बांग्लादेश को भयंकर रूप से डरा रहा है डेंगू का डंक,मरनेवालों की संख्‍या एक हजार पार

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ढाका । बांग्लादेश में डेंगू का प्रकोप जारी है। मरने वालों की संख्या 1000 के पार हो चुकी है।, आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि बांग्लादेश में डेंगू बुखार से पिछले वर्ष की तुलना में लगभग चार गुना अधिक मामले इस बार सामने आए हैं। पिछले 24 घंटे में 11 और लोगों की मौत हो जाने के बाद अब तक मरने वालों की संख्या 1 हजार 17 हो गई है। इसके अलावा, पिछले 24 घंटों में दो हजार 596 लोग नए अस्पताल में भर्ती हुए। 607 लोगों को ढाका के विभिन्न अस्पतालों में और 1 हजार 989 लोगों को ढाका के बाहर विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।देश के अस्पताल मरीजों के लिए जगह बनाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं क्योंकि घनी आबादी वाले दक्षिण एशियाई देश में यह बीमारी तेजी से फैल रही है।

उल्‍लेखनीय है कि इस संबंध में गत दिवस 2 अक्टूबर को स्वास्थ्य विभाग के हेल्थ इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर और कंट्रोल रूम के प्रभारी मोहम्मद जाहिदुल इस्लाम द्वारा हस्ताक्षरित डेंगू रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई। उन्‍होंने बताया है कि फिलहाल विभिन्न सरकारी और निजी अस्पतालों में कुल 9 हजार 283 डेंगू मरीजों का इलाज चल रहा है। वर्तमान में ढाका के सार्वजनिक और निजी अस्पतालों में 3 हजार 120 डेंगू मरीज और अन्य विभागों के विभिन्न अस्पतालों में 6 हजार 163 डेंगू मरीज भर्ती हैं।

आपको बतादें कि पूरे वर्ष भर में इस साल डेंगू से पीड़ित 2 लाख 8 हजार 884 मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है और उनका इलाज किया गया है. इनमें से 84 हजार 458 लोगों का ढाका में और 1 लाख 24 हजार 426 लोगों का ढाका के बाहर इलाज किया गया। प्रभावितों में से 1 लाख 98 हजार 584 लोग अस्पताल से ठीक होकर घर लौट चुके हैं। ढाका में 80 हजार 683 और ढाका के बाहर 1 लाख 17 हजार 901 लोग ठीक होकर घर लौट चुके हैं। वहीं, 2023 के पहले 9 महीनों में कम से कम 1,017 लोगों की मौत हो गई है और लगभग 209,000 लोग संक्रमित हो गए हैं, जो 2000 में पहली बार फैली महामारी के बाद से बांग्लादेश में मच्छर जनित बीमारी का सबसे खराब प्रकोप है। मृतकों में 112 बच्चे भी शामिल हैं। 15 वर्ष और उससे कम, जिसमें शिशु भी शामिल हैं।

WHO ने दी चेतावनी
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने चेतावनी दी है कि डेंगू और मच्छर जनित वायरस से होने वाली अन्य बीमारियां, जैसे चिकनगुनिया, पीला बुखार और जीका, जलवायु परिवर्तन के कारण तेजी से और आगे फैल रही हैं। ऐसा कोई टीका या दवा नहीं है जो विशेष रूप से डेंगू का इलाज करती हो, जो जून-से-सितंबर के मानसून के मौसम के दौरान दक्षिण एशिया में आम है क्योंकि बीमारी फैलाने वाला एडीज एजिप्टी मच्छर रुके हुए पानी में पनपता है।

बांग्लादेश के अस्पतालों ने हाल के वर्षों में सर्दियों के महीनों के दौरान इस बीमारी से पीड़ित रोगियों को भर्ती करना शुरू कर दिया है। जिन लोगों को बार-बार संक्रमण होता है उनमें जटिलताओं का खतरा अधिक होता है। बांग्लादेश में 1960 के दशक से डेंगू के मामले दर्ज किए गए हैं, लेकिन डेंगू रक्तस्रावी बुखार का पहला प्रकोप 2000 में दर्ज किया गया था, जो इस बीमारी का एक गंभीर और कभी-कभी घातक लक्षण है। अल जज़ीरा के अनुसार, बीमारी का कारण बनने वाला वायरस अब बांग्लादेश के लिए स्थानिक है, जहां सदी की शुरुआत के बाद से इसका प्रकोप बदतर होने की प्रवृत्ति देखी गई है।

आपको बतादें कि डेंगू उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में पाई जाने वाली एक बीमारी है और इससे तेज बुखार, सिरदर्द, मतली, उल्टी, मांसपेशियों में दर्द और सबसे गंभीर मामलों में रक्तस्राव होता है जिससे मृत्यु हो सकती है।

 

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