हिंदी सिर्फ भाषा नहीं, हमारी मां है : संजय सेठ

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विश्व हिंदी दिवस पर हिंदी रत्न सम्मान समारोह का आयोजन

हिंदी की सेवा में समर्पित साहित्यकारों का सम्मान

RANCHI: विश्व हिंदी दिवस पर रांची के सांसद श्री संजय सेठ के द्वारा हिंदी रत्न सम्मान समारोह का आयोजन किया गया।

रांची के चेंबर भवन में आयोजित इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में रांची की साहित्यकार, हिंदी के प्राध्यापक, कवि और हिंदी प्रेमी मौजूद रहे।

इस कार्यक्रम में प्रमुख उपस्थित रांची विश्वविद्यालय के कुलपति  अजीत कुमार सिन्हा, वरिष्ठ पत्रकार  बैजनाथ मिश्र, राष्ट्रीय नाट्य कलाकार अजय मलकानी की रही।


कार्यक्रम के आरंभ में महिला कवित्रियों ने कविता का पाठ किया।

इसके साथ ही अन्य साहित्यकारों ने हिंदी के महत्व पर अपने विचार रखे।

इस अवसर पर सांसद श्री संजय सेठ ने कहा कि हिंदी सिर्फ हमारी भाषा नहीं है।

यह हमारा मन है। आज विश्व में हिंदी की बढ़ती लोकप्रियता का प्रमाण है कि कई देश हिंदी दिवस बना रहे हैं।  प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी ने वैश्विक पटल पर भारत को हिंदी के साथ मजबूत किया है।

पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेई के बाद  नरेंद्र मोदी ही ऐसे प्रधानमंत्री हुए जिन्होंने हिंदी का मान सम्मान वैश्विक मंच पर बढ़ाने का कार्य किया है।

श्री सेठ ने कहा कि हिंदी एक ऐसी भाषा है, जो सभी भाषाओं के साथ समन्वय बना लेती है। सभी भाषाओं के शब्दों को खुद में समाहित कर लेती है।

इसलिए हिंदी को हम सिर्फ भाषा नहीं कहते, हिंदी को हम मां कहते हैं।

हिंदी ने जो ममता दुलार सभी भाषाओं को दिया है, वह दुर्लभ है। सांसद श्री सेठ ने कहा कि आज के इस पवित्र दिन में रांची के साहित्यकारों कवियों प्राध्यापकों को सम्मानित कर खुद को गौरवांवित महसूस कर रहा हूं।

आप सबने हिंदी की सेवा में जो योगदान दिया है, वह समाज के लिए अनुकरणीय है। हिंदी के उपयोग और बढ़े।

हर घर, हर परिवार, हर व्यक्ति हिंदी में कार्य करें, इस दिशा में हम सबको एक साथ मिलकर काम करना चाहिए।

हिंदी दिवस के इस अवसर पर रांची के पांच दर्जन से अधिक लोगों को हिंदी रत्न सम्मान से सम्मानित किया गया।

इन्हें किया गया सम्मानित

रांची विश्वविद्यालय, रांची महिला महाविद्यालय, डोरंडा महाविद्यालय, श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय,

गोस्सनर महाविद्यालय, योगदा सत्संग महाविद्यालय, केंद्रीय विश्वविद्यालय, जेवियर महाविद्यालय के प्राध्यापक सहित कई स्वतंत्र साहित्यकारों, कवियों को हिंदी रत्न सम्मान से सम्मानित किया गया।
जिन्हें सम्मानित किया गया उनमें प्रमुख रूप से डॉ० वासुदेव प्रसाद, डॉ० सुनीता यादव, डॉ० मंजू लाल, डॉ० हरेंद्र सिन्हा, प्रशांत गौरव,

डॉ० धीरेश्वर झा सुधीर, डॉ० जयप्रकाश पांडेय, डॉ० जंग बहादुर पांडेय, डॉ० सुरेंद्र कौर नीलम, मुक्ति शाहदेव,

रश्मि शर्मा, वीणा श्रीवास्तव, पुष्पा सहाय, करुणा सिंह, खुशबू बरनवाल, डॉ० जितेंद्र सिंह शामिल रहे।

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