केंद्र सरकार और किसान नेताओं के बीच नहीं बनी सहमति, रविवार को फिर अगली बैठक
नई दिल्ली । न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी सहित विभिन्न मांगों को लेकर किसान नेताओं और केन्द्रीय मंत्रियों के बीच तीसरे दौर की वार्ता बृहस्पतिवार देर रात बेनतीजा रही और अब दोनों पक्षों के बीच अगले दौर की बैठक 18 फरवरी को होगी। इसबीच किसानों ने पंजाब और हरियाणा की सीमाओं पर डटे रहने का निर्णय किया है।
दोनों पक्षों के बीच कोई सहमति नहीं बनी
किसान नेताओं और तीन केंद्रीय मंत्रियों के बीच बृहस्पतिवार रात करीब 8:45 बजे बैठक शुरू हुई और पांच घंटे तक जारी रही लेकिन इसमें दोनों पक्षों के बीच कोई सहमति नहीं बनी। दोनों पक्षों के बीच अब चौथे दौर की वार्ता 18 फरवरी को होगी। इससे पहले आठ और 12 फरवरी को बातचीत हुई थी जो बेनतीजा रही। बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि सरकार और किसान नेताओं के बीच सौहार्दपूर्ण माहौल में बैठक हुई और सकारात्मक चर्चा हुई।
हम साथ बैठ कर कोई हल निकाल लेंगे: केन्द्रीय मंत्री मुंडा
उन्होंने कहा कि अब बैठक रविवार शाम छह बजे होगी। मुंडा ने कहा, ‘हम साथ बैठ कर कोई हल निकाल लेंगे।’ केन्द्रीय मंत्री मुंडा, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी सहित किसान संघों की विभिन्न मांगों पर जारी बातचीत में केंद्र सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। चंडीगढ़ के सेक्टर-26 स्थित महात्मा गांधी राज्य लोक प्रशासन संस्थान में बृहस्पतिवार को आयोजित बैठक में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान भी शामिल हुए। मान ने कहा कि किसान नेताओं और मंत्रियों के बीच विस्तार से चर्चा हुई।
कुछ इलाकों में इंटरनेट सेवाओं को निलंबित किए
उन्होंने कहा, ‘हर मुद्दे पर विस्तार से चर्चा हुई।’ मान ने कहा कि उन्होंने केंद्र के समक्ष संगरूर, पटियाला और फतेहगढ़ साहिब के कुछ इलाकों में इंटरनेट सेवाओं को निलंबित किए जाने और हरियाणा के सुरक्षा कर्मियों द्वारा पंजाब में प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले छोड़ने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल करने का मुद्दा उठाया।
संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने अपनी मांगों को लेकर केंद्र पर दबाव बनाने के वास्ते ‘दिल्ली चलो’ का आह्वान किया है। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी और कर्ज माफी के मुद्दे पर विस्तृत चर्चा हुई।
किसी भी तरह की संघर्ष की स्थिति से बचा जाना चाहिए
पंधेर ने कहा, ‘उन्होंने (केंद्रीय मंत्रियों ने) कहा कि उन्हें समय चाहिए।’ उन्होंने कहा, ‘हम चाहते हैं कि सकारात्मक परिणाम निकले और किसी भी तरह की संघर्ष की स्थिति से बचा जाना चाहिए। अन्यथा दिल्ली जाने का हमारा कार्यक्रम पक्का है।’
यह पूछे जाने पर कि क्या किसान पंजाब-हरियाणा सीमाओं पर डटे रहेंगे, पंधेर ने कहा, ”हां”। केंद्रीय मंत्रियों के साथ बैठक के दौरान किसान नेताओं ने विभिन्न नेताओं के सोशल मीडिया अकाउंट निलंबित करने पर आपत्ति जताई। पंधेर ने कहा कि उन्होंने शंभू और खनौरी सीमाओं पर किसानों पर अर्द्धसैनिक बलों द्वारा आंसू गैस के गोले छोड़े जाने का मुद्दा भी उठाया।
किसान नेता ने कहा कि उन्होंने बैठक के दौरान मंत्रियों को गोले भी दिखाए। पंजाब के किसानों ने मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी की ओर मार्च शुरू किया लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें दिल्ली और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी सीमाओं पर रोक दिया। प्रदर्शनकारी किसान सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं।
इन मांगो को लेकर अड़े रहे किसान
एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी के अलावा, किसान कृषकों के कल्याण के लिए स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने, किसानों और खेत मजदूरों के लिए पेंशन तथा कर्ज माफी, लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए “न्याय”, भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 को बहाल करने और पिछले आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा देने की भी मांग कर रहे हैं।