पाकिस्‍तान : अब करतारपुर गुरुद्वारे में लगेगी महाराजा रणजीत सिंह की प्रतिमा

0

लाहौर। सिख साम्राज्य के संस्थापक कहे जाने वाले महाराजा रणजीत सिंह को सीमा के दोनों तरफ मानने वाले लोग हैं। एक तरफ सिख समुदाय उन्हें अपने नायक के तौर पर देखता है तो वहीं पाकिस्तान में भी एक वर्ग उन्हें पंजाब सूबे को स्थापित करने वाला मानता है। हालांकि महाराजा रणजीत सिंह कट्टरपंथियों के भी निशाने पर रहे हैं। इसी के चलते लाहौर के किले में स्थापित उनकी प्रतिमा को तीन बार तोड़ा जा चुका है। उनकी प्रतिमा को स्थापना के बाद से ही लगातार तीन बार तोड़ा जा चुका है, लेकिन अब इसे लेकर पाकिस्तान ने नई तैयारी की है।

अब महाराजा रणजीत सिंह की प्रतिमा को करतारपुर साहिब गुरुद्वारे के परिसर में स्थापित किया जाएगा। यह गुरुद्वारा भारत से लगती सीमा के पास बना है। 26 जून को महाराजा रणजीत सिंह की 185वीं पुण्यतिथि है। इस मौके पर ही उनकी स्थापना की जाएगी। फिलहाल भारत से सिख समुदाय के 450 लोग पाकिस्तान में हैं, जो महाराजा रणजीत सिंह की पुण्यतिथि मनाने के लिए पहुंचे हैं। उन्होंने 19वीं सदी में पंजाब में शासन किया था और उन्हें सिख साम्राज्य का पहला महाराजा माना जाता है। लाहौर में स्थित फकीर खाना संग्रहालय के डायरेक्टर फकीर सैयद सैफुद्दीन इस प्रोजेक्ट को देख रहे हैं और महाराजा रणजीत सिंह की प्रतिमा तैयार करा रहे हैं।

महाराजा की मूर्ति को उपद्रवियों ने तोड़ दिया था और वह 80 फीसदी तक क्षतिग्रस्त हो गई थी। सैफुद्दीन के पूर्वज महाराजा रणजीत सिंह के दरबार में थे। सैफुद्दीन ने कहा, ‘मेरा महाराजा रणजीत सिंह के प्रति प्यार और सम्मान रहा है। इसलिए मैंने इस प्रोजेक्ट को लिया। महाराजा की प्रतिमा को बनवाने में 27 लाख रुपये की लागत आई है और कई साल का समय लगा है। इस प्रतिमा को हम करतारपुर साहिब गुरुद्वारे को दान करने का फैसला लिया है।’

एक बार आतंकियों ने भी की थी महाराजा की प्रतिमा से तोड़फोड़
लाहौर के फकीर खाना संग्रहालय में 2019 में महाराजा रणजीत सिंह की प्रतिमा लगाई गई थी। लेकिन इसे 2019 और 2020 में दो बार कट्टरपंथियों ने नुकसान पहुंचाया था। इसके बाद खूंखार आतंकी संगठन तहरीक-ए-लब्बैक ने 2021 में हमला किया था और मूर्ति को तोड़ दिया था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed