सर्वपितृ अमावस्या पर लगेगा सूर्य ग्रहण,भारत में नहीं दिखाई देगा इसलिए इसका सूतक मान्य नहीं होगा
नई दिल्ली (New Dehli) । इस साल सर्व पितृ अमावस्या (Amavasya)पर साल का आखिरी सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse)लगने जा रहा है. माना जाता है कि सर्व पितृ अमावस्या (Amavasya)पर उन लोगों का श्राद्ध (Shraddha)कर्म किया जाता है जिनकी मृत्यु तिथि परिवार के सदस्य भूल जाते हैं. आश्विन मास की अमावस्या सर्व पितृ अमावस्या के रूप में जानी जाती है. इस बार सूर्य ग्रहण 14 अक्टूबर, शनिवार को लगने जा रहा है. मान्यता है कि अमावस्या के दिन पितरों के नाम दान करना बड़ा ही फलदायी होता है. लेकिन इस बार यह सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा. इसलिए सूर्य ग्रहण का अमावस्या पर कोई असर नहीं होगा.
सर्व पितृ अमावस्या की अवधि
इस साल सर्व पितृ अमावस्या 14 अक्टूबर, शनिवार को पड़ रही है, साथ ही इसी दिन सूर्य ग्रहण भी दिखेगा. सर्व पितृ अमावस्या तिथि का आरंभ 13 अक्टूबर को रात 9 बजकर 50 मिनट पर होने जा रहा है और अमावस्या तिथि का समापन 14 अक्टूबर को रात 11 बजकर 24 मिनट पर होगा.
14 अक्टूबर, बृहस्पतिवार को इस साल का दूसरा सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है. यह ग्रहण 14 अक्टूबर को रात 08 बजकर 34 मिनट से शुरू होगा और रात 02 बजकर 25 मिनट पर समाप्त हो जाएगा. यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा इसलिए इस ग्रहण का सूतक काल नहीं माना जाएगा. यह ग्रहण कन्या राशि और चित्रा नक्षत्र में होगा.
सर्व पितृ अमावस्या पर करें ये काम
1. अमावस्या के दिन पितृदोष और गृहदोष दूर करने के कार्य किए जाते हैं.
2. सर्व पितृ अमावस्या पर सूर्य ग्रहण का सूतक नहीं लगेगा इसलिए दान पुण्य किया जा सकता है.
3. इस दिन घर से नकारात्मक ऊर्जा दूर करने के लिए हनुमानजी का पूजन कर सकते हैं.
4. अमावस्या के दिन पवित्र नदियों में जैसे गंगा, यमुना, सरस्वती में स्नान करने का विधान है.
सर्व पितृ अमावस्या के दिन सूर्य ग्रहण का ये रहेगा असर
इस स्या के दिन सूर्य ग्रहण का ये रहेगा असरसाल सूर्य ग्रहण कन्या राशि में लगने जा रहा है. सूर्य ग्रहण दर्शनीय ना हो तब भी इसका प्रभाव सभी राशियों पर पड़ता है. इस दौरान कुछ राशियों को सर्वाधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है. यह राशियां हैं- मेष, कर्क, तुला और मकर. इन राशियों को सूर्य ग्रहण की अवधि विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है.
कहां कहां दिखेगा ये सूर्य ग्रहण
यह सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा. साल का दूसरा सूर्यग्रहण दक्षिण अमेरिका के क्षेत्रों को छोड़कर उत्तरी अमेरिका, कनाडा, ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड, ग्वाटेमाला, मैक्सिको, अर्जेटीना, कोलंबिया, क्यूबा, बारबाडोस, पेरु, उरुग्वे, एंटीगुआ, वेनेजुएला, जमैका, हैती, पराग्वे, ब्राजील, डोमिनिका, बहामास, आदि जगहों पर दिखाई देगा.