कार्तिक महीने में सूर्योदय से पहले उठकर पवित्र नदी में स्नान करें,जानें क्या है इसका पौराणिक महत्व

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इंदौर। कार्तिक मास हिन्दू पंचांग का एक महत्वपूर्ण महीना है, जो चातुर्मास का आखिरी महीना होता है। इस माह में भगवान विष्णु, मां लक्ष्मी की आराधना की जाती है। पौराणिक मान्यता के मुताबिक, कार्तिक मास भगवान विष्णु का प्रिय महीना माना गया है। इस माह में पवित्र नदी में स्नान, दान, तुलसी पूजा के जरिए भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी को प्रसन्न किया जाता है।

कार्तिक स्नान के बाद मंदिर में भजन-कीर्तन, दीपदान करना चाहिए।
तुलसी व आंवले के वृक्ष का पूजन करने से साधक के पाप नष्ट हो जाते हैं।
कार्तिक माह में पवित्र स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।

कार्तिक माह में ये महत्वपूर्ण त्योहार
हिंदू पंचांग के मुताबिक, दीपावली के बाद गोवर्धन पूजा, भैया दूज, छठ पूजा, दिवाली और देवोत्थान एकादशी जैसे कई महत्वपूर्ण व्रत-त्योहार मनाए जाते हैं। पौराणिक ग्रंथों में बताया गया है कि कार्तिक मास में भगवान विष्णु मत्स्य के रूप में जल में निवास करते हैं। साधक पूरे कार्तिक माह में सूर्योदय से पहले पवित्र नदी या तालाब में स्नान करता है और दान करता है तो जन्म और मरण से मुक्ति मिलती है और हमेशा के लिए मोक्ष की प्राप्ति होती है।

कार्तिक मास की पौराणिक कथा
हिंदू धर्म से जुड़े पौराणिक ग्रंथों में बताया गया है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही भगवान शिव ने त्रिपुरासुर राक्षस का संहार किया था। कार्तिक मास में ही सभी देवता स्वर्गलोक से गंगा स्नान के लिए धरती पर आते हैं।

 

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