भारतीय नौसेना ने हूतियों के हमले के शिकार पनामा के जहाज को बचाया

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नई दिल्ली। भारतीय नौसेना ने हूती विद्रोहियों के मिसाइल हमले के बाद पनामा के झंडे वाले जहाज की तेजी से सहायता की। नौसेना की जवाबी कार्रवाई के चलते 22 भारतीयों समेत 30 क्रू सदस्यों की जान बच गई। जहाज एमवी एंड्रोमेडा स्टार पर कच्चा तेल था, जिस पर 26 अप्रैल को हूती विद्रोहियों ने मिसाइल हमला कर दिया। इसके बाद नौसेना के विध्वंसक पोत आईएनएस कोच्चि ने त्वरित जवाबी कार्रवाई की और क्रू के सभी सदस्यों को बचा लिया।

अमेरिकी सेंट्रल कमांड ने बताया कि ईरान समर्थित हूती आतंकियों ने यमन से लाल सागर में सफर कर रहे व्यापारिक जहाज मैशा और एमवी एंड्रोमेडा स्टार पर तीन जहाजरोधी बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं। हमले में जहाज को मामूली नुकसान पहुंचा है। यह हमला हूती आतंकियों के लाल सागर में विभिन्न वाणिज्यिक जहाजों पर हमलों पर बढ़ती वैश्विक चिंताओं के बीच सामने आई है। विद्रोहियों ने नवंबर के बाद से लाल सागर में हमले बढ़ा दिए हैं।

नौसेना ने बताया कि 26 अप्रैल को पनामा का झंडा लगा जहाज एमवी एंड्रोमेडा स्टार पर मिसाइल हमले के बाद सुरक्षा के लिए विध्वंसक आईएनएस कोच्चि को तैनात किया गया था। एमवी एंड्रोमेडा स्टार को नौसेना के आईएनएस कोच्चि ने बीच में रोका और जहाज की स्थिति का आकलन करने के लिए हेलिकॉप्टर ऑपरेशन समेत हवाई टोही की गई। नौसेना की विस्फोटक आयुध निपटान (ईओडी) टीम को भी जोखिम का पता लगाने के लिए तैनात किया गया था।

नौसेना ने बताया कि एमवी एंड्रोमेडा स्टार पर 22 भारतीय नागरिकों समेत 30 क्रू सवार थे। ये सभी सुरक्षित हैं और जहाज अपने अगले गंतव्य के लिए रवाना हो चुका है। हमारी त्वरित कार्रवाई क्षेत्र से गुजरने वाले जहाजों-नाविकों की सुरक्षा में भारतीय नौसेना की प्रतिबद्धता और संकल्प को दोहराती है। पिछले कुछ हफ्तों में भारतीय नौसेना ने पश्चिमी हिंद महासागर में कई व्यापारिक जहाजों पर हुए हमलों के बाद उन्हें सहायता प्रदान की है।

अंतरराष्ट्रीय व्यापार पर पड़ रहा गंभीर असर…इस्राइल-हमास जंग के बीच फलस्तीनियों के समर्थन में हूती विद्रोही लगातार लाल सागर में जहाजों पर हमला कर रहे हैं। इस वजह से कई जहाज अपना रास्ता भी बदल रहे हैं। हमलों के जवाब में अमेरिका और ब्रिटेन ने मिलकर अब तक चार बार यमन में हूतियों के ठिकानों पर एयरस्ट्राइक की है। अमेरिकी मीडिया ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, लाल सागर में लगातार हो रहे हूतियों के हमलों के कारण अंतरराष्ट्रीय व्यापार पर गंभीर असर पड़ रहा है।

वैश्विक व्यापार का करीब 30 फीसदी कंटेनर हर साल लाल सागर के स्वेज कैनाल से होकर गुजरता है। लेकिन हूती विद्रोहियों के हमलों से यूरोप और एशिया के बीच मुख्य मार्ग पर अंतरराष्ट्रीय व्यापार को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। भारत का 80% व्यापार समुद्री रास्ते से होता है। वहीं 90% ईंधन भी समुद्री मार्ग से ही आता है। समुद्री रास्ते में हमले से भारत के कारोबार पर सीधा असर पड़ता है। इससे सप्लाई चेन बिगड़ने का खतरा रहता है। हूतियों से निपटने के लिए अमेरिका ने करीब 10 देशों के साथ मिलकर एक गठबंधन भी बनाया है, जो लाल सागर में हूतियों को रोकने और कार्गो शिप्स को हमले से बचाने का काम कर रहा है।

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