2500 सालों तक भूकंप के झटके भी राम मंदिर को न हिला सकेंगे, जानें रामलला के मंदिर से जुड़ी खास बातें

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नई दिल्‍ली । देशभर (nationwide)में राम मंदिर के प्राण-प्रतिष्ठा (Consecration of Ram temple)को लेकर लोगों के बीच में काफी उत्साह है। 22 जनवरी 2024 को अयोध्या राम मंदिर (Ayodhya Ram Temple)का बड़े धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ उद्घाटन होने जा रहा है। चीफ आर्किटेक्ट चन्द्रकांत सोमपुरा ने राम मंदिर का डिजाइन तैयार किया है। राम मंदिर का निर्माण इस तरह से किया गया है कि 2500 सालों तक भूकंप के झटके भी राम मंदिर को न हिला सकें। एक इंटरव्यू के दौरान वास्तुकार चन्द्रकांत सोमपुरा ने बताया कि राम मंदिर नागर शैली का मंदिर है। मंदिर का गर्भ गृह अष्टकोणीय है,जो भगवान विष्णु के 8 रूपों का प्रतीक है। आइए विस्तार से जानते हैं राम मंदिर से जुड़ी खास बातें…

-अयोध्या के राम मंदिर के निर्माण में उत्तर और मध्य भारत की नागर शैली वास्तुकला का उपयोग किया गया है।राम मंदिर का निर्माण मकराना के मार्बल से किया गया है। इस मार्बल से मंदिर के गर्भगृह में सिंहासन तैयार किया गया है, जिस पर भगवान श्रीराम विराजेंगे।

-मंदिर का गर्भ गृह 20X20 फीट अष्टकोणीय आकार में है, जो भगवान विष्णु के 8 रूपों का प्रतीक है। मंदिर में 5 मंडप है।
-मंदिर की ऊंचाई कॉरिडोर के साथ लंबाई और चौड़ाई लगभग 600 मीटर है। मंदिर 320 फुट लंबा है और 250 फुट चौड़ा है और 161 फुट ऊंचा है। राम मंदिर में 1 शिखर है।
-मंदिर में शिवजी, माता पार्वती, गणेशजी, विष्णुजी और हनुमानजी की प्रतिमा है।
-नागर शैली एक प्रचलित शैली है। इसलिए राम मंदिर का निर्माण नागरशैली में किया गया है।
-वास्तुकार चन्द्रकांत के अनुसार, राम मंदिर हिन्दुस्तान का सबसे बड़ा मंदिर है।
-मंदिर में भगवान राम जी का जहां जन्म हुआ था, वहीं रामलला की मूर्ति स्थापित की जाएगी।
-आईआईटी रुड़की की तरफ से 2500 सालों तक मंदिर पर भूंकप का असर ना पड़ने के लिए डिजाइन में थोड़े बदलाव लाने का सुझाव दिया गया था। मंदिर का निर्माण ऐसे किया गया है कि 2500 सालों तक इस पर भूकंप का असर न हो।
-मंदिर का निर्माण ऐसे किया गया है कि हर राम नवमी के दिन सूर्य की किरणें रामलला की प्रतिमा पर सूर्य तिलक करेंगी।

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