अनिल अंबानी की नहीं हो रहीं मुसीबतें खत्‍म, रिलायंस जनरल इंश्योरेंस 922 करोड़ के टैक्स का नोटिस

0

]

मुंबई । उद्योगपति अनिल अंबानी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रहीं, बल्‍कि वक्‍त के साथ ये बढ़ती जा रही हैं। अब नया संकट उनके सामने उनकी कंपनी रिलायंस कैपिटल की रिलायंस जनरल इंश्योरेंस को लेकर खड़ा हो गया है। डायरेक्ट्रेट जनरल ऑफ GST इंटेलीजेंस (डीजीजीआई) ने 922.58 करोड़ रुपये टैक्स डिमांड उनकी कंपनी के लिए भेजा है। कंपनी को इस बारे में अनेक कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं। डीजीजीआई ने समय-समय पर प्रमुखता से रिलायंस को चार अलग-अलग कारण बताओ नोटिस भेजे गए हैं । इसमें उनसे 478.84 करोड़, 359.70 करोड़, 78.66 करोड़ और 5.38 करोड़ रुपये के GST बकाया की मांग की गई है। ये नोटिस रिइंश्योरेंस कमीशन, बीमा प्रीमियम, इनपुट टैक्स क्रेडिट और रिइंश्योरेंस पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) का भुगतान न करने से जुड़े हैं । आपको बतादें कि रिलायंस कैपिटल अभी इनसॉलवेंसी में चल रही है।

कमीशन है आय का भाग, इस पर जीएसटी देना होता है अनिवार्य
इस बारे में डीजीजीआई का साफ कहना है कि रिइंश्योरेंस पर कमाया गया कमीशन कंपनी की आय का भाग है, ऐसे में इस पर जीएसटी का भुगतान करना होगा। 359.70 करोड़ और 78.66 करोड़ रुपये के नोटिस भी रिइंश्योरेंस और इनपुट टैक्स क्रेडिट से संबंधित हैं। 5.38 करोड़ रुपये का चौथा नोटिस जीएसटी का भुगतान न करने से जुड़ा हुआ है। ये नोटिस रि-इंश्योरेंस और को-इंश्योरेंस से आने वाले रेवेन्यू से संबंधित हैं। इस बारे में कंपनी को भेजे गए ईमेल का कोई जवाब नहीं आया है। प्रॉफिट में चल रही इस कंपनी की रिलायंस कैपिटल की कुल वैल्यू में 70 परसेंट हिस्सेदारी है। बैंकरों का कहना है कि इससे कंपनी की वैल्यूएशन पर असर पड़ सकता है।

मामले में अब होनी है 11 अक्टूबर को सुनवाई

हिंदूजा ग्रुप ने इस कंपनी को खरीदने के लिए अब तक की सबसे बड़ी बोली लगाई है, किंतु अभी इसके लिए सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी का इंतजार है। पहले दौर में सबसे बड़ी बोली लगाने वाली कंपनी टॉरेंट ग्रुप ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। हिंदूजा ग्रुप ने नौ हजार 800 करोड़ रुपये का ऑफर दिया है। इसमें करीब 20 फाइनेंशियल सर्विसेज कंपनियां हैं। इनमें सिक्योरिटीज ब्रोकिंग, इंश्योरेंस और एक एआरसी शामिल है। आरबीआई ने कर्ज में डूबी रिलायंस कैपिटल के बोर्ड को 30 नवंबर 2021 को भंग कर दिया था और इसके खिलाफ इनसॉल्वेंसी प्रॉसीडिंग शुरू की थी। पहले राउंड में टॉरेंट इन्वेस्टमेंट ने इसके लिए 8,640 करोड़ रुपये की सबसे बड़ी बोली लगाई थी। अब इस मामले में 11 अक्टूबर को सुनवाई होनी है।

दिवंगत धीरूभाई अंबानी ने की थी रिलायंस इंडस्ट्रीज की स्थापना

उल्‍लेखनीय है कि रिलायंस इंडस्ट्रीज की स्थापना साल 1958 में दिवंगत धीरूभाई अंबानी ने की थी। तब कंपनी मुख्यत: मसालों और धागों का कारोबार करती थी। धीरे-धीरे कंपनी ने अपना दायरा फैलाया और आज दुनिया की दिग्गज कंपनियों में शुमार की जाती है। 2002 में धीरूभाई के निधन के बाद कंपनी का कारोबार उनके दो बेटों- मुकेश अंबानी और अनिल में बंट गया। मुकेश आज जहां एशिया के सबसे अमीर उद्योगपति हैं तो दूसरी ओर अनिल भारी कर्ज में डूब चुके हैं। साथ ही यह भी बतादें कि रिलायंस इंश्योरेंस रिलायस कैपिटल की सबसे प्रमुख कंपनी है। रिलायंस कैपिटल की कुल वैल्यू में करीब 70 फीसदी हिस्सा रिलायंस इंश्योरेंस का है। वर्तमान में ये राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) की ऋण समाधान प्रक्रिया से गुजर रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *