रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ब्लास्ट कर टनल की खुदाई का किया शुभारंभ, बुलेट ट्रेन को लेकर नए अपडेट्स

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नई दिल्ली। देश में पहली बार समुद्र के नीचे बनने वाली रेल टनल में बुलेट ट्रेन अपनी फुल रफ्तार 320 किलोमीटर प्रतिघंटे पर दौड़ेगी। समुद्र तल से इसकी गहराई दस मंजिला (56 मीटर) है, जबकि टनल की चौड़ाई 13.9 मीटर है। इससे दो हाई स्पीड रेल लाइनों (अप-डाउन) का निर्माण किया जा सकेगा। देरी से चल रहे मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल कॉरिडोर के तहत बनने वाली टनल परियोजना को तेज गति से पूरा करने के लिए एक साथ चार स्थानों से खुदाई का काम शुरू किया जाएगा। टनल खुदाई के लिए विश्व की विशालतम टीबीएम को लगाया जाएगा।

मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड कॉरिडोर परियोजना (बुलेट ट्रेन परियोजना) में समुद्र तल के नीचे बनाई जा रही टनल सबसे जटिल हिस्सा है। मुंबई के बांद्र-कुर्ला कॉप्लेक्स (बीकेसी) क्षेत्र में पहले से काफी ऊंची बहुमंजिला इमारतें हैं। साथ ही टनल की गहराई 56 मीटर है और इसकी भौगोलिक स्थिति काफी जटिल है। विशेषज्ञों के मुताबिक, टनल में तीन तल होंगे और इसमें सबसे नीचे के तल से बुलेट ट्रेन का परिचालन किया जाएगा।

रेल मंत्री ने किया शुभारंभ
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार को विक्रोली में ब्लास्ट कर उक्त टनल की खुदाई का शुभारंभ किया। इस मौक पर वैष्णव ने बताया कि नए विचार के साथ टनल की खुदाई एक साथ चार स्थानों से शुरू की गई है। इससे टनल की निर्माण प्रक्रिया तेज गति से संभव हो सकेगी। उन्होंने बताया कि समुद्र के 10 मंजिल नीचे टनल बनेगी और बीकेसी बुलेट ट्रेन का स्टेशन 30 मंजिला होगा। इसका निर्माण कार्य पूरा होने के पश्चात स्टेशन की भव्यता देखने लायक होगी।

कई शहरों में 10 गुना तेज विकास
बुलेट ट्रेन परियोजना शहरी परिवहन का साधन मात्र नहीं है, बल्कि भारत में मुंबई-अहमदबाद के बीच सिगंल इकानोमिक कॉरिडोर बनने जा रहा है। जापान सहित अन्य विकसित देश के अध्ययन से स्पष्ट है कि बुलेट ट्रेन परियोजना से विकास तेजी से होता है। 508 किलोमीटर लंबे हाई स्पीडर कॉरिडोर के स्टेशन साबरमती, अहमदाबाद, आनंद, वडोदरा, भरुच, सूरत, बिलीसोर, वापी, बायसर, थाणे व मुंबई क्षेत्र में औद्योगिक विकास, व्यावसायिक विकास और रियल स्टेट 10 गुना तेजी से विकसित होगा। अगले 30 से 40 साल तक यह विकास होता रहेगा।

अगले दो साल में दौड़ने लगेगी
रेल मंत्री ने कहा कि मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड कारिडोर के सूरत-बलिमोरा सेक्शन (50 किलोमीटर) पर अगस्त, 2026 तक बुलेट ट्रेन दौड़ने लगेगी। गुजरात के 284 किलोमीटर कारिडोर पर एलिवेटेड लाइन बिछाई जा चुकी है, जबकि पूरे कॉरिडोर का 100 फीसदी भूमि अधिग्रहण किया जा चुका है। रेल मंत्री ने दावा कि महाराष्ट्र के हिस्से का काम तेज गति से हो रहा है।

320 की फुल रफ्तार से दौड़ेगी बुलेट ट्रेन
देश में पहली बार समुद्र के नीचे बनने वाली रेल टनल में बुलेट ट्रेन अपनी फुल रफ्तार 320 किलोमीटर प्रतिघंटा पर दौडे़गी। समुद्र तल से इसकी गहराई दस मंजिला (56 मीटर) है। जबकि टनल की चौड़ाई 13.9 मीटर है, जिससे दो हाई स्पीड रेल लाइनों (अप-डाउन) का निर्माण किया जा सकेगा। देरी से चल रहे मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल कॉरिडोर के तहत बनने वाली टनल परियोजना को तेज गति से पूरा करने के लिए एक साथ चार स्थानों से खुदाई का काम एक साथ चार स्थानों से शुरू किया जाएगा। टनल खुदाई के लिए विश्व की विशालतम टीबीएम को खुदाई के लिए लगाया जाएगा।

बुलेट ट्रेन परियोजना शहरी परिवहन का साधन मात्र नहीं है बल्कि भारत में मुंबई-अहमदबाद के बीच सिगंल इकानोमिक कॉरिडोर बनने जा रहा है। जापान सहित अन्य विकसित देश के अध्ययन से स्पष्ट है कि बुलेट ट्रेन परियोजेना से विकास एक और एक दो नहीं बल्कि एक और एक 11 होता है। 508 किलोमीटर लंबे हाई स्पीडर कॉरिडोर के स्टेशन साबरमती, अहमदाबाद, आनंद, वडोदरा, भरुच, सूरत, बिलीसोर, वापी, बायसर, थाणे व मुंबई क्षेत्र में औद्योगिक विकास, व्यवसायिक विकास, रियल स्टेट 10 गुना तेजी से विकसित होगा। आगाती 30 से 40 साल तक यह विकास होता रहेगा।

रेल मंत्री ने कहा कि मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड कारिडोर के सूरत-बलिमोरा सेक्शन (50 किलोमीटर) पर अगस्त 2026 तक बुलेट ट्रेन दौड़ने लगेगी। गुजरात के 284 किलोमीटर कारिडोर पर एलिवेटेड लाइन बिछाई जा चुकी है। जबकि पूरे कॉरिडोर का 100 फीसदी भूमि अधिग्रहण किया जा चुका है। महाराष्ट्र में काम पिछड़ने का कारण गैर भाजपा सरकार का होना रहा है। भाजपा सरकार के बनने के 10 दिन बाद ही परियोजना को मंजूरी दे दी गई थी। रेल मंत्री ने दावा कि महाराष्ट्र के हिस्से का काम तेज गति से हो रहा है।

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