसमें आपसे आपका कार्ड नंबर से लेकर CVV तक सब मांगा जाता है। उसके बाद आपके मोबाइल पर आया OTP भी आपको डालने के लिए कहा जाएगा। ये पोर्टल बैंक का नहीं, फ्रॉड करने वाले व्यक्ति का होता है। ऐसे में सभी पेमेंट रिलेटेड सेंसिटिव जानकारी उसके पास पहुंच जाती है और वो आपको चूना लगा देता है।

याद रखें-

KYC करने के लिए कार्ड डिटेल नहीं डालना होता। KYC हमेशा बैंकिंग ऐप पर या बैंक जाकर ही करें।
खरीदारी करते वक्त या कार्ड डिटेल डालते वक्त वेबसाइट या पोर्टल का यूआरएल (URL) चेक करना बहुत जरूरी है।
पैसे रिसीव करने के लिए UPI पिन नहीं डालना होता

मान लीजिये आपने किसी पुराने सामान बेचने वाले ऐप पर एक फर्नीचर का विज्ञापन पोस्ट किया। एक व्यक्ति को वो फर्नीचर पसंद आ गया। वो आपको मुंहमांगी रकम एडवांस भेजने को तैयार है। वह आपको यूपीआई पेमेंट करने को कहता है। तभी आपके UPI ऐप पर एक ट्रांजेक्शन शो होता है। दूसरी पार्टी फोन करके कहती है कि आप अपना UPI पिन डाल दें। इससे आपके UPI अकाउंट में पैसे आ जाएंगे।

जरा ठहरिए, अगर पैसे कोई दूसरा ट्रांसफर कर रहा है तो फिर पिन आप क्यों डालेंगे। यह फ्रॉड है। जैसे ही आप UPI पिन डालेंगे, पैसा आपके अकाउंट से उसके अकाउंट में ट्रांसफर हो जाएगा।

समझाते हैं कैसे। दरअसल उसने आपको पैसे नहीं भेजे, बल्कि उसने पेमेंट का रिक्वेस्ट भेजा। आपको जो ट्रांजेक्शन दिख रहा था, वो उसी पेमेंट रिक्वेस्ट का नोटिफिकेशन था। आप के UPI पिन डालने से पेमेंट अप्रूव हो जाएगा।

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