स्पेस मिशन पर अंतरिक्ष यान उड़ाने वाली पहली महिला बनीं, सुनीता विलियम्स ने रचा इतिहास

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वॉशिंगटन। सुनीता विलियम्स ने बुधवान को फ्लोरिडा के केप कैनावेरल से बोइंग के स्टारलाइनर कैप्सूल पर उड़ान भरी। इस दौरान नासा के अंतरिक्ष यात्री बैरी विल्मोर भी उनके साथ थे। भारतीय मूल की सुनीता विलियम्स ने अंतरिक्ष में एक और बड़ी उपलब्धि अपने नाम कर ली है। सुनीता विलियम्स स्पेस मिशन पर अंतरिक्ष यान उड़ाने वाली पहली महिला बन गई हैं। बोइंग स्टारलाइन को उड़ाने के साथ ही सुनीता का नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया है।

अंतरिक्ष में यह मिशन नासा के कॉमर्शियल क्रू प्रोग्राम के तौर पर लॉन्च किया गया है, जिसका नाम बोइंग क्रू फ्लाइट टेस्ट है। अंतरिक्ष में रेग्यूलर क्रू फ्लाइट के लिहाज से यह काफी अहम कदम है। इस मिशन के सफल होने पर स्पेस एक्स के क्रू ड्रैगन के बाद स्टारलाइनर को अंतरिक्ष की कक्षा में यात्रियों को ले जाने वाला यह दूसरा निजी अंतरिक्ष यान होगा।
सुनीता विलियम्स के करियर में यह एक मील का पत्थर साबित होने वाला है। इससे पहले 2006-07 और 2012 में सुनीता ने रिकॉर्ड समय इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर बिताया था। उन्होंने स्पेसवॉक पर सर्वाधिक 7 घंटे का समय बिताया था। इसके बाद उन्होंने स्पेसवॉक 50 घंटे 40 मिनट का रिकॉर्ड अपने नाम किया था। स्पेस यह किसी महिला द्वारा स्पेस स्टेशन पर बिताया गया यह सर्वाधिक समय बिताने का अपने आप में रिकॉर्ड है।

बता दें स्टारलाइन कैप्सूल जिसे सुनीता विलियम्स उड़ा रही हैं, वह तकरीबन 26 घंटे के बाद इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के साथ डॉक करने की कोशिश करेगा। सुनीता विलियम्स ने बुधवार रात 8.22 बजे इस बोइंग में उड़ान भरी है। अगर सबकुछ सही रहता है कि सुनीता और उनके सहाती विलमोर तकरीबन एक हफ्ते तक स्पेसक्राफ्ट को टेस्ट करेंगे। अंतरिक्ष तक लोगों की पहुंच को आसान करने के लिए यह मिशन कॉमर्शियल पार्टनरशिप काफी होने जा रहा है। इतिहास में पहली बार नवनिर्मित स्पेस शटल को कोई महिला उड़ा रही है। सुनीता विलियम्स के लिए यह एक और बड़ी उपलब्धि है।

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