बदलते मौसम में दिल संभालें;कमजोरी, थकान, चक्कर और बेहोशी जैसी समस्याएं का खतरा
मध्य प्रदेश मौसम बदलने लगा है और शाम-सवेरे बहतीं सर्द हवाओं में ठंड की आहट भी सुनाई दे रही है। इस बदलाव के साथ ही दिल की बीमारियों और हार्ट अटैक का खतरा भी बढ़ जाता है। सर्दियों में लोग छककर खाते हैं और थोड़ी-बहुत एक्सरसाइज भी करते हैं। इधर, एक तरफ शरीर को गर्म रखने के लिए दिल ज्यादा मेहनत करता है, तो दूसरी तरफ ठंड की वजह से खून की नलियां सिकुड़ती हैं, जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ने लगता है। यानी, हर तरह से दिल पर बोझ बढ़ने लगता है।
यही वजह है कि सर्दियों में हार्ट अटैक और दिल की बीमारियों के मामले ज्यादा आते हैं। इसलिए इन दिनों दिल का ख्याल रखना बेहद जरूरी है। टेकअवे में आज सीखिए कैसे पहचानें दिल पर मंडराते खतरे को और साथ में जानें उसे हेल्दी रखने का तरीका, ताकि यूं ही धड़कता रहे आपका दिल।
अगर खानपान अच्छा हो तो शरीर को सारे जरूरी पोषक तत्व मिल जाते हैं, जबकि खराब डाइट दिल का काम बढ़ाकर उसकी क्षमता को कमजोर करती है। इसलिए डाइट का ख्याल रखना जरूरी है, नकारात्मक सोच और खराब मेंटल हेल्थ का असर दिल पर भी पड़ता है। लेकिन, अच्छी बात यह है कि इसे आप कंट्रोल कर सकते हैं। अपनी सोच में बदलाव लाकर दिल को सेहतमंद और खुद को खुशमिजाज बनाए रखें। अपने दिल से प्यार करना सीखें यानी अपने आपसे प्यार करें।
कभी चश्मा तो कभी चाबी भूलने की आदत तो अधिकतर लोगों को होती है। लेकिन, अगर कोई घरवालों के नाम और चेहरे भूलने लगे, अपने रोजमर्रा के काम करना भूल जाए, खुद को साफ कैसे रखना है, उसे यही याद न रहे, या फिर घर आने-जाने के रास्ते याद रखने मुश्किल हो जाएं तो तुरंत डॉक्टर से मिलिए। यह भुलक्कड़ होने की निशानी नहीं, बल्कि अल्जाइमर्स के लक्षण हो सकते हैं।
अल्जाइमर्स में दिमाग की कोशिकाएं मरने लगती हैं और ब्रेन का साइज घटने लगता है। यह बीमारी पूरी दुनिया में बहुत तेजी से बढ़ रही है और इसका कोई इलाज भी नहीं है। उम्र बढ़ने के साथ ही इस बीमारी का खतरा बढ़ता जाता है। पुरुषों के मुकाबले महिलाओं के इसकी चपेट में आने की आशंका सबसे ज्यादा होती है।