मृतक के परिजनों को 25 लाख रुपया मुआवजा और उच्च स्तरीय जांच राज्य सरकार करवाये: अमर कुमार बाउरी

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मांडर के संत जॉन्स हाईस्कूल में युवराज पासवान की हत्या की जांच भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा की जांच टीम ने की

मोर्चा जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष को सौंपी

RANCHI: मांडर के संत जॉन्स हाईस्कूल के हॉस्टल में चतरा जिला के हंटरगंज निवासी दलित छात्र युवराज पासवान की संदिग्ध मौत के संवेदनशील मामले को पुलिस प्रशासन एवं सत्ता पक्ष के दबंग नेता हर कीमत पर दबाने का प्रयास कर रहे है।

आनन फानन में पुलिस प्रशासन और स्कूल प्रबंधन ने बिना किसी मजिस्ट्रेट की मौजुदगी में मृतक के शव का पोस्टमॉर्टम कर शव की अत्येष्टी का दबाब परिजनों पर कर पूरे मामले को रफा दफा करने का प्रयास किया है।

लेकिन भारतीय जनता पार्टी अनुसूचित जाति मोर्चा इस पूरे मामले की जांच मोर्चा स्तर पर गंभीरता से कर रही है। उक्त बातें भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सह नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने कही।

उन्होंने 19 नवंबर 2023 को हुए संत जॉन्स हाईस्कूल के हॉस्टल परिसर में युवराज पासवान की संदिग्ध मौत पर दुःख व्यक्त करते हुए कहा कि मृतक के परिजनों ने स्थानीय पुलिस प्रशासन पर आरोप लगाया है कि युवराज के पोस्टमॉर्टम की रिपोर्ट में छेड़ छाड़ किया गया है।

युवराज पासवान ने आत्महत्या नहीं की है बल्कि उसकी हत्या कर उसे कुँआ में डाल दिया गया था। परिजनों ने यहां तक बताया कि सत्ता पक्ष के एक दबंग नेता बार बार फोन कर स्थानीय पुलिस प्रशासन पर दबाब बना कर मामले को रफा दफा करने का प्रयास कर रहे है।

परिजनों का कहना है कि स्कूल प्रबंधन ने अभी तक किसी तरह का कोई भी साक्ष्य आत्महत्या का प्रस्तुत नहीं किया है।

अमर कुमार बाउरी ने बताया कि जिस कुँआ से युवराज का शव बरामद किया गया है उस कुँआ के उपर जाली लगा हुआ है, वहीं स्कूल प्रबंधन भी किसी तरह का कोई साक्ष्य युवराज के आत्महत्या का प्रस्तुत नहीं किया है।

जिससे साफ लग रहा है कि इस पूरे मामले को दबाने का प्रयास किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि क्षेत्र के ही सत्ता पक्ष के दबंग नेता इस पुरे मामले को दबाने का प्रयास और दबाब पुलिस प्रशासन एवं रिम्स प्रबंधन पर बना रहे है, जिसे भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा बरदास्त नहीं करेगी और युवराज पासवान को न्याय दिलवाने के लिए सड़क से सदन तक की लड़ाई लड़ेगी।

अमर कुमार बाउरी ने इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच, मृतक के परिजन को 25 लाख रुपये का मुआवजा एवं दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग राज्य सरकार से की।

साथ ही उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ऐसे मामले को गंभीरता से लें ताकि भविष्य में किसी भी छात्र के साथ ऐसी लापरवाही न हो और उनके जीवन के साथ खिलवाड़ न हो सके।

भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा झारखंड प्रदेश की जांच कमिटी में प्रदेश महामंत्री रंजय भारती, प्रदेश मंत्री कमलेश राम, प्रदेश मंत्री विशाल वाल्मीकि शामिल थे।

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