मराठा आरक्षण को लेकर शिंदे सरकार की क्‍या है मंशा, सर्वेक्षण रिपोर्ट में खुलासा, जानें सीएम की राय

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नई दिल्‍ली । महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण को लेकर घमासान मचा हुआ है। राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग ने शिंदे सरकार को मराठा सर्वेक्षण की रिपोर्ट सौंप दी है। इसे लेकर सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा कि विधानसभा के विशेष सत्र में 20 फरवरी को गायकवाड समिति की रिपोर्ट पेश की जाएगी और कैबिनेट में चर्चा के बाद फैसला लिया जाएगा।

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि हम कानून के मुताबिक मराठा समाज को आरक्षण देना चाहते हैं, जो सुप्रीम कोर्ट में टिके। उन्होंने भरोसा दिलाया कि मराठा समुदाय को स्थायी आरक्षण मिलेगा। सरकार मराठा आरक्षण को लेकर पहले से सकारात्मक थी, इसलिए आंदोलन करने की कोई जरूरत नहीं है। इस दौरान सीएम ने मनोज जरांगे से अनशन समाप्त करने का आग्रह किया।

एक करोड़ 72 लाख परिवार का हुआ सर्वे

सीएम का मानना है कि ओबीसी या किसी अन्य समुदाय के साथ बिना अन्याय किए मराठा वर्ग को आरक्षण दिया जा सकता है, लेकिन जिनको कुनबी सर्टिफिकेट जारी है, उनको इस आरक्षण का फायदा नहीं मिलेगा। आपको बता दें कि 3-4 लाख कर्मियों ने 1 करोड़ 72 लाख से ज्यादा परिवारों के आर्थिक, शैक्षणिक और सामाजिक पिछड़ेपन का सर्वे किया है।

मांगों को लेकर अनशन पर बैठे हैं मनोज जरांगे पाटिल

अनशन पर बैठे मनोज जरांगे पाटिल ने मांगों को लेकर कहा कि मराठा समुदाय कुनबी है और जिन मराठाओं को कुनबी प्रमाणपत्र मिला है, उनके रिश्तेदार और संबंधियों को भी यह प्रमाणपत्र मिलना चाहिए। उनके अनशन का आज 7वां दिन है।

मराठाओं ने जगह-जगह किया विरोध प्रदर्शन

वहीं, आरक्षण को लेकर मराठा समुदाय उग्र होता जा रहा है। मराठाओं ने गुरुवार को हाइवे पर टायर जलाया और सरकार के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने बीड़ में भी रात में स्टेट ट्रांसपोर्ट की बसों पर पथराव किया, जिससे बस सेवा प्रभावित हो गई। इससे पहले मराठा आंदोलनकारियों ने राज्य के कुछ जिलों को पूरी तरह से बंद कर दिया था।

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