चिली के जंगलों में लगी आग से सैकड़ों लोगों की मौत, राष्ट्रपति ने की आपातकाल की घोषणा
चिली। चिली के जंगलों में लगी आग बुरा प्रभाव डाल रही है। चिली के 100 से भी ज्यादा जंगलों में लगी आग का बुरा असर क्लाइमेट पर भी पड़ सकता है। आग के कारण बड़ी संख्या में लोगों की मौत हुई है और सैकड़ों लोग लापता बताए जा रहे हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि मौतों का आंकड़ा और बढ़ सकता है। राष्ट्रपति ने कहा कि देश बहुत बडी त्रासदी का सामना कर रहा है। चिली के तटीय शहरों में छाए धुंए के कारण आपात स्थिति की घोषणा की गई है। इस कारण स्थानीय लोग अपने घरों को छोड़कर भागने को मजबूर हैं।
जानकारी के अनुसार कई दिनों पहले लगी जंगल की आग के कारण विना देल मार और वालपराइसो के बाहरी हिस्सों पर खतरा मंडरा रहा है। ये दोनों तटीय शहर पर्यटकों में काफी लोकप्रिय हैं। कॉन्सेप्सियन विश्वविद्यालय के एक शोधकर्ता फ्रांसिस्को डी ला बैरेरा ने कहा- 2017 में आग की लपटों ने चिली के एक शहर को नष्ट कर दिया और 11 लोगों की जान ले ली थी। वहीं 2023 में लगी आग ने 10 लाख एकड़ से अधिक जंगल को जला दिया और दो दर्जन लोगों की जान ले ली।
किसने लगाई आग, कैसे हुई विकराल?
अब चिली इस सदी की सबसे घातक जंगल की आग में से एक का सामना कर रहा है। राजधानी सैंटियागो के उत्तर-पश्चिम के मध्य चिली के वालपराइसो क्षेत्र में अलग-अलग पहाड़ों और घनी आबादी वाले इलाकों में आग लगने से कम से कम 112 लोगों की मौत हो चुकी है। उम्मीद जताई जा रही है कि दक्षिण अमेरिका में मनुष्यों द्वारा आग लगाई गई, लेकिन गर्मी और सूखे की वजह से आग ने विकराल रूप धारण कर लिया है।
कोलंबिया में आग आपदा घोषित
रिसर्च के मुताबिक पहाड़ी हवाओं ने इस आग को तटीय क्षेत्र में नीचे की तरफ धकेल दिया, जिसकी वजह से आबादी वाले क्षेत्रों में अधिक गर्मी हो गई है। इस कारण उत्तरी दक्षिण अमेरिका में तापमान रिकॉर्ड तोड़ बढ़ गया है, इसका असर कोलंबिया तक जा चुका है। आग की वजह से कोलंबिया की सरकार ने हाल ही में आग आपदा घोषित की है।