यह पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व है, दूर होंगे रोग-द्ररिद्रता, खूब आएगा धन

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नई दिल्ली (New Dehli)। परमजीत कुमार/देवघर.नवरात्रि (Navratri)की दशमी के दिन     (Dussehra) मनाया जाता है. दशहरे पर पूरे देश में रावण (Ravana)दहन होता है. यह पर्व बुराई पर अच्छाई (good over evil)की जीत का पर्व है. वहीं इस शुभ दिन यदि आप कुछ उपाय कर लें तो वर्ष भर उसका प्रभाव आपको शुभ फल दे सकता है. दशहरे पर रोग, धन की कमी, दारिद्रता, कार्य में रुकावट और शनि की साढ़ेसाती व ढैय्या के लिए उपाय किए जाते हैं.

देवघर के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित नंदकिशोर मुद्गल ने बताया कि हर साल दशहरा अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है. इस साल दशहरा 24 अक्टूबर को मनाया जाएगा. वहीं, आपके जीवन में कोई कष्ट है या चिंता हो तो इस दिन कुछ उपाय करने से काफी राहत मिलेगी. इन उपायों से रोग मुक्ति, धन की कमी, व्यापार का घाटा आदि समस्याएं दूर हो सकती हैं.

दशहरे के दिन करें ये पांच उपाय

1. रोग सें मुक्ति पाने के लिए: दशहरे के दिन किसी भी रोग से मुक्ति पाने के लिए सुंदरकांड का पाठ करें या फिर एक नारियल हाथ में रखकर हनुमान चालीसा का दोहा ”नासे रोग हरे सब पीरा, जपत निरंतर हनुमान बीरा” पढ़ कर रोगी के सिर के ऊपर से सात बार घुमा दें. फिर उस नारियल को रावण दहन में फेंक दें. रोग समाप्त हो जाएंगे.

2. व्यापार में धन लाभ के लिए: व्यापार-कारोबार में उन्नति पाने के लिए दशहरे के दिन पीले वस्त्र में नारियल, मिठाई, जनेऊ किसी ब्राह्मण को दान करें. इससे मंद पड़े व्यापार में फायदा पहुंचेगा और आर्थिक लाभ पहुंचेगा.

3. अपराजिता की करें पूजा: कार्य मे सफलता या समस्या से छुटकारा पाने के लिए दशहरे के दिन अपराजिता के पौधे की पूजा अवश्य करें. अपराजिता का फूल बाएं हाथ में ताबीज के रूप में बांध लें. हर कार्य मे सफलता मिलेगी.

4. शनि की साढ़ेसाती से राहत के लिए: अगर आपकी कुंडली में शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या है तो इससे राहत पाने के लिए दशहरे के दिन शमी पेड़ के नीचे तिल तेल का 11 दीपक जलाएं और प्रार्थना करें. इससे शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या के प्रभाव से राहत मिलेगी.

5. दरिद्रता समाप्त करने के लिए: कहते हैं सबसे बड़ा दान गुप्त दान होता है, इसलिए दशहरे के दिन गुप्त तरीके सें किसी ब्राह्मण या किसी असहाय को अन्न, वस्त्र या मूल्य दान करें. इससे दरिद्रता समाप्त हो जाएगी. साथ ही घर से कलह भी खत्म होगा.

रावण दहन का शुभ मुहूर्त
माना जाता है कि रावण दहन अगर शुभ मुहूर्त में किया जाए तो इसके शुभ फल प्राप्त होते हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, रावण दहन प्रदोष काल में किया जाता है. शुभ मुहूर्त 24 अक्टूबर की शाम 5 बजकर 22 मिनट से प्रारम्भ हो रहा है जो 6 बजकर 59 मिनट तक रहने वाला है. यह समय वृद्धि योग का भी है, इसलिए इस मुहूर्त में रावण दहन करने का उत्तम समय है.

(NOTE: इस खबर में दी गई सभी जानकारियां और तथ्य मान्यताओं के आधार पर हैं. हम किसी भी तथ्य की पुष्टि नहीं करते है.)

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