15 साल पुराने मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दे डाला ये आदेश, चुनावी सरगर्मियों के बीच मुश्किल में वसुंधरा राजे!

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चुनावी सरगर्मियों के बीच मुश्किल में वसुंधरा राजे! 15 साल पुराने मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दे डाला ये आदेश

राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 की सरगर्मियों के बीच पूर्व सीएम वसुंधरा राजे को लेकर एक महत्वपूर्ण खबर सामने आई है। हैरानी की बात ये है कि राजे से जुड़ा ये मामला 15 साल पुराना है जिसे लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अब गंभीरता दिखाई है। शीर्ष अदालत ने इस सिलसिले में कुछ सख्त दिशा-निर्देश भी जारी किए हैं।

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री ने राजस्थान में पेयजल योजनाओं के लिए पाइप खरीद में कथित गड़बड़ी के करीब 15 साल पुराने मामले में तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे व एक तत्कालीन लेखाधिकारी को 9 साल से नोटिस तामील नहीं होने को गंभीरता से लिया है। साथ ही, इन दोनों को नोटिस तामील करवाने के लिए अखबारों में विज्ञापन छपवाने का आदेश दिया है।

सुप्रीम कोर्ट में 9 साल से लंबित मंजू सुराणा की विशेष अनुमति याचिका पर यह आदेश दिया। इस मामले में पूर्व सीएम राजे व तत्कालीन लेखाधिकारी के.के. गोयल को नोर्टस तामील नहीं होने के कारण यह आदेश दिया गया है। याचिका में कहा गया है कि बाड़मेर लिफ्ट प्रोजेक्ट और पोकरण-फालसूद प्रोजेक्ट सहित पांच पेयजल योजनाओं के लिए पाइप खरीद में राजकोष को 646 करोड़ रुपए का नुकसान पहुंचाया गया। योजना के लिए निविदा में सबसे कम दर रखने वाली कंपनी को ठेका देने के बजाय शर्तों में बदलाव कर मनचाही फर्म को ठेका दिया गया।

याचिका में ये भी कहा गया कि इस संबंध में एक राज्यसभा सदस्य ने वर्ष 2007 में राजे को शिकायत दी, लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। इस संबंध में एसीबी कोर्ट के परिवाद और हाईकोर्ट के याचिका खारिज कर देने पर मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा।

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