देश के कई जगह भड़की हिंसा, चुनाव बहिष्कार के बीच वोटिंग, क्या चौथी बार सत्ता संभालेंगी शेख हसीना?
नई दिल्ली । बांग्लादेश (bangladesh)में रविवार को आम चुनाव (Election)होना है. लेकिन मुख्य विपक्षी पार्टी (opposition party)BNP ने 48 घंटे की हड़ताल (strike)शुरू कर दी है. साथ ही जनता से आह्वान (appeal to the public)किया है कि ज्यादा से ज्यादा लोग चुनाव का बहिष्कार करें. इतना ही नहीं, देशभर के कई हिस्सों से हिंसा की खबरें भी सामने आई हैं.
बांग्लादेश में रविवार यानी 7 जनवरी को आम चुनाव होने हैं. लेकिन इलेक्शन से पहले ही मुकाबला बेहद दिलचस्प हो गया है. दरअसल, बांग्लादेश की मुख्य विपक्षी पार्टी ने शनिवार को 48 घंटे की हड़ताल शुरू कर दी है. पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा ज़िया के नेतृत्व वाली मुख्य विपक्षी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी और अन्य विपक्षी समूह यह कहते हुए चुनाव का बहिष्कार कर रहे हैं कि वे प्रधानमंत्री शेख हसीना की निष्पक्षता की गारंटी नहीं दे सकते. जो लगातार चौथी बार सत्ता में वापसी की कोशिश कर रही हैं.
विपक्षी पार्टी BNP ने हड़ताल का आह्वान करते हुए अपील की कि चुनाव को लेकर किए जा रहे बहिष्कार में अधिक से अधिक लोग शामिल हों. इसके साथ ही बीएनपी ने चुनाव को बाधित किए जाने की भी बात कही है. शनिवार की सुबह पार्टी समर्थकों ने राजधानी ढाका के शाहबाग इलाके में मार्च किया और लोगों से हड़ताल में शामिल होने का आह्वान किया.
बीएनपी के संयुक्त महासचिव रुहुल कबीर रिज़वी ने पीएम शेख हसीना के इस्तीफे की अपनी पार्टी की मांग दोहराई और चुनाव को गलत बताया. उन्होंने कहा कि सरकार फिर से आग से खेल रही है. सरकार ने एकतरफा चुनाव कराने की अपनी पुरानी रणनीति का सहारा लिया है.
चुनाव से पहले कई जगह भड़की हिंसा
बांग्लादेश में चुनाव से पहले कई हिंसा हुई हैं. इससे चुनाव प्रचार भी प्रभावित हुआ है. बता दें कि अक्टूबर के महीने में हिंसा हुई थी, इसमें 15 लोग मारे गए थे. इतना ही नहीं, शुक्रवार की रात राजधानी ढाका में एक ट्रेन में आगजनी में 5 लोगों की मौत हो गई थी, जिससे मतदान से पहले हिंसा की आशंकाएं बढ़ गई हैं. हालांकि अधिकारियों ने किसी भी समूह या राजनीतिक दलों पर आगजनी के पीछे होने का आरोप नहीं लगाया है, एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि जो लोग चुनाव में बाधा डालना चाहते थे, उन्होंने ये हरकत की है. हालांकि बीएनपी के रिजवी ने इस हिंसा को लेकर सरकार पर आरोप लगाया.
ढाका के बाहरी इलाके में 5 मतदान केंद्रों पर आगजनी
विदेश मंत्री ए.के. अब्दुल मोमेन ने शनिवार को एक बयान में कहा कि चुनाव से ठीक एक दिन पहले हमले का समय लोकतांत्रिक प्रक्रिया में बाधा डालना था. उन्होंने कहा कि निस्संदेह दुर्भावनापूर्ण इरादे वाले लोगों द्वारा की गई यह निंदनीय घटना हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों के मूल पर आघात करती है. स्थानीय मीडिया ने शुक्रवार से ढाका के बाहर 5 मतदान केंद्रों को निशाना बनाकर आगजनी की रिपोर्ट दी है. हालांकि पुलिस ने इसे तोड़फोड़ की कार्रवाई बताया है. वहीं, चुनाव आयोग ने अधिकारियों से मतदान केंद्रों के आसपास सुरक्षा बढ़ाने को कहा है.
आतंकवाद विरोधी शाखाएं एक्टिव की गईं
एपी की रिपोर्ट के मुताबिक ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस के प्रवक्ता फारुक हुसैन ने बताया कि उन्होंने पूरे ढाका में सुरक्षा उपायों को मजबूत कर दिया है और शुक्रवार के हमले के बाद देशभर में ट्रेनों का आवागमन सामान्य हो गया है. उन्होंने कहा कि हमारी साइबर सुरक्षा और आतंकवाद विरोधी शाखाएं भी चौबीसों घंटे काम कर रही हैं. बांग्लादेश में चुनाव हसीना और जिया के नेतृत्व में तेजी से बढ़ रही पार्टी के बीच हो रहा है. हालांकि बीएनपी की प्रमुख जिया बीमार हैं और फिलहाल घर में नजरबंद हैं. उनकी पार्टी का कहना है कि जिया पर आरोप राजनीति से प्रेरित थे. लेकिन सरकार ने इस आरोप से इनकार किया है.
42,000 से ज्यादा केंद्रों पर वोटिंग
बांग्लादेश के मुख्य चुनाव आयुक्त काजी हबीबुल अवल ने कहा कि देश में आम चुनाव रविवार को होंगे. वोटिंग सुबह 8 बजे शुरू होगी और यह शाम 4 बजे तक चलेगी. उन्होंने कहा कि देशभर में 42,000 से ज्यादा मतदान केंद्र बनाए गए हैं. मतदान केंद्रों पर मतपेटियां भेज दी गई हैं. उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि हमारा चुनाव न केवल राष्ट्रीय स्तर पर बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी देखा जाए.
अक्टूबर में रैली में भड़की थी हिंसा
बता दें कि अक्टूबर के महीने में बांग्लादेश में उस वक्त तनाव बढ़ गया था, जब राजधानी ढाका में बीएनपी की एक सरकार विरोधी रैली में हिंसक भड़क गई थी. इसमें पीएम शेख हसीना के इस्तीफे और चुनाव की निगरानी के लिए एक कार्यवाहक सरकार की मांग की गई थी. शेख हसीना के प्रशासन ने कहा कि इस तरह के कदम की अनुमति देने के लिए कोई संवैधानिक प्रावधान नहीं है. जबकि आलोचकों ने शेख हसीना पर दमनकारी नीति लागू करके विपक्ष का गला घोंटने का आरोप लगाया था. ज़िया की पार्टी ने दावा किया कि 20,000 से अधिक विपक्षी समर्थकों को गिरफ्तार किया गया है, लेकिन सरकार ने कहा कि ये आंकड़े बढ़ा-चढ़ाकर बताए गए हैं. देश के अटॉर्नी जनरल ने कहा कि करीब 3000 लोगों को अरेस्ट किया गया था, जबकि कानून मंत्री ने कहा था कि 10 हजार लोगों को अरेस्ट किया गया था.