साजिश रचने वाले लाख कोशिश कर लें यह दोस्ती नहीं टूटेगी, सिसोदिया को जन्मदिन विश कर केजरीवाल ने कही ये बात
नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पूर्व उपमुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया को उनके जन्मदिन पर खास अंदाज में विश किया है। अरविंद केजरीवाल ने सिसोदिया के साथ अपनी पुरानी दोस्ती की जिक्र करते हुए कहा है कि उनके बीच का भरोसा कभी कम नहीं हो सकता है।उन्होंने सिसोदिया के साथ अपनी पुरानी तस्वीर भी साझा की है, जो राजनीति में उतरने से पहले के दौर की है। केजरीवाल ने कहा कि 11 महीने से जेल में बंद सिसोदिया ना तो झुके हैं और ना झुकेंगे।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म एक्स पर लिखा, ‘ये दोस्ती बहुत पुरानी है। हमारा स्नेह और भरोसा बहुत मजबूत है। जनता के लिए काम करने का ये जुनून भी बहुत पुराना है। साजिश रचने वाले लाख कोशिश कर लें। यह भरोसा, यह स्नेह और यह दोस्ती कभी नहीं टूटेगी।’
केजरीवाल ने सिसोदिया को जन्मदिन की मुबारकबाद देते हुए कहा, ‘बीजेपी ने झूठे केस लगाकर मनीष को पिछले 11 महीने से जेल में रखा हुआ है। लेकिन मनीष इनके जुल्म के आगे डटकर खड़े हैं, इनकी तानाशाही के सामने ना अब तक झुके हैं और ना भविष्य में कभी झुकेंगे। तानाशाही के इस दौर में मनीष का साहस हम सबको प्रेरणा देता है। जन्मदिन मुबारक हो मनीष।’
केजरीवाल के दाएं हाथ कहे जाते हैं सिसोदिया
मनीष सिसोदिया को आम आदमी पार्टी में अरविंद केजरीवाल का सबसे करीबी या दायां हाथ कहा जाता है। करीब एक दशक पहले जब आम आदमी पार्टी पहली बार दिल्ली की सत्ता में आई तो केजरीवाल मुख्यमंत्री बने और सिसोदिया को डिप्टी सीएम बनाया गया। सिसोदिया पिछले साल फरवरी में कथित शराब घोटाले में जेल जाने के बाद तक इस पद पर बने रहे। हालांकि, कई महीनों तक बेल नहीं मिलने के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया। केजरीवाल ने उनके विभाग नए मंत्रियों सौरभ भारद्वाज और आतिशी में बांट दिए लेकिन डिप्टी सीएम का पद किसी और को नहीं दिया गया।
सिसोदिया से कैसे हुई थी दोस्ती, खुद केजरीवाल ने बताया था
पिछले साल एक इंटरव्यू के दौरान केजरीवाल ने बताया था कि सिसोदिया से उनकी मुलाकात ढाई दशक पुरानी है। दोनों पहली बार 1999 में मिले थे और तब से ही दोस्ती है। केजरीवाल ने बताया था कि वह तब इनकम टैक्स विभाग में नौकरी करते थे और करप्शन के खिलाफ एक एनजीओ बनाना चाहते थे। सरकारी नौकरी में होने की वजह से वह इससे नहीं सीधे तौर पर नहीं जुड़ सकते थे। उन्होंने कुछ दोस्तों की मदद से एनजीओ बनाया और इसके लिए वॉलंटियर्स की तलाश के लिए वेबसाइट पर विज्ञापन डाला। इसे देखकर सबसे पहले मनीष सिसोदिया पहुंचे थे और तभी इस दोस्ती की नींव पड़ गई थी। बाद में अन्ना आंदोलन और राजनीति के हर कदम पर सिसोदिया केजरीवाल के साथ डटकर खड़े रहे।