मोहन सरकार में कम हो गई 2 लाख लाडली बहनें, कांग्रेस ने उठाए सवाल, BJP ने कही ये बात
भोपाल । मध्य प्रदेश में लाड़ली बहना योजना की 8वीं किस्त जारी कर दी गई है। बुधवार को मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने अपने हाथों से पहली बार 1.29 करोड़ लाड़ली बहनों के खातों में कुल 1576 रु करोड़ की राशि एक क्लिक में ट्रांसफर की। इससे पहले 1.31 करोड़ बहनों को तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल में कुल 1269 करोड़ रुपए की धनराशि दी गई थी। लाड़ली बहनों की संख्या कम होने को लेकर अब नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने बीजेपी सरकार को घेर लिया है।
पर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने उठाया सवाल
लाडली बहनों की संख्या कम होने पर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर पोस्ट जारी कर लाड़ली बहनों की संख्या कम करने के आरोप लगाए हैं और मोहन सरकार को घेरा है। कांग्रेस नेता सिंघार ने लिखा, ”नई सरकार ने घटाई 2 लाख लाड़ली बहना झूठे विज्ञापनों की सच्चाई। कर्ज का बोझ नहीं ढो पा रही विज्ञापन से बनी भाजपा सरकार प्रदेश की लाखों लाडली बहनों से झूठ बोल कर वोट ले लिए और अब उन्ही में से 2 लाख बहनों की छंटनी कर दी।
नई सरकार ने घटाई 2 लाख लाड़ली बहना झूठे विज्ञापनों की सच्चाई।
क़र्ज़ का बोझ नहीं ढो पा रही विज्ञापन से बनी भाजपा सरकारप्रदेश की लाखों लाडली बहनों से झूठ बोल कर वोट ले लिए और अब उन्ही में से 2 लाख बहनों की छंटनी कर दी,
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— Umang Singhar (@UmangSinghar) January 10, 2024
जब सितंबर में शिवराज CM थे, तब लाडली बहनों की संख्या 1.31 करोड़ थी, अब नए CM मोहन यादव जी ने इस संख्या को छांटकर 1.29 करोड़ कर दिया है यानी 2 लाख तो नई सरकार बनते ही घटा दी। सरकारी विज्ञापन इसका प्रमाण है, जनता खुद देखे
ये तो नए CM डॉ मोहन यादव ही तय करंगे
लोकसभा चुनाव के बाद ये संख्या कितनी बचेगी, ये तो नए CM डॉ मोहन यादव ही तय करंगे। नए CM क्यों चाहेंगे कि लाड़ली बहना के ‘प्यारे भैया’ शिवराज जी ही बने रहें और मोहन यादव जी आपकी योजना को कर्ज लेकर ढोते रहें। ‘लाड़ली बहना योजना’ को लेकर लोगों की शंका गलत नहीं है कि CM बदलते ही इस योजना पर तलवार लटकी है। मामले को लेकर सरकार ने सफाई भी दी है। महिला एवं बाल विकास विभाग की प्रमुख सचिव दीपाली रस्तोगी ने कहा, लाड़ली बहना योजना का लाभ 21 से 60 साल तक की उम्र की महिलाओं को मिलता है। अब इस साल जनवरी माह तक 1.31 करोड़ के आंकड़े में से कुछ महिलाएं आयु सीमा को पार कर गईं तो कइयों की मत्यु हो गई। यानी कि 2 लाख महिलाएं योजना की पात्र नहीं रहीं, इसलिए 1.29 करोड़ लाड़ली बहनों को योजना का लाभ दिया गया है।