पाकिस्तान में क्या सेना के हाथों में चली जाएगी कमान, कयासबाजी तेज!
कराची। पाकिस्तान में हुए आम चुनाव के वोटों की गिनती जारी है। जैसा कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ समर्थित उम्मीदवार अब राजनीति के खेल में आगे चल रहे हैं, देश भर में अटकलें तेज हो गई हैं कि पाकिस्तान का अगला प्रधान मंत्री कौन बनेगा।
यह बातें ऐसे समय में आ रही हैं जब पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) सुप्रीमो नवाज शरीफ पहले ही 8 फरवरी के आम चुनावों में जीत का दावा कर चुके हैं। इस बीच, आम चुनावों के नतीजों की घोषणा में देरी को लेकर पाकिस्तान चुनाव आयोग की आलोचना के बीच, पूर्व पीएम और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के संस्थापक इमरान खान ने शनिवार को अपने एआई में ‘विजय भाषण’ जारी किया और आम चुनावों में जीत का भी दावा किया था।
अबतक किसी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं
पाकिस्तान में अबतक आए चुनावी नतीजों में खंडित जनादेश के बीच नवाज शरीफ ने अपने पूर्व सहयोगियों – पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी, जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम (एफ) और मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट (पाकिस्तान) की मदद से संयुक्त सरकार बनाने के अपने इरादे की भी घोषणा की है। इसे लेकर पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) सुप्रीमो नवाज शरीफ, पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी और सह-अध्यक्ष आसिफ अली जरदारी ने शुक्रवार को लाहौर में मुलाकात की थी। यह बैठक नवाज द्वारा एक दिन पहले हुए आम चुनावों में जीत की घोषणा करने और अपने सहयोगियों से गठबंधन सरकार बनाने का आग्रह करने के तुरंत बाद हुई।
इन दो अलग-अलग पार्टियों के दो प्रमुख राजनीतिक नेताओं ने आम चुनावों में जीत की घोषणा की है, हालांकि पाकिस्तान चुनाव आयोग (ईसीपी) ने अभी तक अंतिम वोट परिणाम जारी नहीं किया है। बता दें कि इमरान खान की पत्नी बुशरा बीबी मतदान करने में असमर्थ रहीं क्योंकि डाक मतदान प्रक्रिया पूरी होने के बाद उन्हें दोषी ठहराया गया और गिरफ्तार कर लिया गया था।
तो क्या सेना के हाथों में चली जाएगी कमान
पाकिस्तान में सेना के प्रभुत्व को ध्यान में रखते हुए, यदि कोई भी राजनीतिक दल या गठबंधन पूर्ण बहुमत प्राप्त करने में सफल नहीं होता है, तो देश के नए नेतृत्व के चुनाव पर निर्णय लेने के लिए सत्ता पाकिस्तानी सेना के हाथों में आ जाएगी।
पाकिस्तान स्थित डॉन ने सूत्रों का हवाला देते हुए बताया कि पाकिस्तान के पूर्व प्रधान मंत्री इमरान खान और अन्य राजनीतिक नेता जो वर्तमान में जेल में हैं, उन्होंने अडियाला जेल से डाक मतपत्र के माध्यम से अपना वोट डाला था। अन्य नेता जो मेल के माध्यम से मतदान करने में कामयाब रहे, उनमें पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरेशी, पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी परवेज इलाही, अवामी मुस्लिम लीग के प्रमुख शेख राशिद और पूर्व सूचना मंत्री फवाद चौधरी शामिल हैं।