मालदीव से भारतीय सैनिकों को बाहर करके ही लूंगा दम, राष्ट्रपति मुइज्जू ने दी भारत को चुनौती
नई दिल्ली । मालदीव के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू अगले महीने औपचारिक रूप से देश का सर्वोच्च पद संभालेंगे। वह देश से भारतीय सैन्यकर्मियों को बाहर निकालने के अपने चुनावी वादे पर अड़े हुए हैं। हालांकि उनका कहना है कि वह इसे राजनयिक तरीकों से अंजाम देंगे। मुइज्जू ने कहा है कि उन्हें उम्मीद है कि यदि संभव हो तो वह अपने राष्ट्रपति पद के पहले सप्ताह में ही भारतीय सैनिकों की वापसी देखेंगे। मुइज्जू को चीन समर्थक और भारत विरोधी नेता के रूप में जाना जाता है।
मालदीव के नए राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने अल जज़ीरा को एक साक्षात्कार में बताया कि वह राष्ट्रपति के रूप में कार्यभार संभालने के बाद “पहले दिन” से ही भारत से अपने सैनिकों को हटाने का अनुरोध करेंगे और यह उनकी सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है। मुइज्जू ने पिछले महीने राष्ट्रपति पद की दौड़ में निवर्तमान इब्राहिम सोलिह को हराया था, जिन्हें भारत के प्रति अधिक उदारवादी माना जाता है।
मुइज्जू ने अपने बयान में कहा, “मैं वास्तव में कुछ दिन पहले भारतीय उच्चायुक्त से मिला था और उस बैठक के दौरान ही, मैंने उल्लेख किया था कि हमें इसे अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता बनाने की आवश्यकता है। उन्होंने इसे सकारात्मक रूप से नोट किया है और कहा है कि वे मिलकर काम करेंगे इस पर आगे का रास्ता खोजने के लिए हमारे साथ हैं।” मुइज्जू ने कहा, जब उनसे भारतीय सैनिकों को हटाने के उनके वादे के बारे में पूछा गया। उन्होंने स्वीकार किया कि उन्हें मालदीव में भारतीय सैन्य कर्मियों की संख्या के बारे में जानकारी नहीं थी।
विदेशी सैनिकों की मौजूदगी से असुरक्षा
उन्होंने कहा, “सदियों से हम बहुत शांतिपूर्ण देश रहे हैं। हमारी धरती पर कभी भी कोई विदेशी सेना नहीं रही। हमारे पास कोई बड़ा सैन्य ढांचा नहीं है और हमारी धरती पर किसी भी विदेशी सेना के रहते हम सुरक्षित महसूस नहीं करते।
चीन को समर्थन पर क्या बोले मुइज्जू
यह पूछे जाने पर कि क्या उनकी विदेश नीति का झुकाव चीन की ओर होगा? मुइज्जू ने कहा कि वह मालदीव समर्थक नीति का पालन करेंगे। मुइज्जू ने कहा, “हम किसी भी देश को खुश करने के लिए उसका पक्ष नहीं लेंगे। हम चाहते हैं कि पहले हमारे हित सुरक्षित हों। कोई भी देश, जो इसका सम्मान करता है, वह हमारा अच्छा दोस्त होगा।।