क्या है तेजस्वी यादव का BAAP फॉर्मूला, जिसे MY के साथ जोड़ने की तैयारी; कितना है कारगर

0

नई दिल्‍ली । बिहार की सत्ता से बेदखल हुए तेजस्वी यादव इन दिनों जन विश्वास यात्रा पर निकले हैं। उनकी सभाओं में बड़े पैमाने पर भीड़ भी जुट रही है और वह इन कार्यक्रमों के जरिए 2024 से पहले वोटरों पर फोकस कर रहे हैं।

तेजस्वी यादव के एक फॉर्मूले BAAP की भी इन दिनों चर्चा हो रही है, जिसे उन्होंने आरजेडी के पुराने आधार कहे जाने वाले MY यानी मुस्लिम और यादव से जोड़ दिया है। तेजस्वी यादव की कोशिश है कि इस फॉर्मूले के जरिए ज्यादा से ज्यादा लोगों को साथ लिया जाए। इसके अलावा वह सिर्फ मुस्लिम और यादव की पार्टी होने के तमगे से भी मुक्ति चाहते हैं। ऐसे में आधार को विस्तार देने के लिए नए ही समीकरण की बात कर रहे हैं।

तेजस्वी यादव का कहना है कि उनके BAAP फॉर्मूल में 90 पर्सेंट लोगों को शामिल किया गया है। वह कहते हैं कि इसमें B का अर्थ बहुजन से है और A का अर्थ अगड़ा एवं आधी आबादी यानी महिलाओं से है। इसके बाद अंत में P का अर्थ पुअर यानी गरीब से है। तेजस्वी यादव का कहना है कि यह उन लोगों को जवाब है, जो कहते हैं कि आरजेडी सिर्फ MY की पार्टी है। हम सिर्फ मुस्लिम और यादव की पार्टी नहीं हैं बल्कि सबकी हैं। दरअसल आरजेडी की मुस्लिमों और यादवों के बीच अच्छी पकड़ रही है। करीब तीन दशक से पार्टी को 31 फीसदी आबादी वाले इन दोनों समुदायों का अच्छा समर्थन मिलता रहा है।

आरजेडी के लिए भी नए सिरे से सोचने का वक्त

लेकिन अब जबकि भाजपा ने अपने वोट प्रतिशत को तेजी से बढ़ाया है और कोइरी, कुर्मी, कुशवाहा समेत अन्य ओबीसी जातियों में पकड़ बनाई है तो फिर यह आरजेडी के लिए भी नए सिरे से सोचने का वक्त है। खासतौर पर तब जब राज्य में कांग्रेस कमजोर है और जेडीयू की भी ताकत पहले जैसी नहीं रही है। ऐसी स्थिति में आरजेडी हर कीमत पर भाजपा के मुकाबले खुद को प्लस रखना चाहती है। तभी वह राज्य की सत्ता पर अपने दम पर काबिज हो सकेगी। इसके चलते आरजेडी अब उन कम आबादी वाली पिछड़ी जातियों पर भी फोकस कर रही है, जो साथ आकर एक बड़ा आधार बनाती हैं। वहीं नीतीश कुमार के समर्थन में महिलाओं का भी बड़ा आधार माना जाता है। ऐसे में आधी आबादी के नाम पर तेजस्वी यादव महिला वोटरों में पैठ बनाना चाहते हैं।

क्या है तेजस्वी यादव का 10 दिनों की यात्रा का प्लान

पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव की यह यात्रा 10 दिन तक चलने वाली है। इस दौरान उनका फोकस मुख्य तौर पर युवाओं पर रहेगा। वह हर दिन करीब 4 जनसभाओं को संबोधित करेंगे। तेजस्वी यादव इस यात्रा में शिक्षक भर्ती का खूब जिक्र कर रहे हैं ताकि उनका क्रेडिट लिया जा सके। गौरतलब है कि नीतीश कुमार के अलग होने के बाद 17 महीने की सरकार में मिली दी गईं नौकरियों को लेकर क्रेडिट की जंग चल रही है। तेजस्वी यादव का कहना है कि उनके सरकार जॉइन करने के बाद ही नौकरियां दी जा सकीं। उससे पहले तो नीतीश कुमार कहते थे कि यदि लाखों नौकरियां देंगे तो फिर रकम कहां से लाएंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed