ठग गैंगे पहले ‘वर्क फ्रॉम होम’ का देते थे लालच, अब तक देशभर में 10 हजार से अधिक लोगों को ठग चुकी

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इंदौर। देशभर में घरेलु महिलाओं, छात्रों को वर्क फ्रॉम होम का लालच देकर ठगने वाली इंदौरी गैंग के बारे में पुलिस को चौंकाने वाली जानकारी मिली है।

गैंग के सदस्य अब तक देशभर में 10 हजार से अधिक लोगों को ठग चुकी है।क्राइम ब्रांच डीसीपी निमिष अग्रवाल के मुताबिक दिल्ली, कानपुर, बाराबंकी के पीडि़तों को ठगने के मामले में पकड़ाए आरोपी मृदुल पिता शैलेंद्र शर्मा निवासी कृष्णबाग कॉलोनी, रोहन पिता मानसिंह पंवार निवासी प्रजापत नगर, सौरभ गोशर निवासी रेलवे कॉलोनी छोटी ग्वालटोली,

अमन पिता दुर्गेश मालवीय निवासी पलासिया, रितिक पिता दिलीप भाटी निवासी महू, किरण सिंह निवासी एमआर 10 से पूछताछ जारी है।

आरोपियों से जब्त लैपटॉप में कई लोगों के नाम की लिस्ट मिली है। इन लिस्ट में पीडि़तों के नाम के आगे गैंग ने लिखा था कि ये डर गया, ये कम डरा, ये ज्यादा डरा है ये पैसे दे सकता है।

लिस्ट में पीडि़तों के नाम के आगे उनसे वसूली गई राशि की जानकारी भी है।

लोगों को ठग कर जीते थे लग्जरी लाइफ, विदेश में भी वारदात

क्राइम ब्रांच डीसीपी निमिष अग्रवाल के मुताबिक, मुख्य आरोपी मृदुल पिता शैलेंद्र शर्मा ने बताया कि तीन से चार और सदस्य गैंग में काम कर रहे हैं।

एडवाइजरी के नाम पर देश के बाहर भी लोगों से धोखाधड़ी की है। मृदुल पब में जाने का शौकीन है।

लग्जरी लाइफ जीने के लिए धोखाधड़ी की गैंग तैयार की थी। आरोपियों से महाराष्ट्र पुलिस भी भंवरकुआं में उनके ठिकाने पर पूछताछ कर चुकी है।

हालांकि उस मामले में पुलिस जांच कर रही है। अब तक पुलिस ने आरोपियों के खाते से एक करोड़ रुपए से ज्यादा की जानकारी निकाली है।

शहर में कई फर्जी कंपनियां

मृदुल ने बताया है कि शहर में एडवाइजरी के नाम पर कई फर्जी कॉल सेंटर चल रहे हैं।

कई पुराने अपराधी नए लड़कों को तैयार कर यह वारदात करते हैं। अग्रवाल ने बताया कि 15 लाख के शेयर ट्रेडिंग मामले में महाराष्ट्र की पुलिस इंदौर आई है।

मामले में पांच से ज्यादा आरोपियों की तलाश है। इनकी गिरफ्तारी के बाद खुलासा किया जाएगा।

यह है पूरा मामला

मालूम हो वेबसाइट से क्लाइंट डाटा प्राप्त कर इंदौरी गैंग लोगों से संपर्क करती। इसके बाद उन्हें घर बैठे ऑनलाइन डाटा इंट्री का काम देती। 40 रुपए प्रति फाॅर्म भरने के ऐवज में हजारों रुपए प्रतिमाह कमाने का लालच देती।

जब सैलरी देने की बारी आती तो गैंग वकील बनकर लोगों से बात करती। उनसे कंपनी का नुकसान होने के ऐवज में वसूली करती।

इस तरह गैंग ने मुंबई, दिल्ली, पुणे, कानपुर, बाराबंकी, धार सहित देश के विभिन्न राज्यों में सैंकड़ों लोगों को ऑनलाइन ठगी का शिकार बनाया है।

रेलवे टिकट कैंसल कराने में खाते से गए 15 लाख

मल्हारगंज थाना क्षेत्र में पीडब्ल्यूडी इंजीनियर से लाखों की ऑनलाइन धोखाधड़ी हुई है।

रेलवे टिकट कैंसल कराते वक्त वारदात हुई। एडिशनल डीसीपी आलोक शर्मा ने बताया कि खंडवा में पदस्थ एक्जीक्यूटिव इंजीनियर प्रदीप कुमार जैन की शिकायत पर अज्ञात आरोपी के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है।

जैन ने बताया कि 12 सितंबर को उनके खाते से टुकड़ों में 15 लाख रुपए निकले हैं।

घटना दिनांक को उन्होंने भोपाल से कोटा जाने के लिए ऑनलाइन रेलवे टिकट बुक किया था। बाद में शासकीय कार्य के चलते वे कोटा नहीं गए।

टिकट कैंसल कराने के लिए उन्होंने आइआरसीटीसी वेबसाइट ओपन की थी। वहां से मिले संपर्क नंबर पर बात की तो बैंक खाता, पेन कार्ड आदि की जानकारी मांगी गई। बाद में दो घंटे में खाते से रुपए निकाल लिए गए।

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