‘पीएम मोदी हमेशा बाबा के पैर छूते थे, उनका रिश्ता कई साल पुराना है’: शर्मिष्ठा – aajkhabar.in

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-शर्मिष्ठा देश के पूर्व राष्ट्रपति पर किताब लेकर आ रही हैं – “प्रणब, माय फादर: ए डाटर रिमेबर्स”, किताब का विमोचन 11 दिसंबर को दिल्‍ली में होगा

-उन्‍होंने कहा, जब मोदी 2014 में प्रधानमंत्री चुने गए तो कांग्रेस के दिग्गज नेता प्रणब मुखर्जी भारत के राष्ट्रपति थे, वह हमेशा बाबा के पैर छूते थे

नई दिल्‍ली। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा ने बुधवार को कहा कि मुझे लगता है कि अलग-अलग विचारधाराओं को देखते हुए यह सब कुछ बहुत ही अजीब था। लेकिन, मुझे लगता है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बाबा का यह रिश्ता कई साल पुराना है। यहां तक कि मोदी के गुजरात के मुख्यमंत्री बनने से भी पहले का है, शर्मिष्ठा ने कहा कि खुद पीएम मोदी ने उन्हें बताया था कि वह तब अलग-अलग कार्यक्रमों के लिए एक साधारण पार्टी कार्यकर्ता के रूप में दिल्ली आते थे और नॉर्थ एवेन्यू और साउथ एवेन्यू इलाके में रहते थे। सुबह की सैर के दौरान, वह बाबा से हमेशा मिलते थे। शर्मिष्ठा ने कहा,’पीएम मोदी ने मुझे बताया था कि बाबा उनसे हमेशा अच्छी तरह से बात करते थे और वह हमेशा बाबा के पैर छूते थे। उन्‍होंने कहा, जब मोदी 2014 में प्रधानमंत्री चुने गए तो कांग्रेस के दिग्गज नेता प्रणब मुखर्जी भारत के राष्ट्रपति थे।

मोदी कांग्रेस और सरकार की नीतियों के कटु आलोचक रहे

प्रणब दा की बेटी शर्मिष्ठा देश के पूर्व राष्ट्रपति पर एक किताब लेकर आ रही हैं – “प्रणब, माय फादर: ए डाटर रिमेबर्स”। किताब का विमोचन 11 दिसंबर को दिल्‍ली में होगा। अपनी किताब में उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के बीच के रिशतों के बारे में बात की है। जिसमें उन्होंने कांग्रेस और बीजेपी के नेताओं संग अपने पिता के रिश्तों की बात पर भी रोशनी डाली है। शर्मिष्ठा बताती है, “बाबा की डायरी में एक बहुत ही दिलचस्प नोट है कि जब मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में पहली बार राष्ट्रपति से मिलने आए थे। उस पर बाबा ने लिखा, वह कई बार कांग्रेस और सरकार की नीतियों के कटु आलोचक रहे । हमारे बीच बहस भी हुई लेकिन अकेले में वह हमेशा मेरे पैर छूता है। वह मुझसे कहता है कि इससे उसे खुशी मिलती है। मुझे इसका कारण समझ नहीं आता। शर्मिष्ठा ने कहा कि पीएम मोदी ने भी इस बात की पुष्टि की है और कहा है कि यह एक लंबी परंपरा है। उन्होंने आगे कहा कि राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के बीच संबंध इस तरह के इसलिए थे क्योंकि उनके पिता का मानना था कि उनकी एक संवैधानिक भूमिका है और शासन में हस्तक्षेप न करना भी संवैधानिक ही सीमा है इसलिए, पहली ही बैठक में, उन्होंने बहुत स्पष्ट रूप से प्रधान मंत्री से कहा, ‘हम दो अलग-अलग विचारधाराओं के हैं, लेकिन लोगों ने आपको अधिकार दिया है। इसलिए मैं शासन में हस्तक्षेप नहीं करूंगा।

राहुल गांधी के बयान ‘राजनीतिक रूप से विकसित नहीं हैं

लेकिन अगर आपको किसी संवैधानिक मामले में मदद की जरूरत है तो मैं आपका पूरा समर्थन करूंगा। मोदी के प्रधानमंत्री बनने के तीन साल बाद प्रणब मुखर्जी 2017 तक राष्ट्रपति पद पर रहे। एक इंटरव्यू में शर्मिष्ठा ने यह भी बताया कि उनके पिता पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के बारे में क्या सोचते थे। उन्होंने कहा, बाबा के मुताबिक राहुल गांधी के बयान ‘राजनीतिक रूप से विकसित नहीं हैं। उन्होंने कहा, उन्हें (प्रणब मुखर्जी) एहसास हुआ कि वह शायद धारणा की लड़ाई हार रहे हैं। शर्मिष्ठा ने कहा कि देश के पूर्व राष्ट्रपति उनके बाबा को 2014 के लोकसभा चुनाव में पार्टी के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद राहुल गांधी की संसद से लगातार अनुपस्थिति से भी नाखुश थे। उन्होंने कहा कि उनके पिता ने एक पत्रकार से कहा था कि उन्हें प्रधानमंत्री बनाने के लिए सोनिया गांधी से कोई उम्मीद नहीं है। जब 2004 में सोनिया गांधी द्वारा अपनी दावेदारी छोड़ने के बाद, मीडिया में अटकलें चल रही थीं कि प्रधानमंत्री कौन होगा। तब मेरे पिता और मनमोहन सिंह के नाम चर्चा में थे। मुझे याद है मैंने उत्साह से उनसे पूछा कि क्या वह प्रधानमंत्री होंगे। लेकिन उन्होंने कहा, ‘नहीं’ और मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री होंगे।

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