बीजेपी का मकसद राम मंदिर बनाना नहीं, मस्जिद गिराना था, दिग्विजय सिंह का बड़ा हमला
नई दिल्ली । मध्य प्रदेश के शिवपुरी में लोकसभा चुनाव की तैयारियों का जायजा लेने पहुंचे मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने बड़ा बयान दिया है. उनका कहना है कि बीजेपी का मकसद अयोध्या में राम मंदिर बनाना नहीं मस्जिद गिराना था। कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा कि बीजेपी का काम हिंदू और मुसलमान को आपस में लड़ाना है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में बीजेपी पर जमकर निशाना साधा साथ ही राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के समय को लेकर भी सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि क्या कभी सुना है कि अधूरे मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा की जाती है. बीजेपी राम मंदिर की आड़ में लोकसभा चुनाव से पहले राम का सहारा लेने की कोशिश कर रही है. यही वजह है कि बीजेपी ने अधूरे राम मंदिर में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा करवा दी. उन्होंने कहा कि 1979 जब देश के प्रधानमंत्री राजीव गांधी थे तो उन्होंने विवादित भूमि पर पूजन नहीं किया था. लेकिन बीजेपी के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महज वाहवाही लूटने के लिए अधूरे मंदिर में ही राम की प्राण प्रतिष्ठा कर दी।
‘हिम्मत है तो बैलेट पेपर से चुनाव कराएं पीएम’
अपने संबोधन में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने पीएम मोदी को चैलेंज भी दिया. उन्होंने कहा कि अगर पीएम में इतनी हिम्मत है तो वो लोकसभा चुनाव ईवीएम की बजाय बैलेट पेपर से करा कर देख लें. पीएम को पता चल जाएगा कि 400 सीट आती हैं या नहीं. पूर्व सीएम ने ये भी कहा कि वैलिड पेपर से चुनाव होने पर कांग्रेस को कोई हरा नहीं सकता।
इशारों इशारों में कमलनाथ पर दिग्गी का तंज
इसके साथ ही दिग्विजय सिंह ने बिना नाम लिए इशारों ही इशारों में पार्टी के कद्दावर नेता और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ पर भी तंज किया. दरअसल पिछले कुछ दिनों से कमलनाथ और उनके बेटे नकुल नाथ के कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल होने की अटकलें लगाई जा रही थी. इसकी को लेकर जब पत्रकार ने दिग्विजय सिंह से सवाल किया तो उन्होंने कहा कि एक गिलहरी थी जो इधर जाना चाहती थी उधर जाना चाहती थी लेकिन वह कहीं नहीं जा सकी और गाड़ी के नीचे आकर मर गई. उन्होंने इशारों में कहा कि जो दल बदलू लोगों का कहीं भला नहीं होता वो कहीं के नहीं रहते।