गाजा में 25 वर्षों बाद फिर पोलियो का आया मामला, UN ने युद्ध रोककर बच्चों के टीकाकरण का किया आव्हान
नई दिल्ली । गाजा में 25 वर्षों बाद पोलियो का पहला मामला सामने आया है, जिससे क्षेत्र में गंभीर स्वास्थ्य संकट की आशंका पैदा हो गई है। फलस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को पुष्टि की कि जॉर्डन की राजधानी अम्मान में परीक्षण के दौरान एक 10 महीने के बिना टीकाकरण वाले बच्चे में पोलियो वायरस की पहचान हुई। यह मामला ऐसे समय में सामने आया है जब इस्राइल और हमास के बीच चल रहे युद्ध के कारण गाजा में स्वास्थ्य सुविधाओं की हालत गंभीर है। पोलियो के इस पुनरुत्थान ने गाजा और उसके आसपास के क्षेत्रों में संभावित स्वास्थ्य संकट का संकेत दिया है। यदि समय रहते आवश्यक कदम नहीं उठाए गए, तो यह संक्रमण तेजी से फैल सकता है, जिससे क्षेत्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा को गंभीर खतरा हो सकता है।
यह मामला गाजा में स्वास्थ्य सेवाओं के समक्ष एक बड़ी चुनौती के रूप में उभरकर सामने आया है, और इसे नियंत्रित करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की सक्रिय भागीदारी की आवश्यकता है।मध्य गाजा पट्टी के एक 10 महीने के बच्चे में पोलियो संक्रमण की पुष्टि तब हुई, जब उसे जॉर्डन के अम्मान में आवश्यक परीक्षण के लिए भेजा गया था। स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा कि यह मामला बहुत चिंता का विषय है, क्योंकि गाजा पट्टी में पोलियो का संक्रमण 25 वर्षों तक अनुपस्थित रहा था। इस नए मामले ने न केवल गाजा बल्कि पड़ोसी देशों के लिए भी खतरे की घंटी बजा दी है। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए इस्राइल-हमास युद्ध के बीच 640,000 से अधिक बच्चों के टीकाकरण के लिए दो सात दिनों के मानवीय ठहराव की अपील की है।
गुटेरेस ने न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में संवाददाताओं से बात करते हुए कहा, “पोलियो को फैलने से रोकने के लिए व्यापक, समन्वित और तत्काल प्रयास की आवश्यकता होगी। मैं सभी पक्षों से अपील करता हूं कि वे इस अभियान के लिए मानवीय ठहराव की गारंटी दें।” विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) ने अगस्त के अंत में गाजा पट्टी में टाइप 2 पोलियोवायरस (सीवीडीपीवी2) के खिलाफ दो सात दिवसीय टीकाकरण अभियानों की योजना बनाई है। इन अभियानों का उद्देश्य उन बच्चों तक पहुंचना है जो वर्तमान संघर्ष के कारण स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित रह गए हैं। एजेंसियों ने अपने बयान में कहा, “लड़ाई में ये ठहराव बच्चों और परिवारों को स्वास्थ्य सुविधाओं तक सुरक्षित रूप से पहुंचने और सामुदायिक कार्यकर्ताओं को पोलियो टीकाकरण के लिए पहुंचने की अनुमति देगा।”
गाजा में पोलियो का यह मामला ऐसे समय पर सामने आया है जब क्षेत्र में इस्राइल-हमास युद्ध के चलते स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हो चुकी हैं। संयुक्त राष्ट्र और स्वास्थ्य एजेंसियों ने गाजा पट्टी के बच्चों तक पहुंचने के लिए एक विस्तृत योजना बनाई है, लेकिन इसके लिए संघर्षरत पक्षों के बीच शांति स्थापित करना अनिवार्य है। गाजा पट्टी में पोलियो टीकाकरण अभियान को सफल बनाने के लिए स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को बेहद चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में काम करना होगा। यह अभियान बच्चों और परिवारों को टीकाकरण सुविधाओं तक पहुंचाने के साथ-साथ समुदायों में जागरूकता फैलाने पर केंद्रित होगा। लेकिन, इसके लिए दोनों पक्षों से संघर्ष विराम की आवश्यकता होगी।
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