जन सेवा और सांस्कृतिक पुनरुद्धार की प्रतिमूर्ति थी रानी अहिल्याबाई होलकर: बाबूलाल मरांडी

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पुण्य श्लोक रानी अहिल्याबाई होलकर की 300वीं जयंती मनाने की दृष्टि से एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन

RANCHI: भाजपा प्रदेश कार्यालय में आज प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी की अध्यक्षता में पुण्य श्लोक रानी अहिल्याबाई होलकर की 300वीं जयंती मनाने की दृष्टि से एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।

जिसमें बतौर मुख्य अतिथि महिला मोर्चा की राष्ट्रीय मंत्री राज्यसभा सांसद संगीता यादव शामिल हुई।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रदेश अध्यक्ष एवम नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा पुण्य श्लोक रानी अहिल्याबाई होलकर भारत की सांस्कृतिक जागरण एवं सनातन विचारों के साथ गरीबों असहायों की सेवा की जीवंत प्रतिमूर्ति थी।

कहा कि कठिन चुनौतियों और विषम परिस्थितियों के बीच भी रानी अहिल्याबाई होलकर अडिग रहीं और जनसेवा में निरंतर सक्रिय रहीं।

कहा कि बचपन से ही उनकी भगवान शिव में गहरी आस्था रही । उन्होंने अपना तीस वर्षों का शासन भगवान शिव की आज्ञा मानकर चलाया।

कहा कि काशी विश्वनाथ मंदिर,सोमनाथ मंदिर जिसका मुगलों ने क्षति पहुंचाई थी का पुनरुद्धार कराया।

16 करोड़ की निजी संपत्ति से उन्होंने सनातन धर्म के चारों धाम,सात पूरी और 12 ज्योतिर्लिंगों का जीर्णोद्धार कराया। वेद विद्वानों की नियुक्ति की और शास्त्रों के मनन चिंतन की व्यवस्था की।

कहा कि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 300 साल बाद फिर एक बार भारत का सांस्कृतिक पुनर्जागरण हो रहा।

सांस्कृतिक राष्ट्रवाद मजबूत हो रहा ।जिसे कांग्रेस पार्टी ने दबाने की हर संभव कोशिश की।

कहा कि भारत हजारों साल पुराना राष्ट्र है। लेकिन कांग्रेस पार्टी ने पाश्चात्य ज्ञान और विज्ञान को श्रेष्ठ बताने की कोशिश की।

सांसद संगीता यादव ने अपने संबोधन में रानी अहिल्याबाई होलकर के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर विस्तृत प्रकाश डाला।

उन्होंने कहा कि रानी अहिल्याबाई ने न्याय,समाज सुधार और महिला सशक्तिकरण की दिशा में ऐतिहासिक कार्य किए।

कहा कि रानी ने अपने शासन में सख्त दहेज विरोधी कानून बनाए,बिना संतान वाली विधवाओं की संपत्ति राज्य द्वारा जब्त करने की नीति समाप्त की,विधवाओं को बच्चा गोद लेने की स्वतंत्रता दी,

विधवा पुनर्विवाह को नैतिक समर्थन दिया,महिलाओं को शिक्षा का अधिकार दिया,लड़कियों केलिए अलग विद्यालय खोले और महिला शिक्षिकाओं की नियुक्ति की,महिलाओं को युद्ध कौशल सिखाया और महिला सैन्य टुकड़ी का गठन किया।

उन्होंने कहा कि रानी अहिल्याबाई होलकर का सम्पूर्ण जीवन सेवा और भक्ति को समर्पित रहा।

वे शक्ति से नहीं युक्ति से शासन चलाने में विश्वास करती थीं।

डॉ रविंद्र कुमार राय ने कहा कि रानी अहिल्याबाई होलकर शक्ति स्वरूपा मां थी।भारत की नारी शक्ति का बेहतरीन उदाहरण थीं

कहा कि शिव को साक्षी मानकर शासन चलाने में उन्होंने अपने पुत्र को भी दंडित करने में संकोच नहीं की।

कहा कि भारत के सांस्कृतिक राष्ट्रवाद को मजबूत करने केलिए रानी अहिल्याबाई होलकर को याद करना भारत की आवश्यकता है।

रानी अहिल्याबाई होलकर ने नैतिक मूल्यों के आधार पर शासन चलाने का इतिहास रचा।
कहा कि भारत आज पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में रानी अहिल्याबाई के स्वप्न को साकार जुटा है।

पिछले एक दशक में भारत में एक नए अध्याय की शुरुआत हुई है।

प्रदेश संगठन महामंत्री कर्मवीर सिंह ने कहा कि रानी अहिल्याबाई होलकर सर्व समाज की मां थीं इसलिए इनकी 300 वीं जन्म जयंती को सर्व समाज के साथ मनाते हुए इनके आदर्शों को जन जन तक पहुंचाने का संकल्प लें।

इस अवसर पर जन्म जयंती कार्यक्रम के प्रदेश संयोजक विकास प्रीतम ,सह संयोजक आरती सिंह ,विधायक नीरा यादव,पूर्णिमा दास साहू, मंजू कुमारी ने भी अपने विचार रखे।

संचालन कार्यक्रम की सह संयोजक लवली गुप्ता और धन्यवाद ज्ञापन अर्चना सिंह ने किया।

कार्यक्रम में प्रदेश महामंत्री एवम सांसद आदित्य साहू, प्रदेश उपाध्यक्ष राकेश प्रसाद ,आरती कुजूर,प्रदेश मंत्री गणेश मिश्र, सरोज सिंह,नंद जी प्रसाद, हेमंत दास,शिवपूजन पाठक,राफिया नाज,

अजय साह,योगेंद्र प्रताप सिंह, सहित जिलों के संयोजक,सह संयोजक,जिलाध्यक्ष गण शामिल रहे। ऑनलाइन तरीके से पार्टी के सांसद और विधायक गण भी कार्यशाला में शामिल हुए।

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