भारतीयों की कम हुई चीनी सामान में दिलचस्पी, माल गोदामों में रखा लेकिन नहीं मिल रहे खरीदार

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नई दिल्ली। त्योहारों के मौके पर देशभर में लगभग सभी शहरों में सेल चल रही हैं और इन दिनों जमकर खरीदारी हो रही है। उम्मीद है कि त्योहारों के साथ साथ शादियों एवं नए वर्ष के सीजन के दौरान 31 दिसम्बर तक देश के बाजारों में कुल मिलाकर 8.5 लाख करोड़ रुपए का व्यापार होगा। लेकिन इस सबके बीच चीन से आया कई हजार करोड़ रुपए का सामान देश भर के गोदामों में रखा हुआ है और उसके लिए फिलहाल खरीदार नहीं मिल रहे हैं, खरीदारी हो भी रही है तो इसकी रफ्तार इतनी धीमी है कि अभी इसकी खपत में ही कई माह गुजर जाएंगे।

व्यापारियों के अनुसार यह व्यापार ऑनलाइन व्यापार के संभावित 90 हजार करोड़ रुपए के आंकड़े से कहीं ज़्यादा है। कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने उम्मीद जताते हुए कहा कि एक अनुमान के अनुसार इन तीनों सीजन में लगभग 60 करोड़ से ज़्यादा ग्राहक मेनलाइन बाजारों से खऱीददारी करेंगे।

उन्होंने बताया कि इसमें खास बात यह है कि चीन के सामान की बिक्री नहीं की जाएगी जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वोकल फार लोकल अभियान की दिशा में देश के व्यापारियों और उपभोक्ताओं का बड़ा सहयोग है।

बाजार में इस बार खास तौर पर देखने में यह आ रहा है कि जो ग्राहक पहले चीन के बने सामान को ही मांगते थे वही अब यह सुनिश्चित करते हैं कि चीनी सामान न खरीदें। हालांकि बाजार के व्यापारियों ने बातचीत में माना कि चीन से लाया सामान अभी भी बिक्री किया जा रहा है और कई लोग तो उसे भारतीय बोलकर बेच रहे हैं, लेकिन , इस मामले में ग्राहकों की जागरूकता भी सामने आ रही है और यदि उन्हें किसी सामान पर अंदर या बाहर किसी भी कोने पर चीनी भाषा या मेड इन चीन लिखा दिख जाता है तो वह तुरंत उसे वापस कर देते हैं ।

ऐसे में कई हजार करोड़ का सामान फिलहाल गोदाम में रखा हुआ है और यह चीनी सामान ग्राहकों का इंतजार कर रहा है । कुल मिलाकर इस भारतीय बाजार में भारतीय सामानों के लिए एक बड़ा स्पेस दिखाई दे रहा है और लोग भारतीय सामग्री को ही खरीदना पसंद करते हुए देखे जा रहे हैं।

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