रिम्स में स्वास्थ्य व्यवस्था लचर,मरीज आज भी जमीन पर लेटकर है इलाजरत:  अविनेश कुमाऱ

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रिम्स को मिले करोड़ों रुपए के अनुदान के बावजूद कुव्यवस्था मरीज और परिजन परेशान

RANCHI:  पिछले पाँच वर्षों में रिम्स को मिला 1950 करोड एवं अतिरिक्त 300 करोड का फंड फिर भी मरीज जमीन पर लेकर इलाज करवाने को विवश है।यह बयान भाजपा प्रदेश प्रवकत्ता अविनेश कुमार सिंह ने दिया।

उन्होंने कहा कि राज्य का इकलौता सबसे वडा स्वास्थ्य केन्द्र रिम्स को कुव्यवस्था स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता को नजर नही आ रही है।

कुड़े कबाड का ढेर, टूटे फूटे फर्श धूल फांकती एंबुलेंस बस यही एकमात्र पहचान रिम्स की रह गई है। पर्ची कटवाने से लेकर भर्ती करने तक मरीजों के परिजन के लिए महायुद्ध लड़ने जैसा है।

अगर मरीज के साथ उसका कोई परिजन न रहे तो वह मरीज भगवान भरोसे ही है समझिए।
बड़ी बड़ी लंबी गाड़ी उतरने वाले स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता रिम्स की कुव्यवस्था और अपनी अक्षमता छुपाने के लिया थोथी प्रसंसा में लीन रहते है।

जिस राज्य के एक जिला के बाथरूम में 15 लाख की जेनेरिक दवाई सड़ा दी गई हो उस राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था की स्थिति को समझना मुश्किल नहीं है।

माननीय उच्च न्यायालय द्वारा रिम्स की बदहाल व्यवस्था पर कई अवसर पर सख्त टिप्पणी ऐसे हीं नहीं की गई

श्री सिंह ने रिम्स की दुर्व्यवस्था केलिए राज्य सरकार में व्याप्त आकंठ भ्रष्टाचार ,कमीशनखोरी को जिम्मेवार ठहराया।
उन्होंने रिम्स की दुर्व्यवस्था को ठीक करने की मांग की।

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