भूकंप से हिल गया नेपाल, अब तक मलबे से निकले 129 शव, एक हजार से अधिक घायल – जाजरकोट जिले को हुई है सबसे ज्यादा क्षति

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काठमांडू । कई बार भूकंप की त्रासदी की निर्मम मार से बेहाल हो चुके नेपाल को शुक्रवार रात कांपी धरती ने फिर हिलाकर दिया। इस बार इसका केंद्र जाजरकोट जिला रहा। शक्तिशाली भूकंप के तेज झटकों से हजारों मकान मलबे के ढेर में बदल गए। सुबह होते ही युद्धस्तर पर राहत और बचाव अभियान शुरू किया गया है। अब तक 129 लोगों के मरने की पुष्टि हुई है। जाजरकोट जिले में सबसे ज्यादा तबाही हुई है। यहां मरने वालों की संख्या बढ़कर 92 पहुंच चुकी है। मलबे के ढेर में जिंदगी की तलाश की जा रही है। यहां अब भी मलबों में दर्जनों लोग दबे हैं, जिन्हें बचाने की कोशिशें जारी हैं। फिलहाल, मरने वालों का आंकड़ा और भी बढ़ सकता है। अपने के शव देख लोगों के सीने फट रहे हैं। रूकुम पश्चिम जिला में मृतकों की संख्या का आंकड़ा 37 पहुंच गया है।

प्रधानमंत्री पुष्पकमल दाहाल प्रचंड राहत सामग्री और दवाओं के साथ हेलीकॉप्टर लेकर भूकंप प्रभावित क्षेत्रों के लिए निकले हैं। उनके साथ सेना की मेडिकल टीम भी है। आसपास के जिलों से भी मेडिकल टीमों को प्रभावित इलाकों में भेजा जा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि मलबे से अब तक 300 से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है। घायलों की संख्या लगातार बढ़ रही है। अस्पतालों में जगह कम पड़ गई है। सबसे अधिक परेशानी घायलों के इलाज के लिए पर्याप्त सुविधा न होने से हो रही है। गम्भीर रूप से घायल लोगों को हेलीकॉप्टर से सुर्खेत और काठमांडू लाने की तैयारी की जा रही है।

अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण विभाग ने नेपाल में आए भूकंप की गहराई केवल 18 किलोमीटर बताई है। ये भूकंप शुक्रवार (3 नवंबर) को देर रात 11:47 मिनट में आया, जिसका कि केंद्र जाजरकोट जिले के रमीडांडा रहा। नेपाल के राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र ने कहा कि भूकंप की तीव्रता 6.4 थी, मगर जर्मन रिसर्च सेंटर फॉर जियोसाइंसेज (जीएफजेड) ने बाद में तीव्रता को घटाकर 5.7 कर दिया और अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने इसकी तीव्रता 5.6 आंकी है।

नेपाल के गृह मंत्रालय के प्रवक्ता नारायण प्रसाद भट्टाराई ने कहा कि हमें जानकारी है कि भूकंप के कारण दो जिलों में मानवीय और शारीरिक क्षति हुई है और सुरक्षा बलों को बचाव कार्य के लिए तैनात किया गया है। वहीं नेपाली प्रधानमंत्री पुष्प कमल ने भूकंप से हुई मानवीय और शारीरिक क्षति पर गहरा दुख व्यक्त किया और वे आज सुबह से ही भूकंप प्रभावित क्षेत्र में बचाव कार्य की जमीनी हकीकत जानने और पीडि़त परिवारों से मिलने उनके पास पहुंचे हैं। उल्‍लेखनीय है कि नेपाल में एक महीने में तीसरी बार तेज भूकंप आया है। इससे पहले साल 2015 में नेपाल में 7.8 तीव्रता का भूकंप में लगभग 9,000 लोगों की मौत हो गई और 22,000 से अधिक लोग घायल हो गए थे । इस दौरान पांच लाख से अधिक घर नष्ट हो गए थे ।

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