दो दिवसीय यात्रा पर ब्रिटेन जाएंगे राजनाथ सिंह, आठ जनवरी को होंगे रवाना, जानें क्या है मायने
नई दिल्ली । भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आठ जनवरी (सोमवार) को ब्रिटेन की दो दिवसीय यात्रा पर जाएंगे. वे अपने समकक्ष रक्षा राज्य सचिव ग्रांट शाप्स के साथ द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा करेंगे. इस दौरान रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में द्विपक्षीय साझेदारी की संभावना हैं. रक्षा मंत्रालय (एमओडी) ने एक आधिकारिक प्रेस नोट में इस बात की जानकारी दी.
रविवार को जारी प्रेस रिलीज के अनुसार, रक्षा मंत्री के साथ रक्षा मंत्रालय का एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी ब्रिटेन के लिए रवाना होगा, जिसमें डीआरडीओ, सेवा मुख्यालय, रक्षा विभाग और रक्षा उत्पादन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे. मंत्रालय के अनुसार, राजनाथ सिंह ब्रिटेन पहुंच अपने समकक्ष नेता के साथ रक्षा, सुरक्षा और औद्योगिक सहयोग के व्यापक मुद्दों पर चर्चा कर सकते हैं.
ऋषि सुनक से भी करेंगे मुलाकात
एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, राजनाथ सिंह अपने इस दौरे पर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक से मुलाकात. इसके साथ ही विकास मामलों के राज्य सचिव डेविड कैमरन के साथ भी भारतीय रक्षा मंत्री बैठक करेंगे. राजनाथ सिंह अपने दो दिवसीय दौरे के बीच भारतीय समुदाय से मिलेंगे. इससे पहले नवंबर में, राजनाथ सिंह ने अपने ब्रिटिश समकक्ष ग्रांट शाप्स के साथ टेलीफोन पर बातचीत की थी. इस दौरान दोनों नेताओं के बीच रक्षा संबंधों के साथ-साथ भारत-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा मुद्दों पर चर्चा हुई थी.
22 साल पहले भारतीय रक्षा मंत्री गए थे ब्रिटेन
गौरतलब है कि 22 वर्षों में भारत के रक्षा मंत्री की ब्रिटेन की यह पहली यात्रा है. इससे पहले 22 जनवरी 2002 को तत्कालीन रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नाडीस लंदन दौरे पर गए थे. इस लिहाज से राजनाथ सिंह की यह यात्रा बेहद खास मानी जा रही हैं. गौरतलब है कि भारत और ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर बातचीत कर रहे हैं. दोनों देशों के बीच एफटीए के लिए बातचीत 2022 में शुरू हुई थी.
ग्रांट शाप्स ने राजनाथ सिंह को दिया था नियंत्रण
मालूम हो कि ग्रांट शाप्स ने राजनाथ सिंह को निकट भविष्य में यूके आने का भी निमंत्रण दिया था. इससे पहले सिंह ने शाप्स को रक्षा राज्य सचिव के रूप में उनकी नियुक्ति पर भी बधाई दी थी. राजनाथ सिंह ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट किया, ‘ब्रिटेन के रक्षा राज्य सचिव ग्रांट शाप्स के साथ टेलीफोन पर बातचीत हुई. हमने इंडो-पैसिफिक पर विशेष जोर देने के साथ रक्षा और सुरक्षा से संबंधित कई मुद्दों पर चर्चा की.