लोकसभा चुनाव के बाद अगले दो साल तक बाजार में आएगी जबरदस्त तेजी
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मुंबई एक्सक्लुसिव इंटरव्यू: शॉर्ट टर्म में बाजार में जारी रहेगी उठापटक, निवेशक अगले 3 से 6 माह रहें सतर्क । अमरीका में ब्याज दरें बढऩे की आशंका से दुनियाभर के बाजारों में आई गिरावट और आगामी चुनावों के बावजूद भारतीय बाजार में बड़ी गिरावट नहीं आई। यह कहना है व्हाइटओक कैपिटल के सीईओ आशीष सोमैया का
अमरीका में ब्याज दरें बढऩे की आशंका से दुनियाभर के बाजारों में आई गिरावट और आगामी चुनावों के बावजूद भारतीय बाजार में बड़ी गिरावट नहीं आई। हालांकि अगले कुछ महीने बाजार में उठापटक रह सकती है। पत्रिका से खास बातचीत में व्हाइटओक कैपिटल के सीईओ आशीष सोमैया ने कहा, पिछले कुछ महीनों में मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में बड़ी तेजी आई। ऐसे में निवेशकों को अगले 3 से 6 महीने तक सतर्क रहने की जरूरत है। लोकसभा चुनाव के बाद अगले दो साल तक बाजार बुल पर सवार रहेगा। लेकिन अभी अगले कुछ महीने तक सावधानी बरतने की जरूरत है। आशीष सोमैया से बातचीत के प्रमुख अंश…
1. निवेशकों को अभी किन सेक्टर्स से दूर रहने की सलाह है, किन सेक्टर्स में निवेश फायदेमंद रहेगा?
मैं निवेशकों को सेक्टर के आधार पर निवेश की सलाह नहीं देता। मेरा मानना है कि सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले सेक्टर एक-दो माह में ही बेहतर रिटर्न देने वाले सेक्टर बन सकते हैं। इसलिए निवेशकों को किसी भी सेक्टर से दूर रहने की सलाह नहीं है। निवेशक हर सेक्टर के ऐसे स्टॉक्स में निवेश करें जो अपट्रेंड़ में हैं, जिनका फंडामेंटल और बैलेंसशीट मजबूत है और जिनका वैल्यूएशन रिजनेबल है। मैं अभी कंज्यूमर, फार्मा-हेल्थकेयर के साथ इंडस्ट्रियल्स स्टॉक्स पर ओवरवेट हूं। इनमें तेजी आ सकती है
2. निवेशकों की एसेट एलोकेशन की रणनीति कैसी होनी चाहिए?
निवेशकों को अपनी रिस्क उठाने की क्षमता और अपने वित्तीय लक्ष्यों के हिसाब से लॉन्ग टर्म के लिए म्यूचुअल फंड्स के जरिए इक्विटी और फिक्स्ड इनकम एसेट्स में निवेश करना चाहिए। अभी निवेशकों को 50त्न से 60त्न इक्विटी में और 40त्न से 50त्न फिक्स्ड इनकम एसेट्स में निवेश करना चाहिए।
3. फंड चुनते समय किन फैक्टर्स को ध्यान में रखें?
म्यूचुअल फंड्स मार्केट साइकल के हिसाब से अच्छा और खराब प्रदर्शन करते हैं। ये रोटेट होते रहते हैं। इस वजह से निवेशक असमंजस में रहते हैं कि किस स्कीम में निवेश करें। बाजार के विनर्स और लूजर्स की पहचना करना काफी कठिन है। साथ ही किसी खास सेक्टर या स्टाइल में निवेश करने से पोर्टफोलियो में जोखिम बढ़ सकता है। इसलिए बीएसई 500 इंडेक्स के आधार पर बैलेंस पोर्टफोलियो बनाएं। किसी फंड का एक साल का रिटर्न देखकर निवेश करने से बचें।
4.स्मॉल और मिडकैप फंड्स में अधिक जोखिम और उतार-चढ़ाव के बावजूद मैं हमेशा इनमें निवेश करने का समर्थक हूं। लॉन्ग टर्म में वेल्थ क्रिएशन के लिए स्मॉल-मिडकैप फंड्स में निवेश करना जरूरी है। निवेशकों को लार्जकैप और स्मॉल-मिडकैप के बीच संतुलन बनाना चाहिए।
5. अभी कौन सी हाइब्रिड श्रेणी सबसे मुफीद है?
बाजार में उठापटक और बॉन्ड यील्ड में तेजी को देखते हुए मिक्स्ड एसेट फंड्स में निवेश करने का सही समय है। घरेलू शेयर बाजार का आउटलुक बुलिश है, लेकिन वैश्विक अर्थव्यवस्था में बड़े जोखिम दिख रहे हैं। ब्याज दरें ऊंची रहने से डॉलर के मुकाबले रुपया अब तक के निचले स्तर पर है, ऐसे में इकोनॉमिक इंड़िकेटर्स में कोई भी बदलाव होने से बॉन्ड यील्ड बढ़ सकता है। निवेशक अभी मल्टी एसेट फंड के साथ बैलेंस्ड एडवांटेज फंड में निवेश कर सकते हैं।भारतीय शेयर बाजार फिर बाउंसबैक कर रहा है। किन वजहों से बाजार ने मजबूती से ग्लोबल कठिनाइयों का सामना किया है?
6 .मिडिल ईस्ट संकट, क्रूड ऑयल की बढ़ती कीमतें, महंगाई बढऩे के साथ बॉन्ड यील्ड में बढ़ोतरी जैसी ग्लोबल चुनौतियों के बावजूद घरेलू निवेशकों के जबरदस्त निवेश, देश की अर्थव्यवस्था में तेजी और भारत पर भरोसा बढऩे के कारण भारतीय शेयर बाजार ने बाउंस बैक किया है। इन चुनौतियों पर बाजार में बहुत अधिक रिएक्ट नहीं किया। हालांकि, शॉर्ट टर्म में उठापटक आ सकती है। अगर निवेशकों ने किसी एक मार्केट कैप, एक इंडेक्स, एक सेक्टर और थीम में बहुत अधिक निवेश किया है तो उन्हें जोखिम उठाने की क्षमता के आधार पर एलेट एलोकेशन बैलेंस कर लेना चाहिए।