बांग्लादेश में फिर भड़का छात्र आंदोलन, हिंसा में मरने वाले 200 लोगों के लिए मांग रहे इंसाफ
ढाका । बांग्लादेश में प्रधानमंत्री शेख हसीना और उनकी सरकार के खिलाफ शुक्रवार को फिर से प्रदर्शन शुरू हो गए। जुलाई में नौकरियों में आरक्षण के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन के दौरान 200 से ज्यादा लोगों की मौत के लिए इंसाफ की मांग को लेकर यह प्रदर्शन किए जा रहे हैं।
राजधानी ढाका के विभिन्न हिस्सों में दो हजार से अधिक प्रदर्शनकारी एकत्र हुए, जिनमें से कुछ लोग ‘‘तानाशाह मुर्दाबाद” और पीड़ितों के लिए इंसाफ के नारे लगा रहे थे, जबकि पुलिस अधिकारी उनके चारों ओर घेरा बनाकर खड़े थे। छात्रों ने राष्ट्रव्यापी सविनय अवज्ञा का आह्वान किया है। ढाका के उत्तरा इलाके में पुलिस और दर्जनों छात्रों के बीच झड़प हुई, जबकि सुरक्षा अधिकारियों ने पत्थरबाजी कर रहे प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस और स्टन ग्रेनेड दागे। प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार पिछले महीने से छात्रों के प्रदर्शनों का सामना कर रही है और फिलहाल इन प्रदर्शनों के मंद पड़ने का कोई संकेत नहीं है।
इस बार इसे रोकने के लिए हसीना सरकार व्यापक कार्रवाई कर रही है। पिछले तीन दिन में ही 10 हजार से ज्यादा लोगों की गिरफ्तारी हुई है, जिनमें मुख्य विपक्षी दल बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) और जमात-ए-इस्लामी के 9200 नेता और कार्यकर्ता हैं। बाकी छात्र हैं। जमात पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। विपक्ष का आरोप है सरकार सियासी मकसद पूरे करने के लिए विपक्षी नेताओं को झूठे मुकदमों में फंसा रही है। दरअसल, आरक्षण व्यवस्था मेंसुधार की मांग पर 1 जुलाई से शुरू छात्र आंदोलन 18 जुलाई को हिंसक हो गया था। राजधानी ढाका समेत देशभर के शिक्षण संस्थानों में जमकर हिंसा हुई थी। हालात इतने बेकाबू हुए कि 18 जुलाई से देश के सभी शैक्षणिक संस्थान अब तक बंद हैं। शिक्षा मंत्री मोहिबुल हसन चौधरी ने कहा, छात्रों की सुरक्षा के कारण हम अभी शिक्षण संस्थान खोलने के बारे में नहीं सोच रहे हैं।
हालात संभालने के लिए सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी प्रतिबंध लगाया। बांग्लादेश सरकार ने प्रदर्शन दोबारा भड़कने से रोकने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम, फेसबुक, टिकटॉक और यूट्यूब पर प्रतिबंध लगा दिया है। सरकार का मानना है कि पिछली बार आंदोलन भड़काने में इन प्लेटफॉर्म का बड़ा योगदान था। वहीं, पाकिस्तानी समर्थक होने और आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में जमात- और उसकी छात्र इकाई शिबिर पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके बाद जमात के नेता विरोध में उतर आए हैं। बीएनपी ने भी सरकार को उखाड़ फेंकने का आह्वान किया है। राजधानी ढाका में शुक्रवार को प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने मांग की कि प्रदर्शन के दौरान हुई क्रूरता और हिंसा के लिए प्रधानमंत्री शेख हसीना को देश से माफी मांगनी चाहिए।
इसके अलावा आंदोलनरत छात्रों ने गृहमंत्री, शिक्षा मंत्री समेत छह वरिष्ठ मंत्रियों का इस्तीफा मांगा है। बीएनपी जमात आंदोलन भड़काने से इनकार करती रही है। हालांकि, आगजनी की सीसीटीवी फुटेज में बीएनपी-जमात के नेताओं और कार्यकर्ताओं के नाम सामने आए हैं। इसके अलावा बांग्लादेश के पूर्व राष्ट्रपति मेजर जियाउर रहमान और पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के बेटे तारिक रहमान का भी नाम सामने आया है। दूसरी ओर, बांग्लादेश में शुक्रवार को हुए विरोध प्रदर्शनों में फिर हिंसा भड़की। इसमें 2 लोगों की मौत हो गई। वहीं, 100 से ज्यादा लोगों के घायल होने की आशंका है। अब तक 200 से ज्यादा की मौत हो गई है।
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