स्पेन, नॉर्वे और आयरलैंड के बाद स्लोवेनिया ने भी फिलिस्तीन को मान्‍यता देने का किया समर्थन

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गाजा। युद्ध में मानवीय नुकसान के बाद कई देशों की मानवता जागने लगी है. पश्चिमी देशों का भी फिलिस्तीन के प्रति नजरिया बदलने लगा है. स्पेन, नॉर्वे और आयरलैंड के बाद एक और यूरोपिये देश स्लोवेनिया ने फिलिस्तीन को राष्ट्र की मान्यता देने का ऐलान किया है. स्लोवेनिया की सरकार ने भी इन तीन देशों के रास्ते पर चलते हुए गुरुवार को फिलिस्तीन को आजाद राष्ट्र की मान्यता देने का ऐलान किया है. इस प्रस्‍ताव को अभी संसद से पास होना बाकी है, प्रधानमंत्री रॉबर्ट गोलोब ने कहा है कि उनकी सरकार ने मान्यता प्रस्ताव संसद को भेज दिया है.

संसद की बैठक अगले हफ्ते की शुरुआत में हो सकती है, इसी बैठक में ये प्रस्ताव पेश किया जाएगा. कदम को प्रभावी बनाने के लिए संसद की मंजूरी आवश्यक होती है. गोलोब के सत्तारूढ़ उदारवादी गठबंधन को 90 सदस्यीय विधानसभा में पर्याप्त बहुमत प्राप्त है और मतदान एक औपचारिकता मात्र ही होगा.स्लोवेनिया सरकार का यह निर्णय स्पेन, नॉर्वे और आयरलैंड में फिलिस्तीनी राष्ट्र को मान्यता दिए जाने के दो दिन बाद आया है, इस कदम की इजराइल ने निंदा की थी. इस कदम के साथ, स्लोवेनिया 27 देशों वाले यूरोपीय संघ का 10वां सदस्य बन जाएगा, जो आधिकारिक तौर पर फिलिस्तीनी राष्ट्र को मान्यता देगा.

यूएन के 193 सदस्यें देशों में से 140 से ज्यादा देश फिलिस्तीनी राज्य को मान्यता दे चुके हैं. आयरलैंड के राष्ट्रपति ने मान्यता का ऐलान करते हुए कहा था कि मध्य पूर्व में शांति का उपाय सिर्फ दो राष्ट्र समझौता है, वे अरब देशों के पीस प्लान का समर्थन करते हैं और 1967 के सीमाओं पर दो देश समझौते की मांग कर रहे हैं.नॉर्वे यूरोपीय संघ का सदस्य नहीं है, लेकिन इसकी विदेश नीति आमतौर पर यूरोपीय संघ के साथ जुड़ी हुई है. स्लोवेनिया ने सबसे पहले मई की शुरूआत में मान्यता प्रक्रिया शुरू की थी, लेकिन उसने कहा था कि वह गाजा में चल रहे इजराइल-हमास युद्ध की स्थिति में सुधार होने तक इंतजार करेगा.

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