हमास के द्वारा गाजापट्टी से इजरायल पर किए गए हमलों का अब करार जवाब मिल रहा
इजरायल ; इजरायल पर हमास के हमले के बाद पूरी दुनिया दो हिस्सों में बंटी नजर आ रही है। अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी जैसे देशों ने खुलकर इजरायल का समर्थन किया है तो वहीं अरब देश हमास का समर्थन कर रहे हैं। यही नहीं इस मामले में ईरान ने तो अब युद्ध में ही कूदने के संकेत दिए हैं। ईरान के विदेश मंत्री हुसैन आमिर अब्दुल्लाहियान ने कहा कि यदि गाजा पर इजरायल की बमबारी नहीं रुकती है तो फिर इस युद्ध में और भी मोर्चे खुल जाएंगे। उन्होंने अपने बयान से लेबनान के उग्रवादी समूह हिजबुल्लाह को भी मैदान में उतारने के संकेत दिए।
हिजबुल्लाह और हमास दोनों ही ईरान खुलकर समर्थन करता रहा है। खबरों के मुताबिक हमास को इस हमले की ट्रेनिंग भी ईरान ने ही दी थी, लेकिन वह इससे इनकार कर रहा है। ईरान उन देशों में से एक रहा है, जो इजरायल के खिलाफ रहे हैं। हमास के हमले के बाद ईरान, इराक, कतर, मिस्र जैसे कई देशों में जश्न मना था और मिठाई तक बांटी गई थी। ईरान के विदेश मंत्री फिलाहल लेबनान में हैं और वहां इसी मसले पर बैठकें कर रहे हैं। गुरुवार को वह जब लेबनान पहुंचे तो हमास और फिलिस्तीन इस्लामिक जिहाद के सदस्यों ने उन्हें बधाई दी।
आमिर अब्दुल्लाहियान ने कहा कि यदि हमले इसी तरह जारी रहे तो निश्चित तौर पर कुछ और मोर्चे भी खुल सकते हैं। लगातार आक्रमण, युद्ध अपराध, गाजा को सीज करना ऐसी चीजें हैं, जिनसे कुछ और मोर्चे खुलने की संभावना बढ़ जाएगी। लेबनान पहुंचने से पहले ईरान के विदेश मंत्री पड़ोसी देश इराक भी पहुंचे थे। यहां उन्होंने पीएम मोहम्मद शिया अल-सूडानी से मुलाकात की थी। दरअसल हमास और हिजबुल्लाह को लंबे समय से ईरान से मदद मिलती रही है। वह उन देशों का नेतृत्व करता है, जो अरब क्षेत्र में इजरायल के विरोधी रहे हैं। वही सऊदी अरब और यूएई ऐसे देश हैं, जो इजरायल का तीखा विरोध नहीं कर रहे हैं।