हमास युद्ध पर भड़के जो बाइडेन- नेतन्याहू जैसी कट्टर सरकार, इजरायल तो वैश्विक समर्थन ही खो देगा
– गाजा पर हमले रोक दे और फिलिस्तीन को लेकर टू-स्टेट फॉर्मूले को मान लें
वाशिंगटन। अब अमेरिका ने इजरायल और हमास के बीच जारी जंग को लेकर सोच को बदल लिया है। अमेरिका ने नसीहत दी है कि दोस्त इजरायल गाजा पर हमले रोक दे और फिलिस्तीन को लेकर टू-स्टेट फॉर्मूले को मान ले। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने तो तीखे तेवर दिखाते हुए बेंजामिन नेतन्याहू सरकार पर ही सवाल उठाया है। उन्होंने मंगलवार को कहा कि इजरायल के इतिहास की यह सबसे कट्टर सरकार है। यह सरकार फिलिस्तीन में टू-स्टेट सॉलूशन नहीं चाहती। उन्होंने बेंजामिन नेतन्याहू से कहा कि वे प्रशासन में बदलाव करें।
जो बाइडेन ने यह भी चेतावनी दी कि इजरायल का यदि यही रवैया रहा तो वह ग्लोबल सपोर्ट खो देगा। बाइडेन ने कहा कि इजरायल जिस तरह से गाजा में हर इलाके में बम गिरा रहा है उसके बाद डर है कि उसे मिल रहा वैश्विक समर्थन खत्म हो जाएगा। हमास ने इजरायल पर 7 अक्टूबर को हमला बोला था और तब से ही भीषण जंग जारी है। अहम बात यह है कि इजरायल पर हमले के बाद से अमेरिका ने पहली बार अपने मित्र देश को लेकर इतनी तीखी टिप्पणी की है। बता दें कि संयुक्त राष्ट्र महासभा में गाजा पट्टी पर जारी युद्ध को तत्काल रोकने का प्रस्ताव पारित हुआ है।
भारत ने भी किया प्रस्ताव का समर्थन
इस प्रस्ताव का भारत ने भी समर्थन किया है, जबकि अमेरिका और इजरायल ने विरोध किया है। 10 देश ऐसे भी रहे जिन्होंने मतदान में हिस्सा नहीं लिया। अमेरिका और इजरायल के बीच युद्ध की समाप्ति के बाद गाजा का प्रशासन कैसे चलेगा, इसे लेकर भी असहमति है। अमेरिका चाहता है कि गाजा में अरब देशों को जिम्मेदारी दी जाए। वहीं इजरायल के इसके पक्ष में नहीं दिखता है। बाइडेन ने कहा कि हमास के हमले में 1200 इजरायली मारे गए थे और सैकड़ों लोगों को बंधक बना लिया गया था। अब तक गाजा पट्टी में 18 हजार से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं। अब तक जो बाइडेन ने इजरायल के किसी एक्शन को गलत बताने से परहेज किया था, लेकिन अब उनका रुख बदल गया है। उनका कहना है कि निर्दोष फिलिस्तीनियों की सुरक्षा भी जरूरी है।
युद्ध पर चुप्पी से मित्र देश भी अमेरिका से नाराज
माना जा रहा है कि सऊदी अरब, बहरीन, कतर जैसे मित्र देशों के भी अमेरिका से नाराजगी दिखाने से उसका रवैया बदला है। इसके अलावा कई अरब देशों के मंत्रियों ने हाल ही में रूस, चीन और भारत का दौरा किया था। ऐसे में अमेरिका को लगता है कि इस जंग में वह अलग-थलग पड़ सकता है। ऐसे में वह खुद भी इजरायल को मानवीयता के नाम पर गाजा में युद्ध विराम की नसीहत दे रहा है।